AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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Codeine Syrup Scam Widens: उत्तर प्रदेश में नशीले कफ सिरप की अवैध तस्करी को लेकर सामने आ रहे खुलासे लगातार चौंकाने वाले साबित हो रहे हैं। अब इस बहुचर्चित कोडीन सिरप कांड में लखनऊ की एक फर्म का नाम सामने आने से हड़कंप मच गया है। जांच में खुलासा हुआ है कि राजधानी लखनऊ स्थित मेसर्स कान्हा फार्मास्युटिकल्स से भी बड़ी मात्रा में कोडीन युक्त कफ सिरप की तस्करी की गई, जिसे प्रदेश के कई शहरों में नशे के लिए बेचा गया। औषधि प्रशासन ने इस मामले में इंदिरा नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है।
औषधि निरीक्षक विवेक कुमार सिंह की तहरीर पर इंदिरा नगर पुलिस ने कान्हा फार्मास्युटिकल्स के संचालक आरुष सक्सेना के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। एफआईआर में आरोप है कि साजिश के तहत नियमों को ताक पर रखकर कोडीन युक्त कफ सिरप की खरीद-फरोख्त की गई और उसे नशे के उद्देश्य से अलग-अलग शहरों में सप्लाई किया गया। यह मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग, पुलिस और एसटीएफ की सक्रियता और तेज हो गई है।
एफआईआर के मुताबिक, औषधि विभाग ने 11 और 12 अक्टूबर को मेसर्स आर्षिक फार्मास्युटिकल्स प्रा. लि. और मेसर्स इधिका लाइफसाइंसेज की जांच की थी। इस दौरान पता चला कि तकरोही स्थित मेसर्स कान्हा फार्मास्युटिकल्स ने 1 अप्रैल 2024 से 31 अक्टूबर 2024 के बीच 11,783 शीशी कोडीन युक्त कफ सिरप की खरीद की थी। इतनी बड़ी मात्रा में सिरप की खरीद को लेकर औषधि विभाग को संदेह हुआ और जांच का दायरा बढ़ाया गया।
उच्चाधिकारियों के निर्देश पर रायबरेली के औषधि निरीक्षक शिवेंद्र प्रताप सिंह ने विस्तृत जांच की। जांच में सामने आया कि मेसर्स अजय फार्मा, कल्लू का पुरवा, रतापुर, रायबरेली ने भी कान्हा फार्मास्युटिकल्स को बड़ी मात्रा में कोडीन सिरप की सप्लाई की थी। इसके अलावा यह भी उजागर हुआ कि मेसर्स अजय फार्मा ने मेसर्स बायोहब लाइफसाइंसेज, ट्रांसपोर्ट नगर से खरीदे गए सिरप की बिक्री भी की।
जांच का दायरा आगे बढ़ा तो कानपुर नगर से भी अहम जानकारियां सामने आईं। कानपुर नगर के औषधि निरीक्षक ओमपाल सिंह ने विभाग को बताया कि आरोपी आरुष सक्सेना ने मेसर्स मेडिसीना हेल्थ केयर, कोपरगंज, कानपुर से भी बड़ी मात्रा में कफ सिरप खरीदा था। इसके अलावा मेसर्स अग्रवाल ब्रदर्स, बिरहाना रोड, कानपुर से भी कफ सिरप की खरीदारी की गई।
जांच एजेंसियों का आरोप है कि आरोपी ने अलग-अलग जिलों की फार्मा कंपनियों से कम कीमत पर कफ सिरप खरीदकर उसे नशे के बाजार में कई गुना महंगे दामों पर बेचा। यह सिरप सामान्य चिकित्सकीय उपयोग के बजाय नशे के लिए इस्तेमाल किया गया, जिससे युवाओं और समाज पर गंभीर दुष्प्रभाव पड़े।
औषधि प्रशासन का कहना है कि फर्म के संचालक आरुष सक्सेना को कई बार पत्र भेजकर दस्तावेजों के साथ बुलाया गया, लेकिन वह एक भी बार उपस्थित नहीं हुआ। इसके बाद जब टीम पोर्टल पर दर्ज पते पर पहुंची, तो वहां एक जनरल स्टोर मिला। पूछताछ में पता चला कि दुकान के मालिक मोहम्मद अहसान हैं, जो वर्तमान में दुबई में रहते हैं।
स्थानीय लोगों ने बताया कि आरुष सक्सेना ने चार-पांच महीने पहले ही दुकान खाली कर दी थी। पोर्टल पर दर्ज मोबाइल नंबर पर संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन आरोपी से बात नहीं हो सकी। दस्तावेजों के अभाव में उसके क्रय-विक्रय का सत्यापन भी नहीं हो पाया। औषधि विभाग की ओर से भेजे गए नोटिस का भी कोई जवाब नहीं दिया गया।
कोडीन सिरप कांड को लेकर प्रदेश की राजनीति भी गरमा गई है। विपक्षी दल सरकार पर नशीली दवाओं की तस्करी रोकने में नाकामी का आरोप लगा रहे हैं, वहीं सरकार का दावा है कि पूरे नेटवर्क को तोड़ने के लिए सख्त कार्रवाई की जा रही है। सरकार और प्रशासन का कहना है कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
इस पूरे मामले में सुशांत गोल्फ सिटी थाने में पहले से दर्ज एफआईआर में अब एनडीपीएस एक्ट की धाराएं और कड़ी की जाएंगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद पुलिस ने यह फैसला लिया है। इसी कांड में पहले एसटीएफ से बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह और उसके साथियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। एसटीएफ अब इस तस्करी नेटवर्क से जुड़े अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी है।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
21 Dec 2025 11:30 am


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