AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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Employees State Insurance Corporation: जल्द ही राज्य कर्मचारी बीमा निगम (ESIC) से जुड़े सदस्यों और उनके परिजनों को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत जुड़े अस्पतालों में भी मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी। केंद्रीय श्रम मंत्रालय संगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए सामाजिक और स्वास्थ्य सेवा का विस्तार करने जा रहा है। इसके तहत अप्रेल के अंत तक ईएसआइसी सदस्यों को आयुष्मान भारत के पैनल में शामिल अस्पतालों में भी इलाज की सुविधा मिल सकेगी।
केंद्रीय श्रम मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा कि इस दिशा में मंत्रालय स्तर से काम शुरू हो गया है। सभी जरूरी स्वीकृति प्रदान की जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि दूर-दराज और छोटे शहरी इलाकों में संगठित क्षेत्र के कामगारों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।
श्रम मंत्रालय के इस फैसले के बाद संगठित क्षेत्र के कामगारों-लाभार्थियों के लिए देश के करीब 31,000 सरकारी और निजी अस्पतालों में इलाज का रास्ता खुल जाएगा, जिसमें 150 से अधिक ईएसआइसी के अस्पताल और 1600 डिस्पेंसरी शामिल हैं। ईएसआइसी के तहत आयुष्मान भारत पैनल में शामिल अस्पतालों में इलाज के लिए किसी तरह की कैपिंग नहीं होगी।
आयुष्मान योजना के अंतर्गत इलाज करवाने के लिए 5 लाख रुपए तक की लिमिट है। यह सीमा ईएसआइसी के सदस्यों के इलाज के लिए लागू नहीं होगी। उनके इलाज पर जितना भी खर्च होगा, पूरा खर्च ईएसआइसी की ओर से उठाया जाएगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि ईएसआइसी सदस्यों और उनके परिजनों का पहले से ही बीमा होता है, जिससे इलाज का पूरा खर्च उठाया जाता है।
देश के कई हिस्सों में ईएसआइसी के अस्पताल मौजूद नहीं है। इस वजह से सदस्यों को इलाज करवाने में परेशानी होती है। जहां अस्पताल है भी, वहां कई बीमारियों का इलाज नहीं हो पता है या फिर उन अस्पतालों में कई सुविधाएं नहीं होती है। चिकित्सा सेवा का विस्तार होने से संगठित क्षेत्र के श्रमिकों को व्यापक लाभ मिलने की उम्मीद है।
केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि वर्तमान में 3.72 करोड़ ईएसआइसी से जुड़े सदस्य हैं। मौजूदा प्रावधानों के हिसाब से एक सदस्य के परिवार में 3.88 सदस्य माने जाते हैं। इस हिसाब से देखा जाए तो कुल सदस्यों और उनके परिजनों को जोडक़र यह संख्या 14.45 करोड़ बैठती है, जिन्हें व्यापाक चिकित्सा सेवा का लाभ मिलेगा।
संगठित क्षेत्र के वैसे कर्मचारी, जिनका प्रति माह वेतन 21,000 रुपए से कम है वे ईएसआइ के पात्र हैं। दिव्यांग कर्मचारियों के लिए यह सीमा 25,000 रुपए है।
इसमें कर्मचारी और नियोक्ता, दोनों योगदान करते हैं। इसमें कर्मचारी अपने वेतन का 0.75 फीसदी और नियोक्ता कर्मचारी के वेतन का 3.25 फीसदी योगदान देते हैं।
इस योजना की विशेषता यह है कि जब तक कर्मचारी ईएसआइ वेतन सीमा के अंदर रहता है, तब तक उसका बीमा नंबर वही रहता है। नौकरी बदलने के बाद भी बीमा नंबर वही रहता है।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
27 Mar 2025 12:48 pm


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