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इफको पर भ्रामक प्रचार का आरोप: नैनो डीएपी केे पोस्टर में बिना अनुमति किसानों की फोटो इस्तेमाल

खजवाना (नागौर). किसानों की आय बढ़ाने और खेती में नई तकनीक को बढ़ावा देने का दावा करने वाली संस्था इफको अपने महत्वाकांक्षी उत्पाद नैनो डीएपी के प्रचार को लेकर विवादों के घेरे में है।

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नागौर. इफको का पोस्टर जिस पर किसानों ने आपत्ति जताई है।

- सौंफ उत्पादक किसानों का आरोप , 'हमनें कभी प्रोडक्ट इस्तेमाल ही नहीं किया'

- किसानों ने बताया निजता का उल्लंघन

राजवीर रोज

खजवाना(नागौर). किसानों की आय बढ़ाने और खेती में नई तकनीक को बढ़ावा देने का दावा करने वाली संस्था इफको अपने महत्वाकांक्षी उत्पाद नैनो डीएपी के प्रचार को लेकर विवादों के घेरे में है। संस्था पर क्षेत्र के किसानों ने उत्पाद को बेचने के लिए झूठ का सहारा लेने का आरोप लगाया है। मामला, नैनो डीएपी के प्रचार पोस्टरों में इस्तेमाल की गई किसानों की तस्वीरों से जुड़ा है। इस संबंध में खुद किसानों ने कड़ी आपत्ति जताई है।

यह है पूरा मामला

इफको ने नैनो डीएपी के फायदे गिनाने के लिए पोस्टर जारी किया है। किसानों का कहना है कि इस पोस्टर में दिखाए गए प्रगतिशील किसानों के हाथों में नजर आ रहे सौंफ के गुच्छों का इफको नैनो डीएपी से कोई जुडाव नहीं है। इफको इन किसानों और सौंफ का उपयोग कर अपने उत्पाद का प्रचार कर किसानों को गुमराह कर रहा है। इफको का दावा है कि इन किसानों ने नैनो डीएपी का उपयोग कर यह सफलता पाई है। लेकिन जिन किसानों को ‘पोस्टर में पेश किया है, उनका कहना है कि उनसे न तो फोटो लेने की अनुमति ली गई और न ही उन्होंने कभी नैनो डीएपी का छिड़काव अपनी फसलों पर किया।

सौंफ उत्पादक का बड़ा खुलासा

विवाद का मुख्य कारण सौंफ की फसल हाथ में लिए किसान की तस्वीर है, जिसे इफको ने अपनी सफलता के रूप में प्रचारित किया है। जबकि यह सौंफ सिरोही के प्रगतिशील किसान इशाक अली के खेत की है। अली का कहना है कि यह पूरी तरह से झूठ है और उनकी साख का इस्तेमाल कर अन्य किसानों को गुनराह किया जा रहा है।

बिना अनुमति फोटो का इस्तेमाल: निजता का हनन

किसानों ने आरोप है कि इफको जैसी बड़ी सहकारी संस्था का यह रवैया न केवल अनैतिक है, बल्कि यह किसानों की निजता का हनन भी है। जिन किसानों ने पारंपरिक खाद का उपयोग किया, उनकी अच्छी फसल का श्रेय नैनो डीएपी को दिया जा रहा है।

गांव के अन्य किसान, पोस्टर में परिचित किसान की फोटो देख उत्पाद को अच्छा मान लेते हैं। जबकि हकीकत में उस किसान ने उत्पाद इस्तेमाल ही नहीं किया।

कहां से आया फोटो

पोस्टर में नजर आने वाला फोटो मार्च 2024 में नागौर से सिरोह गई ‘किसान समृद्धि यात्रा’ के दौरान ली गई थी। इफको ने हाल ही में सोशल मीडिया और 8 दिसम्बर को संभाग स्तरीय कार्यशाला ‘जलग्रहण महोत्सव 2025’ में इस पोस्टर का उपयोग कर किसानों को भ्रमित किया ।

इनका कहना..

अपना फोटो इफको नैनो यूरिया के पोस्टर पर देखकर हैरान हूं। मैने कभी इस प्रोडेक्ट का इस्तेमाल नहीं किया। इस प्रकार से किसानों को गुमराह करना हमारी निजता का हनन है। हम इसके विरूद्ध उपभोक्ता न्यायालय में जाएंगे।

रमेश चौधरी, पोस्टर में नजर आ रहा किसान

मेरे खेत में उगाई जा रही सौंफ का पेटेंट हो चुका है। उसका बिना अनुमति के इफको ने अपने पोस्टर पर इस्तेमाल किया है। यह कानूनी रूप से गलत है। इसके खिलाफ कार्रवाई हाेनी चाहिए।

इशाक अली, प्रगतिशील किसान, सिरोही

यह हमारी चूक है। अच्छी फोटो लगी इसलिए पोस्टर पर लगा दी। आगे से इसका उपयोग नहीं करेंगे।

डॉ एपी सिंह, वरिष्ठ प्रबंधक, इफको राजस्थान।

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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