AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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तेलंगाना के हैदराबाद में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां के कोमपल्ली सरकारी हाई स्कूल में एक सातवीं क्लास के लड़के को दसवीं क्लास के लड़कों के समूह ने जमकर पीटा। हैरानी की बात तो यह है कि सीनियर लड़कों ने प्रिंसिपल के आदेश पर ऐसा किया। इस घटना को लेकर लोगों में काफी गुस्सा है।
आरोपी प्रिंसिपल की पहचान कृष्णा के रूप में हुई है। कृष्णा के पास दुंडिगल के मंडल शिक्षा अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार भी है। इस पद पर रहने वाले व्यक्ति की जिम्मेदारी होती है कि वह छात्रों के अधिकारों की रक्षा करे और उनकी भलाई के लिए फैसले ले। लेकिन जिस व्यक्ति को यह जिम्मेदारी सौंपी गई उस पर ही बच्चों के साथ गलत करने का आरोप लगा है।
जानकारी के अनुसार यह मामला स्कूल के साइकिल स्टैंड पर हुई एक छोटी सी बहस से शुरू हुआ था। स्टैंड पर बच्चों के बीच साइकिल के पुर्जे चुराने और साइकिल के टायर की हवा निकालने को लेकर लड़ाई शुरू हो गई। यह लड़ाई देखते ही देखते बढ़ गई और छात्रों के बीच मारपीट होने लगी। यह घटना सोमवार की बताई जा रही है।
टीचर ने पीड़ित छात्र फणींद्र सूर्या को साइकिलों पर निगरानी रखने साइकिल स्टैंड पर भेजा था। जब सूर्या वहां चेकिंग कर रहा था तभी चारी नामक एक दूसरे टीचर ने उसे रोक दिया। चारी को लगा कि सूर्या ही वह लड़का है जिसने साइकिलों के साथ छेड़छाड़ की है। इसी गलतफहमी में टीचर ने सूर्या को पकड़ा और उसे प्रिंसिपल के पास ले गया।
प्रिंसिपल कृष्णा ने मामले की ठीक से जांच किए बिना ही सूर्या को सजा सुना दी। कृष्णा ने कथित तौर पर 10वीं कक्षा के नौ छात्रों को बुलाया और उन्हें अनुशासन के नाम पर सूर्या की पीठ पर डंडे मारने का आदेश दिया। घटना के बाद सूर्या अपने घर पहुंचा और उसने अपने माता-पिता को सारी बात बताई। इसके बाद सूर्या के पिता शिव रामकृष्ण ने उसके शरीर पर मार के निशान देखे और उसे अस्पताल लेकर गया। फिलहाल सूर्या का अस्पताल में इलाज चल रहा है।
इसके बाद सूर्या के पिता ने पुलिस में इस मामले को लेकर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस इस मामले में प्रिंसिपल और स्कूल के दो टीचर्स की भूमिका की जांच कर रही है। सामाजिक संगठनों में इस घटना को लेकर भारी गुस्सा है। शिक्षा के अधिकार के कानून का उल्लंघन करने वाली इस घटना के सामने आने पर स्थानीय लोगों ने कृष्णा को प्रिसिंपल और मंडल शिक्षा अधिकारी के पद से तुरंत सस्पेंड किए जाने की मांग भी की है।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
23 Dec 2025 05:25 pm


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