AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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Smartphone Price Hike: क्या आप भी अपना पुराना हैंडसेट बदलकर नया चमचमाता स्मार्टफोन खरीदने का प्लान बना रहे हैं? या फिर किसी दिवाली सेल जैसी छूट के इंतजार में बैठे हैं? अगर हां, तो यह खबर आपके लिए थोड़ी चिंताजनक हो सकती है। मोबाइल बाजार के हालात कुछ ऐसे बन रहे हैं कि आने वाले दिनों में स्मार्टफोन खरीदना आपकी जेब पर भारी पड़ सकता है।
बाजार के जानकारों का कहना है कि स्मार्टफोन्स की कीमतें तेजी से बढ़ने वाली हैं। इसके पीछे कोई टैक्स या ड्यूटी नहीं, बल्कि वह नई टेक्नोलॉजी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) है जिसकी आजकल पूरी दुनिया में चर्चा है।
अब आप सोचेंगे कि AI तो काम आसान करने के लिए है, इससे फोन महंगा क्यों होगा? दरअसल, पूरी कहानी सप्लाई और डिमांड की है। Google, Microsoft और OpenAI जैसी दुनिया की दिग्गज टेक कंपनियां अपने AI मॉडल्स (जैसे ChatGPT) को चलाने के लिए पानी की तरह पैसा बहा रही हैं। इन AI सिस्टम्स को चलाने के लिए बहुत ज्यादा और बहुत तेज मेमोरी (RAM) की जरूरत होती है।
सैमसंग (Samsung) और एसके हाइनीक्स (SK Hynix) जैसी कंपनियां, जो दुनिया भर में रैम (RAM) बनाती हैं, अब अपना पूरा फोकस इन बड़ी AI कंपनियों की डिमांड पूरी करने पर लगा रही हैं। वजह साफ है वहां उन्हें आम मोबाइल कस्टमर के मुकाबले ज्यादा मुनाफा मिल रहा है। इसका नतीजा यह हुआ कि मोबाइल फोन में लगने वाली सामान्य रैम की बाजार में किल्लत हो गई है।
यह सिर्फ हवा-हवाई बातें नहीं हैं, बाजार में इसका असर दिखना शुरू भी हो गया है।
Oppo का झटका: ओप्पो का मिड-रेंज फोन Reno 14 जब लॉन्च हुआ था तो इसकी कीमत 37,999 रुपये थी। अब अगर आप अमेजन चेक करेंगे, तो यह 39,999 रुपये में मिल रहा है। यानी सीधे 2 हजार रुपये की बढ़ोतरी।
Samsung की अजीब स्थिति: सैमसंग के Galaxy A17 (8GB रैम) मॉडल को देखें तो वह वेबसाइट पर आउट ऑफ स्टॉक हो गया है। हैरानी की बात यह है कि अब कंपनी इसका छोटा वैरिएंट (6GB रैम) 19,499 रुपये में बेच रही है जो कि पहले वाले 8GB मॉडल की लॉन्च कीमत (18,999 रुपये) से भी ज्यादा है।
हालात की गंभीरता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मेमोरी कंपनी माइक्रोन (Micron) ने अपने कंज्यूमर ब्रांड को बंद करने का फैसला कर लिया है। कंपनी ने साफ कर दिया है कि वह अब सिर्फ AI और बड़ी कंपनियों के लिए ही चिप बनाएगी।
स्मार्टफोन कंपनियों के अधिकारी भी दबी जुबान में स्वीकार कर रहे हैं कि महंगाई आने वाली है। Realme के प्रोडक्ट मार्केटिंग हेड फ्रांसिस वोंग ने साफ संकेत दिया है कि "2026 से कीमतें सिर्फ ऊपर ही जाएंगी।"
CMF by Nothing के वाइस प्रेसिडेंट हिमांशु टंडन का अनुमान है कि फ्लैगशिप (महंगे) फोन्स की कीमतों में 7 से 10% तक की बढ़ोतरी हो सकती है। वहीं, बजट और मिड-रेंज फोन भी 4 से 8% तक महंगे हो सकते हैं।
ऐसे माहौल में सवाल उठता है कि क्या अभी फोन खरीदना सही है? बाजार विश्लेषकों (Market Analysts) की राय मानें तो मेमोरी और स्टोरेज मार्केट अभी बहुत अस्थिर है। आने वाले महीनों में कीमतें कम होने के आसार कम ही दिख रहे हैं।
इसलिए, एक्सपर्ट्स का सुझाव यही है कि अगर आपको फोन की सख्त जरूरत है, तो बहुत लंबे समय तक कीमतों के गिरने का इंतजार करना घाटे का सौदा हो सकता है। हो सकता है कि आज जो फोन आपके बजट में है, कल वह महंगा हो जाए या फिर उसी कीमत में आपको कम रैम वाला फोन मिले। फैसला आपको अपनी जरूरत और जेब देखकर लेना है, लेकिन बाजार का इशारा साफ है महंगाई की लहर बस आने ही वाली है।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Updated on:
16 Dec 2025 05:39 pm
Published on:
16 Dec 2025 05:30 pm


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