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SIR 2.0 का वोटर ड्राफ्ट रोल जारी, कट गए 3.68 करोड़ वोटरों के नाम, इस केंद्र शासित प्रदेश में हटाए गए 21 फीसदी मतदाता

SIR 2.0 का वोटर ड्राफ्ट रोल जारी कर दिया गया है। दूसरे चरण में 3.68 करोड़ वोटरों के नाम हटाए गए हैं। जानिए किस बात को लेकर चुनाव आयोग पहुंच गए टीएमसी के नेता...

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UP SIR फॉर्म (पत्रिका फाइल फोटो)
SIR (पत्रिका फाइल फोटो)

SIR 2.0 Voter Draft Roll: SIR 2.0 का वोटर ड्राफ्ट रोल जारी हो गया है। पश्चिम बंगाल, केरल, राजस्थान समेत 12 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में चुनाव आयोग ने स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन चलाया। इसके बाद जारी किए गए वोटर रोल में 3.68 करोड़ वोटरों के नाम हटाए गए। चुनाव आयोग ने बताया कि हटाए गए वोटरों को शिफ्टेड/अनुपस्थित, मृत, कई जगहों पर रजिस्टर्ड के रूप में मार्क किया गया।

2025 का सबसे बड़ा सियासी मुद्दा बना

स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी SIR साल 2025 में सबसे बड़ा सियासी मुद्दा बनकर सामने उभरा। जून 2025 में भारतीय निर्वाचन आयोग ने वोटर लिस्ट में संशोधन के लिए SIR की प्रक्रिया शुरू की। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले SIR का पहला चरण शुरू किया गया। इसमें बिहार में BLOs (बूथ लेवल ऑफिसर्स) ने घर-घर जाकर वोटरों का सत्यापन किया। फाइनल वोटर रोल 30 सितंबर 2025 को प्रकाशित हुई। करीब 65 लाख नाम वोटर लिस्ट से हटाए गए।

27 अक्टूबर से शुरू हुआ SIR का दूसरा चरण

भारतीय निर्वाचन आयोग ने SIR के दूसरे चरण की घोषणा 27 अक्टूबर को की। पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, उत्तर प्रदेश, गुजरात समेत 12 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशो में SIR को लेकर काम शुरू हुआ। केरल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह सहित अन्य राज्यों में वोट लिस्ट ड्राफ्ट जारी होने के बाद कुल 3.68 करोड़ वोटरों के नाम हटा दिए गए हैं। अंडमान और निकोबार में सबसे ज्यादा 21% नाम हटाए गए हैं।

इन राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों ने कहा कि बूथ लेवल अधिकारियों ने सभी हटाए गए वोटरों को शिफ्टेड/अनुपस्थित, मृत, कई जगहों पर रजिस्टर्ड के रूप में मार्क किया। उन्होंने कहा कि कोई भी SIR के तहत हटाया गया सही वोटर क्लेम और आपत्ति की अवधि में अपने फॉर्म जमा करके फाइनल लिस्ट में वापस आ सकता है, जो मंगलवार से शुरू होकर 22 जनवरी को खत्म होगी। कई जगहों पर रजिस्टर्ड लोगों को सिर्फ एक जगह अपना रजिस्ट्रेशन रखने की अनुमति दी जाएगी।

एमपी में हटाए गए 42 लाख मतदाता

मध्य प्रदेश में 42 लाख 74 हजार 160 मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजीव कुमार झा और संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी आर पी.एस जादौन ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी देते हुए बताया कि, एसआईआर से पहले राज्य में 5 करोड़ 74 लाख 6 हजार 143 मतदाता थे। एसआईआर के बाद जारी प्रारूप मतदाता सूची में 5 करोड़ 31 लाख 31 हजार 983 मतदाता हैं। 42 लाख से ज्यादा कटे हैं।

चुनाव आयुक्त के अनुसार, मतदाताओं में 8 लाख 46 हजार 184 की मृत्यु हो चुकी है। जबकि 8 लाख 42 हजार 677 एबसेंट मिले। 2 लाख 76 हजार 961 ऐसे मतदाता थे, जिनका एक से ज्यादा स्थानों पर नाम दर्ज था। इसके अलावा 22 लाख 78 हजार 393 मतदाता शिफ्टेड हो चुके है। साथ ही, 29 हजार 927 मतदाताओं के नाम अन्य कारणों से हटाया गया है।

पश्चिम बंगाल में हटाए गए 58 लाख मतदाता

पश्चिम बंगाल में 4 नवंबर से 11 दिसंबर तक जारी एसआईआर के बाद ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से 58 लाख 20 हजार 898 नाम हटा दिए गए हैं, जिससे राज्य के मतदाताओं की संख्या 7 करोड़ 66 लाख 37 हजार 529 से घटकर 7 करोड़ 08 लाख 16 हजार 630 रह गई। राजस्थान में SIR प्रक्रिया के बाद 5 करोड़ 46 लाख 56, 215 मतदाताओं में से करीब 42 लाख मतदाताओं के नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची से हटाए गए। केरल में कुल 2.78 करोड़ वोटरों में से 5.25 फीसदी वोटरों को SIR में हटा दिया गया है।

मुख्य चुनाव अधिकारी से मिले TMC नेता

पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेताओं ने मंगलवार को राज्य के CEO से मुलाकात की। उन्होंने चुनाव आयोग से कहा कि आम आदमी की समस्याओं को हल करना होगा। सिर्फ़ बातों से काम नहीं चलेगा। उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग को 13 समस्याएं गिनाईं। इनमें मुख्य हैं:

  1. गिनती के फॉर्म में स्पेलिंग की गलतियों जैसी तार्किक विसंगतियों वाले मतदाताओं को नोटिस नहीं मिलना चाहिए।
  2. अगर 2002 की SIR लिस्ट से वंश से जुड़े लिंक को EC ने स्वीकार कर लिया है, तो मतदाताओं को वंश से संबंधित दस्तावेज क्यों देने चाहिए?
  3. अगर EC 11 दस्तावेज स्वीकार करता है, तो आधार कार्ड को 12वें दस्तावेज के रूप में क्यों स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए?
  4. गांवों में सुनवाई केंद्र 30-40 किमी दूर हैं, जो लोगों के लिए अव्यावहारिक है और इसके बजाय सरकारी कार्यालयों जैसे ग्राम पंचायत, नगर पालिका और बोरो कार्यालयों में आयोजित किए जाने चाहिए जो लोगों के करीब हैं।
  5. चुनाव आयोग (EC) का कहना है कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए घर-घर जाकर मतदान कराया जाएगा, लेकिन अभी तक कोई विशेष निर्देश नहीं हैं।

SIR 2.0 पर क्या बोले योगेंद्र यादव?

SIR के दौरान अकेले तमिलनाडु में 97 लाख नाम वोटर लिस्ट से काट दिए गए—इतनी आबादी तो दुनिया के कई देशों में भी नहीं होती। SIR के दूसरे दौर में 6.5 करोड़ों लोगों के वोट कट रहे हैं, और अतिरिक्त 6 करोड़ों नागरिकों पर तलवार लटकी है। अफ़सोस कि देश का अधिकांश मीडिया इसे लोकतंत्र का संकट नहीं, क्रिकेट स्कोर की तरह देख रहा है।- योगेंद्र यादव

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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