AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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Assam Foreigner Deportation: असम के नागांव जिले में अवैध प्रवासन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। विदेशी ट्रिब्यूनल द्वारा अलग-अलग वर्षों (1990 से 2021 के बीच) में विदेशी घोषित किए गए 15 लोगों को जिला प्रशासन ने भारत छोड़ने का आदेश दिया है। नागांव के जिला आयुक्त ने इमिग्रेंट्स (एक्सपल्शन फ्रॉम असम) एक्ट, 1950 के तहत यह निर्देश जारी करते हुए इन लोगों को 24 घंटे के भीतर असम और भारत की सीमा से बाहर जाने को कहा गया है।
नागांव के जिला आयुक्त देवाशीष शर्मा ने 17 दिसंबर को अलग-अलग आदेश जारी करते हुए कहा कि इन लोगों की उपस्थिति राज्य की आंतरिक सुरक्षा और जनहित के लिए हानिकारक है। आदेश में बताया गया कि ये लोग नागांव जिले के विभिन्न गांवों और कस्बों के निवासी हैं। इनमें से कई लोग फिलहाल गोलपाड़ा के मतिया ट्रांजिट कैंप (डिटेंशन सेंटर) और कोकराझार स्थित असम पुलिस बटालियन में बंद हैं।
नागांव के पुलिस अधीक्षक स्वप्ननील डेका ने जानकारी दी कि इन 15 लोगों की निर्वासन प्रक्रिया आज (शुक्रवार) से शुरू की जाएगी। पुलिस टीम उन्हें सीमा तक एस्कॉर्ट करेगी। जिला आयुक्त देवाशीष शर्मा ने बताया, “इन लोगों ने हाई कोर्ट में अपील की थी, लेकिन उनकी याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं। अब इन्हें एसपी की निगरानी में सीमा से बाहर हटाया जाएगा।”
यह इमिग्रेंट्स (एक्सपल्शन फ्रॉम असम) एक्ट, 1950 के तहत हाल के समय की दूसरी बड़ी कार्रवाई है। इससे पहले पिछले महीने सोनितपुर जिले में 5 लोगों को इसी कानून के तहत भारत छोड़ने का आदेश दिया गया था, लेकिन वे फरार हो गए थे, जिससे प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई। इस साल सितंबर में असम कैबिनेट ने इस लंबे समय से निष्क्रिय पड़े कानून के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) को मंजूरी दी थी, जिसके बाद अब इसके सख्त अमल की शुरुआत हुई है।
यह कानून देश के विभाजन के बाद पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) से हो रहे प्रवासन को नियंत्रित करने के लिए बनाया गया था। इस कानून के तहत केंद्र या राज्य सरकार को यह अधिकार है कि यदि किसी व्यक्ति की मौजूदगी जनहित या सुरक्षा के लिए खतरा मानी जाए, तो उसे निर्दिष्ट रूट से असम या भारत से बाहर निकालने का आदेश दिया जा सकता है। आम तौर पर निर्वासन प्रक्रिया में दूसरे देश से नागरिकता सत्यापन जरूरी होता है, लेकिन मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का कहना है कि इस कानून के तहत कूटनीतिक प्रक्रियाओं को बायपास कर सीधे कार्रवाई की जा सकती है।
अधिकारियों का कहना है कि अब विदेशी ट्रिब्यूनल के फैसले सिर्फ कागजों तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि उन्हें जमीन पर पूरी तरह लागू किया जाएगा। आदेशों का पालन न करने की स्थिति में जबरन हटाने की कार्रवाई भी की जा सकती है। यह कदम असम में अवैध प्रवासन के खिलाफ चल रहे अभियान का हिस्सा है, जहां अब तक हजारों लोगों को विदेशी ट्रिब्यूनल द्वारा विदेशी घोषित किया जा चुका है।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
19 Dec 2025 12:13 pm


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