AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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New Year 2026 Special: नए साल का जश्न हर देश में अलग रंग और परंपराओं के साथ मनाया जाता है। कहीं आतिशबाज़ी से स्वागत होता है, तो कहीं आधी रात ठीक 12 बजे लोग 12 महीनों के नाम 12 अंगूर खाते हैं और आने वाले साल के लिए खुशहाली की कामना करते हैं। ये अनोखे रिवाज नए साल को सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि आस्था और उम्मीदों से जुड़ा उत्सव बना देते हैं।
कंबोडिया में नया साल धार्मिक और पारिवारिक भावनाओं से जुड़ा होता है। इस मौके पर लोग मंदिरों में जाकर अगरबत्ती और धूप जलाते हैं और भगवान बुद्ध से सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। नए साल के दूसरे दिन पूर्वजों की स्मृति में पूजा की जाती है और जरूरतमंदों को दान दिया जाता है। तीसरे दिन घर के बुजुर्गों और बुद्ध की प्रतिमाओं के चरण धोने की परंपरा है, जिसे नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और शुभता लाने का प्रतीक माना जाता है।
एशियाई देशों में नए साल का स्वागत काफी आध्यात्मिक तरीके से किया जाता है। जापान और कोरिया में नए साल की रात मंदिरों में घंटियों की गूंज सुनाई देती है। यहां एक या दो नहीं, बल्कि पूरे 108 बार घंटी बजाई जाती है। बौद्ध मान्यता के अनुसार, ये 108 घंटियां इंसान के 108 दोषों को दूर करने का प्रतीक मानी जाती हैं। माना जाता है कि इससे व्यक्ति नए साल में शुद्ध मन और सकारात्मक ऊर्जा के साथ प्रवेश करता है।
नीदरलैंड्स में नया साल थोड़ा रोमांच भरे अंदाज़ में मनाया जाता है। यहां लोग ठंड की परवाह किए बिना नए साल की सुबह समुद्र में डुबकी लगाते हैं। एम्स्टर्डम के पास स्थित शेवेनिंगेन बीच पर हजारों लोग इकट्ठा होकर समुद्र में कूदते हैं। इस परंपरा को अच्छी सेहत और खुशहाल साल की शुरुआत से जोड़ा जाता है।
अमेरिका में न्यू ईयर सेलिब्रेशन की बात हो और न्यूयॉर्क का टाइम्स स्क्वेयर याद न आए, ऐसा हो ही नहीं सकता। यहां हर साल लाखों लोग न्यू ईयर ईव पर इकट्ठा होते हैं। जैसे-जैसे घड़ी 12 बजने के करीब आती है, सभी की नजरें एक बड़ी चमकदार गेंद पर टिक जाती हैं, जो ऊंचे खंभे से नीचे गिरती है। इसे बॉल ड्रॉप कहा जाता है और यही अमेरिका में नए साल के आगमन का सबसे बड़ा प्रतीक माना जाता है।
स्पेन में नए साल का जश्न खाने से जुड़ा हुआ है, लेकिन बेहद खास तरीके से। यहां रात ठीक 12 बजे 12 अंगूर खाए जाते हैं, जो साल के 12 महीनों का प्रतीक होते हैं। हर घंटी बजने पर एक अंगूर खाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह परंपरा पूरे साल खुशकिस्मती और समृद्धि लाती है। इसी वजह से इन्हें “किस्मत के अंगूर” भी कहा जाता है। इसके बाद लोग सड़कों पर उतरकर डांस और म्यूजिक के साथ नए साल का स्वागत करते हैं।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
25 Dec 2025 10:02 pm


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