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बहुमत होने के बावजूद भाजपा की हुई किरकिरी, बागियों ने कांग्रेस के साथ मिलकर 9 प्रस्ताव करवाए निरस्त

MP News: सात माह बाद हुई नागदा नगर पालिका परिषद की बैठक में भाजपा को बड़ा झटका लगा। परिषद के सभी 9 प्रस्ताव बहुमत से खारिज हुए, बागी पार्षदों ने किया खुला विरोध।

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nagda nagar palika chaos (फोटो- सोशल मीडिया)

BJP Proposals Rejected: सात माह बाद नागदा नगर पालिका परिषद (Nagda Nagar Palika) का सम्मलेन शुक्रवार को नवीन बस स्टैंड पर आयोजित हुआ। दो घंटे का सम्मलेन हंगामेदार रहा। सम्मलेन के एजेंडे के 9 सूत्रीय प्रस्ताव पर चर्चा शुरु होने के पहले ही पार्षदों ने नपा अध्यक्ष और अधिकारियों से तीखे सवाल करना शुरु कर दिया। पार्षदों के सवालों से घिरी नपा ने जैसे तैसे प्रस्तावों पर चर्चा शुरु की तो एक के बाद एक प्रस्ताव बहुमत से निरस्त हो गए। मौजूद 34 पार्षदों में से मात्र 14 मत ही प्रस्ताव को मिले, शेष 20 मत खिलाफ होने से प्रस्ताव निरस्त हुए। (mp news)

9 प्रस्ताव बहुमत से हुए निरस्त

सत्ता और संगठन के नुमाइंदों से सरोकार के दो बोल के लिए तरसे भाजपा के बागी व कांग्रेस पार्षदों ने वहीं किया जो गैरतमंद जनप्रतिनिधियों को करना चाहिए। यानि कि दवाब या प्रलोभन के झांसे में वे नहीं आए और नपा अधिनियम से विपरीत संचालित परिषद की बैठक में शामिल सभी 9 प्रस्तावों को बहुमत के आधार पर खारिज कर दिया। ऐसा लगातार तीसरी बैठक मैं हुआ।

समझाइश के बावजूद नहीं माने बागी भाजपाई

बशीश में सांसद और विधायक प्रतिनिधियों के तौर पर परिषद की बैठक में शामिल होने का अधिकार पत्र लेकर पहुंचे ओपी गेहलोत और राकेश यादव 2 घंटे तक चली बैठक में भाजपा के बागी और कांग्रेसी पार्षदों को मंच से शहर हित में प्रस्तावों को पारित करने की दुहाई देते रहे मगर पार्षद टस से मस नहीं हुए। वे संविधान और अधिनियम के अनुसार नपा अध्यक्ष संतोष गहलोत द्वारा बैठक संचालित करने के मुद्दे पर अड़े रहे।

सीएमओ ने स्वीकार किया- अधिनियम के तहत नहीं हुई थी बैठक

दुर्भाग्य ये रहा कि बैठक में उपस्थित नपा सीएमओ पीके सुमन खुलेआम नपा अधिनियम के विपरित संचालित हो रही बैठक में मूकदर्शक बने रहे। हालांकि बैठक के बाद मीडिया से चर्चा में उन्होंने स्वीकार किया कि नपा सम्मलेन का संचालन परंपराओं से नहीं नपा अधिनियम से होना चाहिए। यहां सवाल है कि महज सुझाव देने के लिए नपा सम्मलेन में शामिल होने की पात्रता रखने वाले सांसद प्रतिनिधि ओपी गेहलोत क्यों सपूर्ण बैठक के संचालन की बागड़ोर थाम लेते हैं।

कांग्रेस के साथ भाजपा के नाराज पार्षद भी बरसे

मुख्य 9 बिंदूओं पर चर्चा के पहले कांग्रेस और भाजपा के नाराज पार्षद जनता के मुद्दों को लेकर खूब बरसे। पार्षद शशिकांत मावर ने कहा कि जनता दुखी है, ऐसे में इन एजेंडे को पास कराने से क्या होगा। पूर्व के प्रस्तावों पर पहले अमल करा ले। विशाल गुर्जर ने सवाल उठाया कि उनके वार्ड में शौचालय का निर्माण नहीं हुआ।

