AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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नागौर. जिले में सड़क सुरक्षा को लेकर आइआरएडी (एकीकृत सड़क दुर्घटना डाटाबेस) की ओर से जारी रिपोर्ट ने चौंकाने वाले आंकड़े उजागर किए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले करीब 5 वर्षों में हुई सड़क दुर्घटनाओं में 68 फीसदी हादसे मानव लापरवाही (ड्राइवर का व्यवहार, पैदल यात्री, दुपहिया वाहन यात्री व ओवरस्पीड ड्राइविंग) के कारण हुए हैं। वहीं, 8.42 फीसदी दुर्घटनाएं खराब सड़काें के कारण हुई। इसी प्रकार वाहन में दोष (ब्रेक फेल, इंजन में खराबी व आगजनी) के कारण जिले में 2.82 प्रतिशत, वातावरण के कारण (कोहरा, मौसम आदि) 5.60 प्रतिशत, जानवरों के कारण (सड़क पर विचरण कर रहे लावारिस जानवर) 1.53 प्रतिशत तथा अन्य कारणों में तेज एलईडी आदि के कारण 13.30 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, जिले में पिछले 9 महीने में सबसे अधिक हादसे अप्रेल माह में दर्ज किए गए, जब जिले में 48 सडक़ दुर्घटनाओं में 48 लोगों की मौत हुई। इसके विपरीत, जुलाई माह में सबसे कम 26 दुर्घटनाएं और 17 मौतें हुई। आंकड़ों से स्पष्ट है कि वाहन चालकों की लापरवाही, तेज रफ्तार, ओवरटेकिंग और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी अब भी सड़क हादसों की सबसे बड़ी वजह बनी हुई है।
वर्ष 2025 में सड़क दुर्घटनाएं
माह - दुर्घटनाएं - मौतें
जनवरी - 32 - 24
फरवरी - 29 - 20
मार्च - 28 - 27
अप्रैल - 48 - 48
मई - 32 - 18
जून - 31 - 22
जुलाई - 26 - 17
अगस्त - 29 - 21
सितम्बर - 32 - 19
कुल - 287 - 216
तेज एलईडी बन रही दूसरा सबसे बड़ा कारण
आइआरएडी की रिपोर्ट के अनुसार मानव लापरवाही के बाद दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण तेज एलईडी व अन्य कारणों को माना गया है। जबकि तेज एलईडी लगाने वाले वाहनों के खिलाफ पुलिस एवं परिवहन विभाग की कार्रवाई नगण्य है।
पिछले साल घटे थे हादसे
रिपोर्ट के अनुसार जिले में पिछले साल यानी 2024 में सड़क हादसों में करीब छह फीसदी की कमी दर्ज की गई थी। सितम्बर 2023 तक जिले में कुल 285 सड़क हादसे हुए, जिनमें 228 लोगों की मौत हुई। सितम्बर 2024 में जिले में 268 सड़क हादसे हुए, जिनमें 192 लोगों की मौत हुई, यानी हादसों में छह प्रतिशत और मौतों में 16 प्रतिशत की कमी आई। लेकिन इस वर्ष सितम्बर तक 187 हादसे हो चुके हैं, जिनमें 216 लोगों की मौत हो चुकी है। यह पिछले साल की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक है।
प्रदेश भर में चलाया जा रहा सडक़ सुरक्षा अभियान
राज्य सरकार के गृह विभाग के निर्देशानुसार प्रदेश भर में 4 से 18 नवम्बर तक 15 दिवसीय सड़क सुरक्षा अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना व मृत्यु दर को घटाना है। इसके साथ यातायात नियमों के पालन को सख्ती से लागू करना, सड़क उपयोगकर्ताओं में जागरूकता एवं जिम्मेदारी की भावना बढ़ाना तथा सडक़ अधोसंरचना एवं आपातकालीन सहायता प्रणाली को सुदृढ़ करना है। इस अभियान में पुलिस विभाग को नोडल बनाया गया है। साथ में परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग, सार्वजनिक निर्माण विभाग के साथ अन्य रोड एजेंसियां, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, नगरीय विकास एवं स्थानीय निकाय विभाग तथा श्रम विभाग को भी जिम्मेदारी सौंपी है।
मुख्य फोकस नशे में वाहन चलाने वालों पर
राज्य सरकार से मिले निर्देशों के अनुसार जिले में सड़क सुरक्षा अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें हमारा मुख्य फोकस नशे में वाहन वालों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर है। इसके साथ जिला कलक्टर की ओर से दिए गए निर्देशों की पालना में हाईवे व अन्य सड़कों पर किए गए अवैध कब्जों को हटाने की कार्रवाई भी की जा रही है। सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए यातायात नियमों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के साथ वाहन चालकों से समझाइश भी की जा रही है।
- मृदुल कच्छावा, पुलिस अधीक्षक, नागौर
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Updated on:
11 Nov 2025 10:55 am
Published on:
11 Nov 2025 10:54 am


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