AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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Good News Shiksha Mitra : उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। लंबे समय से मानदेय बढ़ोतरी की मांग कर रहे शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को लेकर सरकार ने सकारात्मक संकेत दिए हैं। विधान परिषद में एक प्रश्न के उत्तर में बेसिक शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि उनके मानदेय में वृद्धि को लेकर सरकार जल्द निर्णय लेगी। इस बयान के बाद प्रदेश भर के शिक्षामित्रों और अनुदेशकों में नई उम्मीद जगी है।
यह मुद्दा समाजवादी पार्टी के सदस्य आशुतोष सिन्हा ने प्रश्न प्रहर के दौरान उठाया। उन्होंने सरकार से पूछा कि शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के मानदेय में वृद्धि को लेकर क्या कोई समिति गठित की गई है और सरकार की क्या मंशा है। इस पर बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने विधान परिषद को अवगत कराया कि इस विषय पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है और जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।

उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलहाल मानदेय बढ़ोतरी के लिए किसी समिति का गठन नहीं किया गया है, लेकिन सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठाने की तैयारी में है। संदीप सिंह ने यह भी कहा कि जैसे ही इस संबंध में कोई निर्णय लिया जाएगा, सदन को यथासमय इसकी जानकारी दी जाएगी।
गौरतलब है कि प्रदेश में बड़ी संख्या में शिक्षामित्र और अनुदेशक कार्यरत हैं, जो वर्षों से सीमित मानदेय में शिक्षा व्यवस्था को संभाल रहे हैं। बढ़ती महंगाई के बीच मानदेय में वृद्धि की मांग लगातार उठती रही है। सदन में सरकार के इस बयान को शिक्षामित्रों के लिए सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
प्रश्न प्रहर के दौरान ही डॉ. मान सिंह यादव ने वित्तविहीन शिक्षकों को मिलने वाली सुविधाओं का मुद्दा उठाया। इस पर नेता सदन और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने जानकारी दी कि वित्तविहीन शिक्षकों को कैशलेस इलाज की सुविधा देने के लिए 89 करोड़ रुपये से अधिक का बजट स्वीकृत किया गया है। उन्होंने बताया कि जल्द ही इस योजना से संबंधित शासनादेश भी जारी कर दिया जाएगा, जिससे वित्तविहीन शिक्षकों को स्वास्थ्य सुविधाओं में राहत मिलेगी। इस घोषणा को भी शिक्षक समुदाय के लिए एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।
शिक्षक दल के नेता ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों को जीपीएफ (जनरल प्रोविडेंट फंड) भुगतान में आ रही दिक्कतों का मुद्दा सदन में रखा। उन्होंने कहा कि नव सृजित जिलों में प्रशासनिक समस्याओं के कारण शिक्षकों को समय पर जीपीएफ का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस पर नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य ने आश्वासन दिया कि छह माह के भीतर नव सृजित जिलों में आ रही सभी समस्याओं को दूर कर लिया जाएगा और शिक्षकों को उनका हक दिलाया जाएगा।
सपा के लाल बिहारी यादव ने निजी शिक्षा बोर्ड के प्रचार-प्रसार में सरकारी अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ अधिकारी निजी बोर्डों के प्रचार में लगे हुए हैं, जो नियमों के खिलाफ है। इस पर केशव प्रसाद मौर्य ने सदन को आश्वस्त किया कि इस मामले की जांच कराई जाएगी और यदि कोई अधिकारी दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सदन में विभिन्न जनहित से जुड़े मुद्दे भी उठाए गए। सपा सदस्य किरण पाल ने शामली जिले में नाले की गंभीर समस्या को उठाया। पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि एक सप्ताह के भीतर जांच कराकर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। वहीं, सपा के मुकुल यादव ने नगर पंचायत करहल में श्मशान न होने का मुद्दा उठाया। सरकार की ओर से जल्द ही वहां श्मशान की व्यवस्था कराने का आश्वासन दिया गया।
भाजपा के सदस्य देवेंद्र प्रताप सिंह ने सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, कपिलवस्तु में शिक्षक पदों पर भर्ती में गंभीर अनियमितताओं का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि रिश्वत लेकर अयोग्य लोगों का चयन किया गया और आरक्षण नियमों का पालन नहीं हुआ। इस पर नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य ने इसे गंभीर मामला बताते हुए कहा कि यदि जांच में आरक्षण प्रक्रिया के उल्लंघन की पुष्टि होती है, तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
भाजपा सदस्य रविशंकर ‘पप्पू भैया’ ने जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय, बलिया में जमीन दाता को कार्य परिषद में शामिल न किए जाने का मुद्दा उठाया। इस पर सरकार ने उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया। इसके साथ ही सदन में लखीमपुर खीरी से भारत-नेपाल सीमा होते हुए नैमिष और ओरछा (मध्य प्रदेश) तक एक्सप्रेसवे निर्माण की मांग भी रखी गई, जिसे क्षेत्रीय विकास से जोड़कर देखा गया।
विधान परिषद सदस्य विजय बहादुर पाठक ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से चीनी माझे की खुलेआम बिक्री पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह मानव जीवन और पशु-पक्षियों के लिए बेहद घातक साबित हो रहा है। सरकार ने इस पर संज्ञान लेते हुए संबंधित विभागों को कार्रवाई के निर्देश देने के संकेत दिए।
शिक्षक दल के ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने उत्तर प्रदेश काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के प्रोजेक्ट्स को लेकर प्रश्न उठाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की मेधा का सही उपयोग नहीं हो पा रहा है। सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने इस प्रश्न को प्रश्न एवं संदर्भ समिति को भेजने के निर्देश दिए, ताकि इस पर विस्तृत अध्ययन किया जा सके।
ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने विशेषाधिकार हनन के तहत जिलों में होने वाली बैठकों की सूचना समय पर न मिलने का मामला भी सदन में उठाया। वहीं, विधान परिषद के पूर्व सदस्य गोरख प्रसाद निषाद के निधन पर सदन में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
कुल मिलाकर, विधान परिषद की कार्यवाही शिक्षा से जुड़े मुद्दों, शिक्षकों की समस्याओं और जनहित के प्रश्नों पर केंद्रित रही। शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के मानदेय पर सरकार के सकारात्मक संकेत ने इस सत्र की सबसे बड़ी उपलब्धि के रूप में ध्यान खींचा है। अब सभी की नजरें सरकार के औपचारिक निर्णय और संभावित घोषणा पर टिकी हैं, जिससे प्रदेश के हजारों शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को वास्तविक राहत मिल सके।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
20 Dec 2025 11:18 am


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