AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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आंगनबाड़ी केंद्रों 65 हजार बच्चों का भोजन उधार के मिर्च, मसाला और ईंधन से पक रहा है। इसकी वजह साझा-चूल्हा योजना में भोजन पकाने के लिए समय से राशि जारी नहीं हो रही है। दुकानदारों ने समूहों को उधार सामग्री देने से हाथ खड़े कर दिए हैं। भुगतान को लेकर साझा-चूल्हा में भोजन परोसने वाली महिलाएं लामबंद हो गई हैं। प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी का दावा है कि सितंबर तक भुगतान की प्रक्रिया पूरी हो गई है। अक्टूबर, नवंबर के भुगतान की प्रक्रिया चल रही है।
जिले में साझा-चूल्हा के तहत 983 केंद्रों पर समूह की महिलाएं बच्चों को भोजन खिला रही हैं। भोजन पकाने के लिए केंद्रों के बच्चों की संख्या के आधार पर न्यूनतम 3 हजार और अधिकतम 15 हजार रुपए तक भुगतान होता है। पुनासा में दो केंद्र संचालित हैं। पांच-पांच हजार रुपए की दर से सामग्री क्रय करने की राशि जारी होती है। जुलाई से अब तक दोनों केंद्र पर 50 हजार का भुगतान लंबित है। दुकानदारों ने उधार में सामग्री देना बंद कर दिया है। जैसे-तैसे उधार के मिर्च, मसाला और तेल से खर्च चल रहा है। इसी तरह अन्य केंद्रों का भुगतान लंबित है।
-साझा-चूल्हा में भोजन पकाने वाले समूहों का खाता पांच अलग-अलग बैंकों में है। सबसे अधिक नर्मदा झाबुआ बैंक में 500 खाते हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी का कहना है कि बैंक का आईएफएस कोड बदल गया है। इस बैंक के अलावा अन्य बैंकों की राशि सितंबर माह तक जारी हो गई है। समूह की महिलाओं का कहना है कि साझा-चूल्हा में सितंबर माह तक राशि सिर्फ चार बैंकों से जारी हुई है। उसमें भी अभी शत प्रतिशत खाते में राशि नहीं पहुंची है। सबसे अधिक खाते नर्मदा झाबुआ बैंक में हैं।
रसोईया को प्रति माह 500 रुपए मानदेय मिलता है। हर माह आठ लाख रुपए जारी होता है। दो माह का मानदेय 16 लाख रुपए बकाया है। प्रांतीय महिला स्व सहायता समूह महासंघ की अगुवाई में रसोईया संघ की महिलाओं आवेदन दिया है। उन्हें दो माह से मानदेय नहीं मिला है।
साझा-चूल्हा योजना में बच्चों को भोजन परोसने हर माह 1100 क्विंटल गेहूं व चावल का आवंटन जारी हो रहा है। इसमें 859 क्विंटल गेहूं और 266 क्विंटल चावल मिल रहा है। खाद्यान्न पर हर माह 22 लाख 67 लाख 133 रुपए डिमांड होती है। बच्चों के संख्या के आधार पर आंकड़े में मामूली अंतर भी आता है।
हर माह समय से जारी नहीं हो रही राशि
पोषण ट्रैकर में अटका रहे प्रक्रिया-अक्टूबर, नंबवर, दिसंबर का भुगतान लंबित
कर्मचारियों पर भुगतान लटकाने का आरोप-दुकानों पर उधार में नहीं मिल रही सामग्री
कई समूहों ने कर्ज लेकर बच्चों को खिला रहे भोजन-कर्मचारी बैंक कोड के बहाने जारी नहीं कर रहे राशि
आयुक्त ने मांगा स्पष्टीकरण
सांझा-चूल्हा समूह के भुगतान समय से नहीं होने पर महिला बाल विकास की आयुक्त निधि निवेदिता ने खंडवा समेत प्रदेश के 22 जिलों के कार्यक्रम अधिकारी को पत्र जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। नोटिस जारी कर कहा है कि सितंबर, अक्टूबर और नवंबर माह में देयकों का बिल समय से प्रस्तुत नहीं किया गया है। इससे भुगतान प्रभावित है।
इनका कहना...सितंबर माह तक भुगतान कर दिया गया है। अक्टूबर, नवंबर माह के भुगतान की कागजी प्रक्रिया चल रही है। कुछ समूहों का भुगतान बैंक में आईएफएस कोड बदलने के कारण लंबित है वह भी जल्द हो जाएगा।
पूजा राठौर, प्रभारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं सीडीपीओ
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Published on:
27 Dec 2025 11:38 am


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