AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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Climate Crisis in India: साल 2025 भारत के लिए चरम मौसम की घटनाओं का साल बन गया। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट और डाउन टू अर्थ की रिपोर्ट के मुताबिक, लू, शीतलहर, बिजली गिरना, तूफान, चक्रवात, बादल फटना, भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन जैसी घटनाएं पूरे साल लगातार होती रहीं।
राज्यों में मौसमी आपदाओं का असर असमान रहा। हिमाचल प्रदेश में लगभग 80 प्रतिशत दिनों तक चरम मौसम दर्ज किया गया। आंध्र प्रदेश में सबसे अधिक 608 मौतें हुईं, इसके बाद मध्य प्रदेश (537) और झारखंड (478) का स्थान रहा। खेती के नुकसान के मामले में महाराष्ट्र सबसे ज्यादा प्रभावित रहा, जहां 84 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई। इसके बाद गुजरात में 44 लाख हेक्टेयर और कर्नाटक में 27.5 लाख हेक्टेयर फसल क्षेत्र को नुकसान पहुंचा।
4,419 मौतें इस साल आपदा से हुईं
1,538 मौतें आंधी-तूफान से
2,707 मौतें बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से
2025 में उत्तर-पश्चिम भारत में सबसे ज्यादा दिनों तक अत्यधिक मौसमीय घटनाएं दर्ज की गईं, जहां 311 दिनों में ऐसी घटनाएं सामने आईं। इसके बाद पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में 275 दिनों में चरम मौसम दर्ज किया गया।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Updated on:
20 Dec 2025 05:58 am
Published on:
20 Dec 2025 05:55 am


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