AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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पत्रिका न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार हिडन एजेंडे के साथ देश में जब-तब पनपने वाले जन आंदोलनों को रोकने के लिए मानक संचालक प्रणाली (एसओपी) बनाने की तैयारी कर रही है। इस पर अध्ययन के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरडी) ने एक प्रश्नावली भेजकर राज्यों के पुलिस प्रमुखों से पिछले 50 साल (खासकर इमरजेंसी के बाद से) के आंदोलनों की जानकारी मांगी है।
जानकार सूत्रों ने बताया कि यह जानकारी मांगने के पीछे अनावश्यक और छिपे एजेंडे के साथ लोगों को गुमराह कर आंदोलन चलाने, विदेशी फंडिंग का इस्तेमाल और इसके पीछे के असली मकसद का पता लगाना और भविष्य में इसे सीमित (मिनिमाइज) करने के लिए एसओपी जारी करना है।
सूत्रों ने बताया कि मौजूदा मोदी सरकार कम से कम दो (सीएए और कृषि कानूनों का विरोध) ऐसे आंदोलन झेल चुकी है जिसमें भाजपा आरोप लगाती रही है कि इसके पीछे लोगों को गुमराह कर आंदोलनकारियों ने हिडन एजेंडा पूरा किया। किसान आंदोलन के बाद तो केंद्र सरकार को तीन कृषि कानून वापस लेने पड़े थे।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Updated on:
29 Dec 2025 04:25 am
Published on:
29 Dec 2025 04:19 am


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