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नरसिंहपुर जिले में खाद पाने कहीं कतार तो कहीं पर किसान लगा रहे जाम

जिले में गोदामों से खाद वितरण करने प्रशासन ने टोकन प्रणाली लागू की है। लेकिन इसके बाद भी गोदामों में भीड़ कम नहीं हो रही है। नरसिंहपुर में किसानों की गोदाम में लंबी लाइन लगी रही। यहां कई किसान तो मंगलवार के तडक़े ही पहुंच गए थे जिनको दोपहर तक खाद नहीं मिल सका। यही हालत ठेमी क्षेत्र के नन्हेगांव गोदाम की रही।

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किसानों को खाद लेने लंबी कतारों में लगना पड़ रहा है। टोकन मिलने के बाद भी खाद नहीं मिल रही है।
खाद न मिलने से नाराज किसान सडक़ पर जमा हो गए

fertilizer distribution centers नरसिंहपुर. जिले में खाद वितरण केंद्रों पर किसानों की लग रही भीड़ और खाद के लिए घंटों इंतजार करने वाले किसानों का सब्र जबाब दे रहा है। किसानों के आरोप-प्रत्यारोप प्रशासन के पर्याप्त खाद होने के दावों की पोल खोल रहे हैं। मंगलवार को जहां नरसिंहपुर मंडी स्थित गोदाम में सुबह से दोपहर तक किसानों की लंबी लाइन लगी रही तो वहीं ठेमी थाना क्षेत्र में नयागांव के पास स्थित गोदाम से खाद न मिलने पर किसानों ने हंगाम करते हुए सडक़ पर धरना शुरू कर दिया, जाम लगा दिया। किसानों को समझाने यहां प्रशासन को खासी मशक्कत करना पड़ी। करीब एक घंटे तक किसान सडक़ पर खाद न मिलने पर आक्रोश जताते रहे।
जिले में गोदामों से खाद वितरण करने प्रशासन ने टोकन प्रणाली लागू की है। लेकिन इसके बाद भी गोदामों में भीड़ कम नहीं हो रही है। नरसिंहपुर में किसानों की गोदाम में लंबी लाइन लगी रही। यहां कई किसान तो मंगलवार के तडक़े ही पहुंच गए थे जिनको दोपहर तक खाद नहीं मिल सका। यही हालत ठेमी क्षेत्र के नन्हेगांव गोदाम की रही। जहां किसानों की भीड़ तो लगी लेकिन उन्हें खाद नहीं मिल सका। किसानों ने सडक़ पर हंगामा करते हुए अपनी समस्या बताने सडक़ पर जाम लगा दिया। जिसकी खबर लगते ही पहले ठेमी थाना प्रभारी प्रीति मिश्रा पुलिस बल के साथ पहुंची, बाद में तहसीलदार नीरज तखरया पहुंचे। जिन्होंने किसानेां की समस्याएं सुनी और उन्हें समझाइश देकर जाम खुलवाया। प्रदर्शनकारी किसानों का कहना था कि यूरिया की पर्याप्त आपूर्ति के दावे हो रहे हैं, लेकिन किसानों को खाद लेने लंबी कतारों में लगना पड़ रहा है। टोकन मिलने के बाद भी खाद नहीं मिल रही है। गोदामों की तुलना में निजी विक्रेताओं को अधिक खाद दिया जा रहा है। खाद की कालाबाजारी जमकर हो रही है। जिस पर रोक नहीं लगाई जा रही है।
किसानों के सामने यह बन रही समस्याएं
खाद पाने समितियों ज्यादा गोदामों में भीड़ हो रही है। हर दिन किसानों की संख्या 500 से हजार तक हो रही है। किसान कामकाज छोडकऱ लाइन में लगते हैं लेकिन उन्हें निराश होकर लौटना पड़ता है। टोकन प्रणाली में एक केंद्र पर सिर्फ 100 किसानों को प्रतिदिन पीओएस मशीन के जरिए यूरिया दिए जाने की बाध्यता है। इसके कारण ई टोकन प्रणाली में बुकिंग करने वाले किसानों को समयावधि निकल जाने का डर बना रहता है। किसान आरोप लगा रहे हैं कि जब 100 किसानों को टोकन पर खाद बांटने का नियम है तो इस बीच ऑफलाइन कैसे 50 से 100 बोरी यूरिया की खेप वाहनों में भरकर निकल रही है। निगरानी क्यों नहीं कर रहे हैं।
वर्जन
किसानों के प्रदर्शन की सूचना पर हमने तहसीलदार को बुलवाया था। बताया गया है कि नन्हेंगांव गोदाम में यूरिया कम मात्रा में था, जो खत्म हो गया था। नई खेप नहीं मिली है। किसानों को समझाया तो वे मान गए और प्रदर्शन खत्म हुआ।
प्रीति मिश्रा, थाना प्रभारी ठेमी
जिले में यूरिया समेत अन्य खाद की कमी नहीं है। पैक्स और डबल लॉक केंद्रों में पर्याप्त भंडारण मौजूद है। हाल ही में एक रैक के माध्यम से 3633 मीट्रिक टन यूरिया मिला है। गाडरवारा डबल लॉक केंद्र में 136 मीट्रिक टन और सालीचौक में 108 मीट्रिक टन यूरिया का भंडारण किया है। जिले की समितियों में करीब 900 मीट्रिक टन यूरिया का वितरण भी किया गया है।
मोरिस नाथ, उप संचालक कृषि

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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