AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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महाराष्ट्र में महानगरपालिका चुनावों से पहले सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। एक तरफ उद्धव ठाकरे की शिवसेना (उबाठा) और राज ठाकरे की मनसे के बीच गठबंधन से राजनीतिक माहौल गर्माया हुआ है, वहीं दूसरी ओर मुंबई में एनसीपी (शरद पवार) और शिवसेना (उद्धव गुट) के बीच संभावित गठबंधन का गणित बिगड़ता नजर आ रही है। मंगलवार रात दोनों दलों के नेताओं के बीच बीएमसी चुनाव को लेकर अहम बैठक हुई, लेकिन सीट बंटवारे को लेकर कोई ठोस सहमति नहीं बन सकी।
मिली जानकारी के अनुसार, मुंबई नगर निगम (BMC Election) की जिन सीटों पर दोनों दल दावा कर रहे हैं, खासकर वहां मामला उलझा हुआ है। कुर्ला, विक्रोली और धारावी जैसे इलाकों में 2017 के चुनाव में अविभाजित एनसीपी के नगरसेवक चुने गए थे, लेकिन इन्हीं सीटों को देने से उद्धव की शिवसेना ने इनकार कर दिया है।
खबर है कि बीएमसी चुनाव के लिए शरद पवार गुट ने शिवसेना (उबाठा) के सामने 30 सीटों का प्रस्ताव रखा था। हालांकि, उद्धव ठाकरे की पार्टी केवल 15 से 20 सीटें देने पर ही सहमत है। विवाद की मुख्य वजह वे सीटें हैं जहां 2017 में अविभाजित एनसीपी के नगरसेवक जीते थे। इसी वजह से गठबंधन पर फिलहाल असमंजस बना हुआ है।
इस बीच, एनसीपी (शरद पवार गुट) ने अब कांग्रेस के सामने भी गठबंधन का प्रस्ताव रखा है और करीब 50 सीटों की मांग की है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि मनसे और ठाकरे गुट के गठबंधन के चलते राष्ट्रवादी कांग्रेस के लिए नए समीकरण तलाशना मजबूरी बन गया है। ऐसे में शरद पवार की पार्टी खासकर बीएमसी चुनाव लड़ने के लिए किसी मजबूत साथी की तलाश में है।
एनसीपी (शरद पवार) के बीएमसी चुनाव के लिए प्रभारी रोहित पवार ने इस पूरे घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे का गठबंधन उनका आंतरिक मामला है। हमारे कुछ नेता कल उनकी पार्टी (उद्धव गुट) के नेताओं से मिले थे। इस दौरान चर्चा हुई कि हम किन सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं, पिछली बार किन सीटों पर जीत मिली थी और इस बार कहां जीत की संभावना है।
शरद गुट के विधायक रोहित पवार ने स्पष्ट किया कि एक-दो दिन में इस पर फैसला हो सकता है। अगर उचित संख्या में उद्धव गुट से सीटें नहीं मिलीं, तो वरिष्ठ नेतृत्व से चर्चा कर आगे की रणनीति तय की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि एनसीपी (शरद गुट) अकेले चुनाव लड़ने या कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के विकल्प पर भी गंभीरता से विचार कर रही है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि पार्टी की प्राथमिकता विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी (MVA) के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की है, ताकि भाजपा जैसी बड़ी ताकत को एकजुट होकर चुनौती दी जा सके। हालांकि, अगर शिवसेना (उबाठा) और मनसे ने एकसाथ चुनाव लड़ने और किसी अन्य दल को साथ नहीं लेने का फैसला किया है तो हमारे पास भी कांग्रेस के साथ गठबंधन करके का विकल्प खुला है।
दूसरी तरफ, कांग्रेस पहले से ही बीएमसी चुनाव अकेले लड़ने की तैयारी कर रही है। ऐसे में अब कयास लगाए जा रहे हैं कि शरद पवार गुट कांग्रेस के साथ मिलकर बीएमसी चुनाव लड़ सकता है। कुल मिलाकर, बीएमसी और अन्य महानगरपालिका चुनावों से पहले विपक्षी खेमे में सीट बंटवारे को लेकर खींचतान साफ दिख रही है।
देश की सबसे अमीर महानगरपालिका बीएमसी (BMC) के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा हो चुकी। मुंबई के सभी 227 वार्डों के लिए 15 जनवरी को मतदान होगा और परिणाम अगले दिन यानी 16 जनवरी को घोषित किए जाएंगे।
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Updated on:
24 Dec 2025 06:07 pm
Published on:
24 Dec 2025 05:05 pm


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