साहिल शर्मा ने कहा कि आप आरोप लगा रहे है कि हम प्रस्ताव पास नहीं होने देते तो जब प्रस्ताव बनाए जाते है, तब हमें क्यों नहीं बुलाया जाता। महेंद्र सिंह ने यह तक कहा कि आप 10 दिन बाद दूसरी परिषद बुला लीजिए और सभी पार्षदों के प्रस्ताव शामिल कर ले, सारे प्रस्ताव पास हो जाएंगे। महेंद्र सिंह और उपाध्यक्ष के बीच जोरदार बहस हुई। विधायक प्रतिनिधि को कहना पड़ा कि आप जिस टोन में बात कर रहे है, उसे आपको कोई कहेगा तो आप भी नहीं सुनेंगे।

जनहानि होती है तो प्रस्ताव का विरोध करने वाले होंगे जिम्मेदार

प्रस्तावों के निरस्त होने पर नपाध्यक्ष संतोष ओपी गेहलोत ने कहा कि जो 5 प्रस्ताव थे, वह जनहित के थे। मिर्ची बाजार की टंकी का प्रस्ताव पीआईसी से कराने की बात पार्षद कह रहे है। हमारे द्वारा कलेक्टर और एसडीएम को पत्र लिखा था, जिस पर उन्होंने परिषद का संकल्प अनिवार्य बताया। इसलिए इस मुद्दे को तीसरी बार परिषद में लाए थे। अगर कभी यह टंकी गिरती है और कोई जनहानि या संपत्ति का नुकसान होता है तो इसके लिए इस प्रस्ताव का विरोध करने वाले जिम्मेदार होंगे। सड़क में गड्‌ढे को लेकर पार्षद विरोध करते है, अब सड़क निर्माण का प्रस्ताव लाए तो यहीं विरोध कर रहे है।

अमृत योजना में नपा को 12 करोड़ की स्वीकृति मिली, इसके लिए नल कनेक्शन का प्रस्ताव लाए थे, उसे भी निरस्त कर दिया। वहीं 11 भाजपा पार्षद जो स्वयं को कहते है कि हम संगठन के साथ है, उन्होंने तीन प्रस्ताव जो केंद्र सरकार के थे, जहां भाजपा की परिषद है, वहां से स्वीकृत कराए जा रहे है, उनका भी विरोध किया गया। ऐसे में साफ है कि यह भाजपा के साथ नहीं है। महापुरुषों की प्रतिमा में हम सभी महापुरुषों की प्रतिमा का प्रस्ताव लाया है, लेकिन एक तरफ यह लिखते है कि प्रस्ताव लाए, दूसरी तरफ उसका ही विरोध करते है।

मावर ने पूछा- अध्यक्ष जी कभी सब्जी मंडी गए हैं?

पार्षद अंतिम मावर ने अध्यक्ष संतोष गेहलोत से पूछा कि आप कभी सब्जी मंडी गए हैं। शायद नहीं गए, इसलिए वहां की स्थिति नहीं पता। जिस पर नाराज अध्यक्ष ने कहा कि आप पूछने वाले कौन हैं कि मैं कहां जाती हूं, कहां नहीं। वहां की सफाई व्यवस्था प्रतिदिन की जा रही है।

एक कांग्रेस पार्षद का प्रस्तावों को समर्थन

अध्यक्ष संतोष गेहलोत, उपाध्यक्ष सुभाषचंद्र शर्मा सहित 14 मत प्रस्तावों के समर्थन में मिले थे। जिसमें एक कांग्रेस पार्षद गौरी साहनी, निर्दलीय पार्षद सोहेल आजम ने भी प्रस्तावों पर सहमति दी। इसके अलावा भाजपा पार्षद बबीता रघुवंशी, प्रकाश जैन, गौरव यादव, भावना रावल, कौशल्या देवी, संध्या जोशी, अनिता मीणा, रामकुंवर सिसौदिया, देवकुंवर पटेल, बिडू यादव ने अपना समर्थन प्रस्तावों को दिया। (mp news)

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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