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बिहार के बाद बंगाल में Voter List से 58 लाख लोगों के नाम कटे, EC के फैसले पर Mamata ने की बड़ी टिप्पणी

पश्चिम बंगाल में एसआईआर (SIR) को लेकर लगातार बवाल जारी है। इस बीच चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में 58 लाख से ज्यादा लोगों के नाम हटा दिए हैं। अगर किसी का नाम गलती से कट गया हो तो वह अब आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।

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SIR Voter List West Bengal

EC 58 Lakh Names Deleted in West Bengal: पश्चिम बंगाल में चुनाव के दौरान विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) को लेकर लगातार बवाल जारी है। राज्य की मुखिया ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) एसआईआर (SIR) में नाम काटे जाने को लेकर तीखी टिप्पणी भी करती रही हैं। इन सबके बीच एसआईआर के बाद राज्य की मसौदा मतदाता सूची से कुल 58 लाख नाम हटा दिए गए हैं।

19 लाख स्थानांतरित तो 12 लाख लापता भी हुए बाहर

मतदाता सूची से हटाए गए नामों में से 24 लाख नाम मृतकों के थे। वहीं 19 लाख मतदाता ऐसे थे, जो किसी दूसरी जगह स्थानांतरित हो चुके हैं। हटाए गए नामों में से 12 लाख "लापता" और 1.3 लाख "दोहरा" के रूप में चिह्नित किए गए हैं।

SIR का पहला चरण पूरा, नाम कटा तो दर्ज करा सकते हैं आपत्ति

मसौदा सूची के प्रकाशन के साथ ही विशेष गहन पुनरीक्षण का पहला चरण समाप्त हो गया है। जिन उम्मीदवारों के नाम मसौदा सूची से गलत तरीके से हटा दिए गए हैं, वे अब आपत्ति दर्ज करा सकते हैं और संशोधन का अनुरोध कर सकते हैं।

अंतिम सूची फरवरी 2026 में की जाएगी जारी

इन आपत्तियों पर विचार करने के बाद, अंतिम सूची अगले वर्ष फरवरी में प्रकाशित की जाएगी। अंतिम सूची के प्रकाशन के बाद बंगाल विधानसभा चुनावों की घोषणा होने की संभावना है। बंगाल में अंतिम बार विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) 2002 में किया गया था।

यह अन्याय है : TMC सांसद

तृणमूल सांसद सौगत रॉय ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, 58 लाख नामों को मतदाता सूची से हटाया जाना "अन्याय" है। उन्होंने कहा, "यह भाजपा की वैध मतदाताओं को मतदाता सूची से हटाने की साजिश है। हमने मतदाता सहायता केंद्र स्थापित किए हैं और हम मतदाताओं को मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराने के लिए फॉर्म जमा करने में मदद करेंगे।"

लाखों योग्य मतदाताओं के नाम हटाने के लिए SIR का दुरुपयोग : ममता

मसौदा सूची के प्रकाशन से बंगाल में एसआईआर को लेकर राजनीतिक हंगामा और तेज होने की संभावना है। मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने इस प्रक्रिया का विरोध करते हुए केंद्र और चुनाव आयोग पर चुनाव से पहले लाखों योग्य मतदाताओं के नाम हटाने के लिए एसआईआर का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है।

SIR को लेकर ममता बनर्जी रही हैं आक्रामक

ममता बनर्जी(Mamata Banerjee) चुनाव आयोग और एसआईआर को लेकर लगातार हमलावर रही हैं। उन्होंने हाल ही में कृष्णानगर में आयोजित एक रैली में बहुत तीखा भाषण दिया था। उन्होंने कहा था, "चुनाव आ रहा है। माताओं और बहनों को डराया और धमकाया जाएगा। मैं पूछना चाहती हूं कि क्या आप 'एसआईआर' के नाम पर माताओं और बहनों के अधिकार छीन लेंगे?

इसके साथ महिलाओं को ललकारते हुए उन्होंने कहा ​था कि माताओं और बहनों, अगर आपके नाम काट दिए गए, तो आपके पास हथियार तो हैं ना? खाना बनाते समय इस्तेमाल होने वाले हथियार। अगर आपके नाम काट दिए गए, तो आप इसे बर्दाश्त नहीं करेंगी ना? उन्होंने पुरुषों से भी यह अपील की थी कि महिलाएं लड़ेंगी और आप उनके पीछे ढाल बनकर खड़े रहेंगे। अब सवाल है कि क्या 58 लाख मतदाताओं के नाम हटाए जाने पर ममता बनर्जी सरकार चुप रहेंगी?

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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