Patrika Logo
Switch to English
होम

होम

वीडियो

वीडियो

प्लस

प्लस

ई-पेपर

ई-पेपर

प्रोफाइल

प्रोफाइल

बिहार चुनाव: नीतीश कुमार को CM रहने देगी भाजपा? 5 कारणों से उठ रहे सवाल

बिहार में एनडीए की वापसी हो गई है, लेकिन नीतीश कुमार का दसवीं बार सीएम बनना तब तक पक्का नहीं माना जा सकता जब तक इसकी घोषणा न हो जाए। पांच कारणों से इसे लेकर संदेह उठ रहा है।

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

पूरी खबर सुनें
  • 170 से अधिक देशों पर नई टैरिफ दरें लागू
  • चीन पर सर्वाधिक 34% टैरिफ
  • भारत पर 27% पार्सलट्रिक टैरिफ
पूरी खबर सुनें
बिहार के सीएम नीतीश कुमार। (फोटो- पत्रिका डिजाइन)

Bihar Elections Result बिहार में फिर से एनडीए सरकार ही आर रही है, यह तय हो गया है। लेकिन, अभी निश्चित रूप से यह नहीं कहा जा सकता है कि सीएम नीतीश कुमार ही रहेंगे। नीतीश के दसवीं बार सीएम रहने को लेकर असमंजस के कई कारण भी हैं। इन कारणों को एक-एक कर समझते हैं।

पहला कारण: चुनाव नतीजे

इस चुनाव में बीजेपी पहली बार बिहार विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनी है। एनडीए में देखा जाए तो पिछली बार भी जनता ने ‘बड़ा भाई’ बीजेपी को ही बनाया था। पर इस बार मामला थोड़ा अलग है।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणाम कुछ इस तरह हैं:

एनडीए: 202 [बीजेपी: 89, जेडीयू 85, एलजेपी (रमविलास): 19, हम (एस): 5, आरएलएम: 4]

महागठबंधन: 35 [आरजेडी, 25, कांग्रेस: 6, बाकी 4]

ऐसे नतीजे के बाद एनडीए में जदयू की स्थिति सौदेबाजी के मामले में मजबूत नहीं रहेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि जदयू को छोडकर भी बीजेपी और गठबंधन के बाकी साथियों की सदस्य संख्या बहुमत के लिए जरूरी आंकड़े (122) से महज पांच कम रहेगी।

पिछली बार ऐसा नहीं था। 2020 विधानसभा चुनाव के नतीजे इस प्रकार थे- बीजेपी: 74, जदयू: 43, हम: 4, वीआईपी: 4।

दूसरा कारण: भाजपा नेताओं के बयान

नीतीश के सीएम बने रहने पर असमंजस की वजह भाजपा नेताओं के हालिया बयानों में भी दिखती है। बिहार के डिप्टी सीएम ने चुनाव के बीच में कहा कि सीएम नीतीश ही होंगे।

इसी दौरान अमित शाह ने कहा कि हम नीतीश कुमार की अगुआई में चुनाव लड़ रहे हैं। नतीजे आने पर एनडीए के विधायक बैठेंगे और नए सीएम का चयन करेंगे। उन्होंने सम्राट चौधरी की तरह साफ नहीं कहा कि नीतीश ही सीएम होंगे।

तीसरा कारण: भाजपा का लंबा इंतजार

भाजपा के कार्यकर्ता और नेता अपने सीएम के लिए लंबे समय से इंतजार करते आ रहे हैं। इस बार उनके पास अब तक का सबसे अच्छा मौका है। यह मौका चूकने पर इंतजार पांच साल और लंबा हो जाएगा।

चौथा कारण: महाराष्ट्र का उदाहरण

महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की घोषणा के बावजूद ज्यादा सीटें मिलने पर भाजपा अपना सीएम बनाने पर अड़ गई थी। अंततः उसने अपना सीएम ही बनाया। बिहार में ऐसी स्थिति नहीं बन सकती है, इसको लेकर भाजपा की ओर से कोई ठोस संकेत नहीं मिले हैं।

इस बार का चुनाव परिणाम ऐसा आया है कि अगर भाजपा नीतीश को सीएम नहीं बनाने पर अड़ जाए तो उनके पास कोई चारा भी नहीं बचेगा, क्योंकि अब कोई दूसरा खेमा नहीं है जहां वह पाला बदल कर जा सकते हैं।

पांचवा कारण: नीतीश फैक्टर

असमंजस की एक वजह खुद नीतीश भी हैं। हाल के समय में सार्वजनिक रूप से उनकी कई ऐसी गतिविधियां सामने आईं, जिनसे उनकी सेहत खराब होने के चर्चा को बल मिला। हालांकि चुनाव नतीजों से उन्होंने अपने आलोचकों को शांत किया है, लेकिन बीजेपी इसे किस रूप में लेती है, यह साफ नहीं है।

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

अभी चर्चा में
(35 कमेंट्स)

अभी चर्चा में (35 कमेंट्स)

User Avatar

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

अभी चर्चा में
(35 कमेंट्स)

अभी चर्चा में (35 कमेंट्स)

User Avatar

आपकी राय

आपकी राय

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?


ट्रेंडिंग वीडियो

टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

User Avatar