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6वीं क्लास की बैगा छात्रा की मौत से मचा हड़कंप, आश्रम और स्वास्थ्य व्यवस्था की खुली पोल, जानें क्या है पूरा मामला

Kawardha News: ग्राम पोलमी स्थित विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा आवासीय विद्यालय में पढऩे वाली कक्षा 6वीं की छात्रा राजेश्वरी पिता सुखघर बैगा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। यह मौत बीमारी से ज़्यादा लापरवाही का नतीजा नजर आ रही है।

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मौत (Photo source- Patrika)
मौत (Photo source- Patrika)

CG News: बैगा समुदाय की एक छात्रा की मौत ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या बैगा-आदिवासी बच्चों की जान की कीमत सिस्टम के लिए कुछ भी नहीं है। ग्राम पोलमी स्थित विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा आवासीय विद्यालय में पढऩे वाली कक्षा 6वीं की छात्रा राजेश्वरी पिता सुखघर बैगा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। यह मौत बीमारी से ज़्यादा लापरवाही का नतीजा नजर आ रही है।

शनिवार को परीक्षा देने के बाद राजेश्वरी की तबीयत अचानक बिगड़ गई। आश्रम अधीक्षिका उसे उपस्वास्थ्य केंद्र पोलमी लेकर पहुंची। वहां मौजूद नर्स ने स्पष्ट कहा बच्ची की हालत गंभीर है तुरंत कुकदुर अस्पताल ले जाओ। यहीं से लापरवाही की शुरुआत हुई। नर्स ने कुकदुर रेफर करने की बात तो कही, लेकिन लिखित रेफर लेटर नहीं बनाया गया।

स्वास्थ्य नियमों के मुताबिक गंभीर मरीज को बिना रेफर दस्तावेज के उच्च केंद्र भेजना बड़ी चूक मानी जाती है। इसके बावजूद न तो स्वास्थ्य केंद्र ने जिम्मेदारी निभाई और न ही आश्रम अधीक्षिका ने संवेदनशीलता दिखाई। यहां पर अधीक्षिका तुरंत ही बच्ची को कुकदुर अस्पताल ले जाती, लेकिन नहीं। तब तक परिजन अस्पताल पहुंचे, जहां पर अधीक्षिका ने बच्ची को सौंप दिया। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि गंभीर हालत में छात्रा को कुकदुर अस्पताल ले जाने के बजाय परिजनों उसे सीधे अपने घर ले गए।

रात में जब बच्ची की हालत और अधिक बिगड़ गई, तब परिजन उसे लेकर कुकदुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। इलाज शुरू होने से पहले ही राजेश्वरी की मौत हो गई।

जिलास्तरीय जांच समिति गठित की जाएगी

आदिमजाति कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त लक्ष्मी प्रसाद पटेल ने कहा है कि मामले की जानकारी मिलते ही वे स्वयं आश्रम पहुंचे और पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि छात्रा की तबीयत एक दिन पहले खराब हुई थी। वह अर्धवार्षिक परीक्षा देकर लौटी थी, जिसके बाद अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई। छात्रा को तत्काल पोलमी स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार किया गया।

सहायक आयुक्त ने स्वीकार किया कि प्राथमिक उपचार के बाद छात्रा को पोलमी के नयापारा स्थित उसके घर परिजन लेकर चले गए। इसी रात उसकी तबीयत और ज्यादा बिगड़ गई, जिसके बाद परिजन उसे कुकदुर स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। वहां उपचार के दौरान छात्रा की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि मृतका का पोस्टमार्टम कराया जा चुका है, जिससे मौत के वास्तविक कारण स्पष्ट होंगे। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। सहायक आयुक्त लक्ष्मी प्रसाद पटेल ने कहा कि कलेक्टर के दिशा-निर्देश पर पूरे घटनाक्रम की जांच के लिए जिलास्तरीय जांच समिति गठित की जाएगी।

पहले भी जा चुकी हैं आदिवासी बच्चे की जान

यह पहला मामला नहीं है। बीते माह नवंबर में बालक आश्रम कुई में कक्षा 4 के छात्र को भी गंभीर हालत में घर भेज दिया गया था, जहां उसी रात उसकी मौत हो गई। वहीं आदिवासी कन्या आश्रम कुई में अधीक्षिका की पिटाई से एक छात्रा की तबीयत बिगड़ चुकी है। इन घटनाओं ने साबित कर दिया है कि आदिवासी आश्रमों में बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य केवल कागजों तक सीमित है।

उपस्वास्थ्य केंद्र में ईलाज किया गया

दूसरी ओर पंडरिया बीएमओ राकेश प्रेमी का कहना है कि छात्रा को ईलाज के लिए पोलमी उपस्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। बताया गया कि बच्ची उल्टी कर रही थी। ऐसे में नर्स ने उसका प्राथमिक उपचार किया और कुकदुर ले जाने के कहा। इसके बाद आश्रम प्रबंधन और परिजनों के जिम्मेदारी थी कि वह बच्ची को तुरंत कुकदुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाते, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

सीएचओ, आरएमओ की सफाई

उप स्वास्थ्य केंद्र पोलमी की सीएचओ भाविका चंद्रवंशी ने बताया कि वे उस समय कुकदुर सीएचसी गई थीं। केंद्र में नर्स मौजूद थी और कुकदुर रेफर की सलाह दी गई थी। हालांकि उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि रेफर लेटर मौखिक रूप से कहा गया, लिखित नहीं बनाया गया। वहीं पंडरीपानी से अटैचमेंट पर आई फीमेल आरएमओ रंजना राजपूत भी उस समय केंद्र में थीं लेकिन संलग्नीकरण का हवाला देकर जिम्मेदारी से बचती नजर आई।

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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