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स्कूलों में पेयजल पर करोड़ों खर्च फिर भी शिवलाल पुरा स्कूल के बच्चे पानी को तरसे

पिछले छह माह से हैडपंप दे रहा बदबूदार पानी, संस्था प्रमुख ने दो बार पीएचई को लिखा पत्र, नहीं हो सकी सुनवाई, उल्टी दस्त के शिकार भी हो चुके हैं छात्र

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मुरैना. सरकारी स्कूलों में पेयजल व्यवस्था को लेकर पीएचई विभाग द्वारा करोड़ों रुपए खर्च किए जा चुके हैं। विकासखंड सबलगढ़ की ग्राम पंचायत शिवलालपुरा स्थित शासकीय माध्यमिक विद्यालय के छात्र-छात्राएं पिछले लगभग छह माह से गंदा और मिट्टी युक्त पानी पीने को मजबूर हैं। विद्यालय में स्वच्छ पेयजल व्यवस्था पूरी तरह से ठप है, लेकिन जिम्मेदार विभाग इस गंभीर समस्या पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।


शासन के निर्देश पर पीएचई विभाग द्वारा जिले के सरकारी स्कूलों में पेजयल के लिए प्रति स्कूल करीब सवा लाख रुपए खर्च करके हैडपंप में मोटर, स्कूल में टंकी, लेजम डालकर पेयजल की सप्लाई किए जाने का प्रावधान था लेकिन शिवलाल पुरा स्कूल में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई है। विद्यालय में 151 छात्र- छात्राएं और 6 शिक्षकों का स्टाफ है। स्कूल में पानी का अन्य कोई श्रोत न होने पर छात्र-छात्राएं हैडपंप से निकल रहे गंदे, मिट्टीयुक्त और दुर्गंध से भरे पानी को पीने के लिए मजबूर हैं। और मध्याह्न भोजन बनाने में भी इसी पानी का उपयोग किया जा रहा है। इससे बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। इस गंदे पानी के सेवन से कई बच्चे पेट दर्द और उल्टी-दस्त की शिकायत भी कर चुके हैं। ग्रामीणों की मांग है कि विद्यालय में तत्काल स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था की जाए, हैंडपंप की जांच कर उसे ठीक कराया जाए अथवा नई बोरिंग कराकर शुद्ध पानी की सप्लाई शुरू की जाए, ताकि बच्चों के स्वास्थ्य से हो रही खिलवाड़ को रोका जा सके।

ग्रामीण बोले: जल्द सुधार नहीं तो करेंगे आंदोलन

ग्रामीण और अभिभावकों में इस बात को लेकर भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि यदि किसी बड़े अधिकारी या जनप्रतिनिधि के बच्चों को इस तरह का पानी पीना पड़े तो क्या तब भी विभाग आंखें बंद रखेगा। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे स्कूल के सामने धरना-प्रदर्शन के साथ आंदोलन करेंगे।

दो बार लिखा पीएचई को पत्र, नहीं हुई सुनवाई

संस्था प्रमुख द्वारा पीएचई (लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग) 13 जनवरी 2025 एवं 08 जुलाई 2025 को पत्र लिखा जा चुका है। उसके बावजूद आज दिनांक तक न तो कोई अधिकारी विद्यालय पहुंचा और न ही समस्या के समाधान के लिए कोई कदम उठाया गया। पीएचई विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते किसी दिन गंभीर समस्या पैदा हो सकती है।

ये बोले जिम्मेदार

पीएचई विभाग को जब से हैडपंप खराब हुआ है अर्थात गंदा पानी दे रहा है, तब से दो बार पत्र लिखा जा चुका है लेकिन अधिकारियों द्वारा हैडपंप को दुरस्त करना तो दूर, मौके पर पहुंचकर देखा तक नहीं हैं।

वीरेन्द्र सिंह, हेडमास्टर, शासकीय मिडिल स्कूल, शिवलाल का पुरा

यह बात सही है कि स्कूल प्रमुख का पत्र मिला है, हैडपंप खराब होने की जानकारी मिली है, हम जल्द ही उसमें छड़ बदलवाकर हैडपंप को दुरस्त करवाते हैं, जिससे स्वच्छ पानी मिल सके।

विद्याराम यादव, एसडीओ, पीएचई

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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