AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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West Bengal Politics: पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है। यहां 27 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं। ऐसे में मुस्लिम वोटरों पर सबकी निगाहें हैं। तृणमूल पार्टी लगातार मुसलमानों को अपने पाले में करने में जुटी हुई हैं। TMC से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने 6 दिसंबर को मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की नींव रखी। साथ ही, अपनी पार्टी बनाने का ऐलान किया था। आज उन्होंने अपनी नई पार्टी बना ली है।
हुमायूं कबीर ने अपनी नई पार्टी का नाम जनता उन्नयन पार्टी रखा है। उन्होंने कहा कि पार्टी के चुनाव चिन्ह के लिए टेबल को पहली पसंद बताया है। कबीर ने कहा कि मेरी दूसरी पसंद 'ट्विन रोजेज' है। कबीर ने कहा कि वह आगामी चुनाव में 294 सीटों पर प्रत्याशी उतार सकते हैं।
उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि पार्टी का नाम क्या होगा, ये आज दोपहर तक साफ हो जाएगा। हमने जनता उन्नयन पार्टी नाम सोचा है। फाइनल नाम चुनाव आयोग तय करेगा। उन्होंने कहा कि सीएम ममता बनर्जी ने मुसलमानों को सिर्फ वोटबैंक की तरह इस्तेमाल किया है।
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुमायूं कबीर द्वारा बाबरी मस्जिद बनाए जाने के ऐलान को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने षड्यंत्र बताया है। भागवत ने कहा कि यह सिर्फ वोटों के लिए किया जा रहा है। यह न तो मुसलमानों के फायदे के लिए है और न ही हिंदुओं के। ऐसा नहीं होना चाहिए। भागवत ने कहा कि धार्मिक स्थलों के निर्माण के लिए सरकारी फंड का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
कोलकाता में भागवत ने कहा कि सरकार को मंदिर या कोई भी धार्मिक स्थान नहीं बनाना चाहिए। सोमनाथ मंदिर के लिए भी हिंदू श्रद्धालुओं ने दान दिया था। भागवत ने कहा कि मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए सरकार का कोई पैसा इस्तेमाल नहीं किया गया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर बनाया गया। सरकार से एक ट्रस्ट बनाने के लिए कहा गया था। सरकार ने पैसा नहीं दिया। हम सभी ने योगदान दिया।
दरअसल, पश्चिम बंगाल की राजनीति में मुस्लिम वोटर अहम रोल अदा करते हैं। राज्य की कुल आबादी का एक चौथाई हिस्सा मुसलमानों का है।। बीते 15 सालों से मुसलमानों का झुकाव तृणमूल कांग्रेस और सीएम ममता बनर्जी पर रहा है। सियासी गलियारों में कहा जाता है कि माइनॉरिटी( मुसलमान) के पूरे वोट और मेजोरिटी( हिंदुओं) के थोड़े वोट से ममता सत्ता पर काबिज होती आई हैं।। ममता से पहले यह समुदाय वामपंथी दलों का साथ देते आया था। 2011 में वाम का किला ढहने के बाद ये वोटर TMC की ओर शिफ्ट कर गए।
हालांकि, आगामी चुनाव को देखते हुए इंडिया गठबंधन में TMC की सहयोगी कांग्रेस पार्टी के पूर्व PCC चीफ अधीर रंजन ने कहा कि ममता बनर्जी और उनकी पार्टी को मुस्लिम वोटरों के गुस्से का सामना करना पड़ेगा। लोगों की भावनाएं वक्फ संपत्तियों से जुड़ी हैं। सीएम ममता ने कानून मान लिया, लेकिन वह इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकती थीं। विधानसभा में कम से कम इसके खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया जाना चाहिए था। उन्होंने मुसलमानों को हलके में लिया है और मुस्लिम समाज का अपमान किया है।
पश्चिम बंगाल में कुल 23 जिले हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार सभी जिलों में ठीक-ठाक मुस्लिम आबादी मौजूद है। तीन जिले मालदा, मुर्शिदाबाद और उत्तर दिनाजपुर से मुस्लिम वोटर बहुसंख्यक हैं। वहीं, नौ जिलों में आबादी 20 से 50 फीसदी के करीब है। कम से कम 125 विधानसभा सीटों पर निर्णायक रूप से प्रभावी हैं।
बांग्लादेश हिंसा का असर आगामी चुनाव में देखने को मिल सकता है। बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमले और दीपू चंद्र दास की मॉब लिचिंग से राजनीतिक माहौल गरमा सकता है। वहीं, SIR के बहाने बीजेपी बांग्लादेश से सटे जिलों में घुसपैठियों के बसने का जिक्र करते आई है।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Updated on:
22 Dec 2025 05:10 pm
Published on:
22 Dec 2025 02:01 pm


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