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फसल में नुकसान होने की आशंकाबारिश से खेतों में भरा पानी, कटाई करना भी हो रहा मुश्किलफसल में नुकसान होने की आशंका

किसानों का कहना है कि इस समय फसल कटाई का उपयुक्त समय था, लेकिन बारिश ने पूरा समीकरण बिगाड़ दिया। करपगांव के किसान त्रिलोक शर्मा ने बताया पिछले दो दिन से लगातार बारिश हो रही है। खेतों में पानी भर गया है, जिससे करीब 80 प्रतिशत सोयाबीन फ सल खराब हो चुकी है। कटाई करने की स्थिति नहीं है और अगर मौसम ऐसे ही रहा तो दाने सडऩे लगेंगे।

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नरसिंहपुर. जिले में लगातार हो रही बारिश ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। किसानों के पीला सोना सोयाबीन की फसल खेतों में पककर तैयार है, लेकिन आए दिन की बारिश से फ सल अब खराब होने की कगार पर पहुंच गई है। पिछले दो दिनों में हुई बारिश से खेतों में पानी भर गया है और जमीन गीली होने से कटाई का कार्य रुक गया है। इससे किसानों को दोहरे नुकसान उपज की गिरावट और बाजार भाव में कमी का डर सताने लगा है।
किसानों का कहना है कि इस समय फसल कटाई का उपयुक्त समय था, लेकिन बारिश ने पूरा समीकरण बिगाड़ दिया। करपगांव के किसान त्रिलोक शर्मा ने बताया पिछले दो दिन से लगातार बारिश हो रही है। खेतों में पानी भर गया है, जिससे करीब 80 प्रतिशत सोयाबीन फ सल खराब हो चुकी है। कटाई करने की स्थिति नहीं है और अगर मौसम ऐसे ही रहा तो दाने सडऩे लगेंगे। सोया उत्पादक कई किसानों ने बताया कि खेतों में खड़ी सोयाबीन की फ लियों में नमी बनी हुई है, जिससे दाने का रंग काला पड़ रहा है और उसकी गुणवत्ता गिर रही है। इसके साथ ही अरहर की फ सल में भी समस्या बढ़ रही है। किसानों ने बताया कि लगातार नमी और फि र अचानक धूप निकलने से पनसूखा जड़ सडऩ और पत्तियों के सिकुडऩे की समस्या सामने आ रही है। पत्तियां सूखने लगी हैं और पौधों की बढ़वार रुक गई है। धान की फ सल भी इस बारिश से अछूती नहीं है। कई खेतों में पानी भर जाने से पौधे झुकने लगे हैं, जिससे आगे चलकर कटाई में कठिनाई आ सकती है।
अब तक न शुरू हुआ सर्वे न वैज्ञानिकों ने किया खेतों का रूख
किसानों ने यह भी बताया कि जिले के विभिन्न क्षेत्रों में फसल नुकसान की स्थिति बनने के बावजूद अभी तक प्रशासन या कृषि विभाग की ओर से कोई सर्वे कार्य शुरू नहीं किया गया है। न ही कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने खेतों का दौरा किया है। इससे किसानों को फसल बचाव के लिए कोई मार्गदर्शन नहीं मिल पा रहा है। किसानों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि तत्काल फसलों का सर्वे कराया जाए और नुकसान का आंकलन कर राहत वितरण की तैयारी की जाए। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय खेतों में जलभराव की स्थिति को जल्द नियंत्रित करना जरूरी है। यदि धूप निकलते ही पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं की गई तो फसलों में फफूंद और सडऩ की समस्या और बढ़ सकती है।
मक्के की फसल को चौपट कर रहे जंगली सूअर-वर्तमान समय में किसानों ने अपने खेत में मक्का की फसल लगाई है इस फसल को जंगली सूअर नष्ट कर रहे है। जिसके कारण किसान अत्यंत परेशान हैं। बरहटा क्षेत्र के किसानों ने बताया कि मक्का की फसल को जंगली सूअर इतना अधिक नुकसान पहुंचा रहे है कि खेत के अंदर की फसल पूरी तरह से चौपट हो रही है। इन जंगली सूअरों से फसल को बचाने की दिशा में किसानों के उपाय कारगर सिद्ध नहीं हो रहे हंै। वहीं हर साल जंगली सूअरों की संख्या में वृद्धि हो रही है।
&अभी तक फसलों की नुकसानी का आंकलन नहीं हो पाया है। इस साल किसानों की हालत बेहद खराब है। किसान अधिक बारिश के कारण फसलों की कटाई गहाई भी नहीं कर पा रहा है। सोयाबीन की फसल पर व्यापक असर पड़ रहा है। प्रशासन को शीघ्र की सर्वे आरंभ कराना चाहिए।
अनिल पटेल, तहसील अध्यक्ष भाकिसं करेली
&इस साल अधिक बारिश से फसलें बुरी तरह से प्रभावित हो चुकी है। फसलों को हुई क्षति का सर्वे के माध्यम से वास्तविक आंकलन किया जाना था, जो अभी तक नहीं हुआ है। प्रशासन को शीघ्र सर्वे कराना चाहिए। जिससे किसानों को क्षतिपूर्ति मिल सके।
संतोष राय, जिला अध्यक्ष भारतीय किसान संघ
&सोयाबीन की फसल पूरी तरह से पककर तैयार खेत में खड़ी है। लेकिन दो दिन पहले की बारिश ने सब खराब कर दिया। अब खेतों में पानी भरा है। इससे न तो कटाई कर पा रहे हैं और न ही फसल को बचा पा रहे हैं। लगभग ८० प्रतिशत तक खराब हो चुकी है। अरहर में पनसूखा की शिकायत है।
त्रिलोक शर्मा,
किसान करपगांव

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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