Patrika Logo
Switch to English
होम

होम

वीडियो

वीडियो

प्लस

प्लस

ई-पेपर

ई-पेपर

प्रोफाइल

प्रोफाइल

फिंगरप्रिंट मैचिंग का तरीका बदलेगा AI: फॉरेंसिक साइंस में बड़ी क्रांति, 99.99% सटीकता के साथ पकड़े जाएंगे मुजरिम?

AI Fingerprint Study: क्या बचपन से हम गलत जानते थे? AI ने साबित किया कि फिंगरप्रिंट यूनिक नहीं होते। इस खुलासे से फॉरेंसिक साइंस में आएगी बड़ी क्रांति? पढ़ें पूरी खबर।

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

पूरी खबर सुनें
  • 170 से अधिक देशों पर नई टैरिफ दरें लागू
  • चीन पर सर्वाधिक 34% टैरिफ
  • भारत पर 27% पार्सलट्रिक टैरिफ
पूरी खबर सुनें
AI Fingerprint Study
AI Fingerprint Study (Image: Freepik)

AI Fingerprint Study: बचपन से हम और आप यही सुनते आए हैं कि दुनिया में हर इंसान का फिंगरप्रिंट यूनिक होता है। यहां तक कि हमारे खुद के हाथ की सारी उंगलियों के निशान भी एक-दूसरे से पूरी तरह अलग होते हैं। फिल्मों और टीवी सीरियल्स में भी हमने यही देखा है कि पुलिस फिंगरप्रिंट मिलाकर मुजरिम तक पहुंचती है। लेकिन क्या हो अगर हम कहें कि सालों से चला आ रहा ये यकीन सिर्फ एक वहम था? जी हां, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने अब इस 100 साल पुराने सच को झूठ साबित कर दिया है।

कोलंबिया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने हाल ही में एक ऐसी रिसर्च की है, जिसने फॉरेंसिक दुनिया में हलचल मचा दी है। आइए आसान भाषा में समझते हैं कि आखिर माजरा क्या है।

इंसानी आंख से जो छिपा रहा, वो AI ने देख लिया

दरअसल, अब तक फिंगरप्रिंट की जांच जिस तरीके से होती थी, उसमें बहुत बारीक लकीरों और बिंदुओं (जिसे मिन्यूशिया कहते हैं) का मिलान किया जाता था। इंसानी नजर और पुराने कंप्यूटर इसी पर फोकस करते थे। इसीलिए माना जाता था कि आपके अंगूठे का निशान आपकी ही तर्जनी (Index Finger) से मेल नहीं खाता।

लेकिन वैज्ञानिकों ने जब एक खास तरह के AI को 60,000 से ज्यादा फिंगरप्रिंट दिखाए, तो उसने कुछ और ही पकड़ लिया। AI ने बारीक लकीरों की जगह उंगलियों के बीच बने पैटर्न और घुमाव (Curvature) पर ध्यान दिया। उसने बता दिया कि एक ही इंसान की अलग-अलग उंगलियों के बीच गहरा कनेक्शन होता है।

99.99% की जबरदस्त सटीकता

रिसर्च के नतीजे हैरान करने वाले थे। जब AI सिस्टम को अलग-अलग उंगलियों के जोड़े दिखाए गए, तो उसने 77% सही बताया कि ये एक ही बंदे के हैं या नहीं। और जब उसे एक साथ कई उंगलियों के सैंपल दिए गए, तो उसकी सटीकता 99.99% तक पहुंच गई। यानी गलती की गुंजाइश न के बराबर।

अपराधियों के लिए अब बच पाना मुश्किल

अब सवाल ये है कि इस रिसर्च से आम जिंदगी या पुलिस की जांच पर क्या असर पड़ेगा? इसका जवाब बहुत दिलचस्प है।

मान लीजिए किसी अपराधी ने एक जगह चोरी की और वहां गलती से उसकी तर्जनी (Index Finger) का निशान रह गया। वही अपराधी किसी दूसरे शहर में मर्डर करता है और वहां उसके अंगूठे का निशान मिलता है। पुराने सिस्टम के हिसाब से पुलिस कभी नहीं जान पाती कि ये दोनों काम एक ही आदमी ने किए हैं, क्योंकि तर्जनी और अंगूठे के निशान अलग-अलग माने जाते थे।

लेकिन यह नई टेक्नोलॉजी तुरंत बता देगी कि दोनों निशान एक ही व्यक्ति के हैं। रिपोर्ट बताती है कि इससे पुलिस की संदिग्धों की लिस्ट 90 फीसदी तक छोटी हो जाएगी। यानी जिसे पकड़ने में सालों लगते थे, वो काम अब चुटकियों में हो सकेगा।

भविष्य की तैयारी

वैज्ञानिकों ने यह भी सुनिश्चित किया है कि यह सिस्टम हर तरह के लोगों, चाहे वो किसी भी लिंग या नस्ल के हों, पर बराबर काम करे। हालांकि, इसे पूरी दुनिया के थानों में इस्तेमाल करने से पहले अभी और बड़े डेटाबेस पर टेस्ट किया जाएगा। लेकिन एक बात तो तय है कानून के हाथ अब पहले से भी ज्यादा लंबे और हाई-टेक होने वाले हैं।

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

अभी चर्चा में
(35 कमेंट्स)

User Avatar

आपकी राय

आपकी राय

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?

लव सोनकर

लव सोनकर

लव सोनकर - 9 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। पिछले 7 सालों से डिजिटल मीडिया से जुड़े हुए हैं और कई संस्थानों में अपना योगदान दि है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता ए...और पढ़ें...


ट्रेंडिंग वीडियो

टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

User Avatar