AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और अजित पवार गुट के कद्दावर नेता माणिकराव कोकाटे की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने उन्हें जेल जाने से तो बचा लिया, लेकिन उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इस फैसले का सीधा असर उनके विधायक पद पर पड़ेगा, जिसका जाना अब लगभग तय माना जा रहा है।
निचली अदालत से मिली 2 साल की जेल की सजा के खिलाफ एनसीपी नेता माणिकराव कोकाटे ने बॉम्बे हाईकोर्ट में अपील की थी। शुक्रवार को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने कोकाटे को एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी, जिससे उनकी गिरफ्तारी का खतरा फिलहाल टल गया है। हालांकि, कोकाटे को सबसे बड़ा झटका तब लगा जब अदालत ने उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसके कारण अब उनकी विधानसभा सदस्यता जाना लगभग तय है।
नियम के अनुसार, यदि किसी विधायक को 2 साल या उससे अधिक की सजा होती है, तो उसकी सदस्यता तुरंत रद्द हो जाती है। ऐसे में अब महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष जल्द ही इस पर आधिकारिक आदेश जारी कर सकते हैं।
यह मामला 1995 का है। माणिकराव कोकाटे और उनके भाई विजय कोकाटे पर सरकारी कोटे के तहत फ्लैट पाने के लिए दस्तावेजों में हेरफेर करने और धोखाधड़ी करने का आरोप है। इस मामले में पूर्व मंत्री तुकाराम दिघोले (Tukaram Dighole) ने शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के आधार पर धारा 420, 465, 471 और 47 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
नासिक की अदालत ने उन्हें धोखाधड़ी और जालसाजी का दोषी पाया। कोकाटे को प्रथम श्रेणी के न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 2 साल की सजा और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई, जिसे बाद में नासिक जिला एवं सत्र न्यायालय ने भी बरकरार रखा। अदालत ने एनसीपी नेता की पहले के फैसले के खिलाफ अपील खारिज करने के बाद बुधवार को उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया।
सत्र न्यायालय द्वारा सजा बरकरार रखने और गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद, कोकाटे ने नैतिकता के आधार पर मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। वे महायुति सरकार में खेल, युवा कल्याण और अल्पसंख्यक विकास मंत्री थे। उनके विभागों का प्रभार फिलहाल उपमुख्यमंत्री अजित पवार को सौंपा गया है।
हालांकि, अजित पवार के करीबी सहयोगी कोकाटे की खराब सेहत की वजह से उन्हें मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिससे नासिक पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर पाई।
गौरतलब हो कि नासिक जिले के सिन्नर से विधायक माणिकराव कोकाटे सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के घटक दल एनसीपी से इस साल इस्तीफा देने वाले दूसरे मंत्री बन गए हैं। इससे पहले उनके सहयोगी धनंजय मुंडे ने मार्च में देवेंद्र फडणवीस मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। मुंडे के करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड बीड जिले में सरपंच संतोष देशमुख की हत्या में मुख्य आरोपी थे, इसी घटना के बाद मुंडे ने इस्तीफा दे दिया था।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Updated on:
19 Dec 2025 06:40 pm
Published on:
19 Dec 2025 06:04 pm


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