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जीजा की डिग्री पर इंजीनियर साला बन गया डॉक्टर, तीन साल से कर रहा था इलाज

Lalitpur Fake Cardiologist News : ललितपुर के मेडिकल कॉलेज में एक फर्जीवाडे का खुलासा हुआ है। यहां जीजा की डिग्री लगाकर इंजीनियर साला मरीजों की जान से तीन साल से खिलवाड़ कर रहा था।

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ललितपुर मेडिकल कॉलेज में इलाज कर रहा था फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट, PC- Patrika

ललितपुर : ललितपुर में एक इंजीनियर साला अपने जीजा की डिग्री लगाकर डॉक्टर बन गया। वह तीन साल से ललितपुर के मेडिकल कॉलेज में इलाज कर रहा था, जिसकी नियुक्ति संविदा पर हुई थी। बताया जा रहा है वह महीने का 1.5 लाख रुपए वेतन ले रहा था। घर में जब संपत्ति को लेकर विवाद हुआ तो बहन ने इसकी शिकायत कर दी। इसके बाद मामले का खुलासा हुआ।

मामला ललितपुर मेडिकल कॉलेज का है, यहां पदस्थ एक कार्डियोलॉजिस्ट अपने जीजा डॉ. राजीव जैन की डिग्री पर पिछले तीन वर्ष से कार्य कर रहा था। यह पूरा प्रकरण तब उजागर हुआ जब डॉ. सोनाली सिंह ने पारिवारिक संपत्ति के विवाद के चलते मेडिकल कॉलेज प्रशासन और जिला प्रशासन को लिखित शिकायती पत्र सौंपा। शिकायत करने वाली महिला डॉ. सोनाली सिंह खुद आरोपी डॉक्टर की सगी बहन और फर्जी डिग्री के असली मालिक डॉ. राजीव जैन की पत्नी हैं, जो वर्तमान में अमेरिका में रहती हैं।

पत्र में उन्होंने स्पष्ट रूप से आरोप लगाया कि उनका देवर डॉ. अभिनव गुप्ता उनके पति डॉ. राजीव जैन की डिग्री, मार्कशीट और अन्य जरूरी दस्तावेजों का उपयोग करके ललितपुर मेडिकल कॉलेज में कार्डियोलॉजिस्ट के पद पर कार्यरत है। शिकायत के साथ उन्होंने ठोस सबूत भी पेश किए और फोटो मिलान के साथ-साथ सभी दस्तावेजों के सत्यापन की मांग की।

आरोपी ने दिया इस्तीफा, बैकग्राउंड भी संदिग्ध

शिकायत मिलते ही आरोपी डॉ. अभिनव गुप्ता ने तुरंत पद से इस्तीफा दे दिया। सूत्रों से पता चला है कि अभिनव गुप्ता ने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल कर रखी है और उसके पास चिकित्सा क्षेत्र में कोई वैध डिग्री नहीं है।

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मयंक शुक्ला ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'यह व्यक्ति डिप्लोमा धारी कार्डियोलॉजिस्ट के पद पर संविदा आधार पर नियुक्त था। इसे सीसीयू में रखा गया था और यह कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष के अधीन सामान्य ड्यूटी करता था। रूटीन जांच और मॉनिटरिंग का काम देखता था। उन्होंने आगे कहा कि अभिनव को कोई जोखिम भरा काम नहीं दिया गया था, जिसकी वजह से मरीजों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।

तीन डॉक्टरों की टीम गठित, जांच शुरू

मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) ने तीन वरिष्ठ डॉक्टरों की टीम गठित कर दी है, जो पूरे प्रकरण की गहन जांच कर रही है। सीएमओ ने बताया कि जांच रिपोर्ट आने के बाद संबंधित व्यक्ति के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की जाएगी।

नियुक्ति प्रक्रिया पर उठ रहे सवाल

अभिनव की नियुक्ति के बाद मेडिकल कॉलेज की चयन समिति की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। आखिर फर्जी डिग्री के आधार पर संविदा नियुक्ति कैसे हो गई? दस्तावेजों का मूल सत्यापन क्यों नहीं किया गया? तीन साल तक कोई शक क्यों नहीं हुआ?

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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लव सोनकर

लव सोनकर

लव सोनकर - 9 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। पिछले 7 सालों से डिजिटल मीडिया से जुड़े हुए हैं और कई संस्थानों में अपना योगदान दि है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता ए...और पढ़ें...


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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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