Patrika Logo
Switch to English
होम

होम

वीडियो

वीडियो

प्लस

प्लस

ई-पेपर

ई-पेपर

प्रोफाइल

प्रोफाइल

हाई कोर्ट ने भगवद् गीता और वेदांत को नहीं माना धार्मिक ग्रंथ, जानें क्या था गृह मंत्रालय का आदेश

मद्रास उच्च न्यायालय ने हाल ही में कहा कि भगवद गीता विशुद्ध रूप से धार्मिक ग्रंथ होने के बजाय एक नैतिक विज्ञान और भारतीय सभ्यता का हिस्सा है।

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

पूरी खबर सुनें
  • 170 से अधिक देशों पर नई टैरिफ दरें लागू
  • चीन पर सर्वाधिक 34% टैरिफ
  • भारत पर 27% पार्सलट्रिक टैरिफ
पूरी खबर सुनें
Court Judgement
हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

Madras High Court: मद्रास हाईकोर्ट ने भगवद् गीता को ‘नैतिक विज्ञान’ और भारतीय सभ्यता का अभिन्न हिस्सा बताते हुए इसे धार्मिक ग्रंथ मानने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने वेदांत को पूर्वजों द्वारा विकसित शुद्ध दर्शन और योग को सार्वभौमिक अभ्यास बताया। अदालत ने कहा कि योग को केवल धर्म के चश्मे से देखना घोर अन्याय होगा। जस्टिस जी.आर. स्वामीनाथन की पीठ ने गृह मंत्रालय के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें अर्श विद्या परंपरा ट्रस्ट के विदेशी चंदा (नियमन) अधिनियम (FCRA) के तहत रजिस्ट्रेशन आवेदन को धार्मिक संगठन बताकर खारिज किया गया था।

क्या है पूरा मामला?

अर्श विद्या परंपरा ट्रस्ट ने वर्ष 2021 में FCRA पंजीकरण के लिए आवेदन किया था। गृह मंत्रालय ने सितंबर 2021 में यह कहते हुए आवेदन खारिज कर दिया कि— ट्रस्ट ने बिना पूर्व अनुमति के विदेशी फंड प्राप्त किया और उसे दूसरी संस्था को दान कर दिया। ट्रस्ट की गतिविधियां भगवद् गीता के संदेश के प्रसार से जुड़ी होने के कारण धार्मिक प्रकृति की हैं। इसके बाद ट्रस्ट ने मद्रास हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और आदेश रद्द कर रजिस्ट्रेशन मंजूर करने की मांग की।

कोर्ट की अहम टिप्पणियां

कोर्ट ने कहा कि भगवद् गीता किसी एक धर्म तक सीमित नहीं है, बल्कि यह नैतिक विज्ञान है और भारतीय सभ्यता की आधारशिला है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक पुराने फैसले का हवाला देते हुए इसे ‘राष्ट्रीय धर्मशास्त्र’ भी बताया गया।
वेदांत पर कोर्ट ने कहा कि यह हमारे पूर्वजों का विकसित किया हुआ शुद्ध दर्शन है। योग को लेकर अदालत ने स्पष्ट किया कि इसे धर्म से जोड़ना गलत है, क्योंकि योग सार्वभौमिक है। एक अमेरिकी अदालत के फैसले का जिक्र करते हुए कहा गया कि योग शारीरिक लचीलापन बढ़ाने, दर्द कम करने और तनाव घटाने का एक धर्मनिरपेक्ष माध्यम है। कोर्ट ने यह भी साफ किया कि आध्यात्मिकता और धर्म एक नहीं होते।

प्राकृतिक न्याय का उल्लंघन

अदालत ने पाया कि गृह मंत्रालय के आदेश में प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन हुआ है। आवेदन पर 2021 से अक्टूबर 2024 तक निर्णय न लेना भी कोर्ट ने ‘अच्छे शासन’ के सिद्धांतों के खिलाफ बताया। संविधान के अनुच्छेद 51A (b) और (f) का उल्लेख करते हुए कोर्ट ने कहा कि नागरिकों का कर्तव्य है कि वे राष्ट्रीय आदर्शों और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण करें।

गृह मंत्रालय के आदेश को किया खारिज

कोर्ट ने गृह मंत्रालय का आदेश रद्द करते हुए मामला दोबारा FCRA प्राधिकरण को भेज दिया है। प्राधिकरण को निर्देश दिया गया है कि यदि नई नोटिस जारी की जाए, तो वह स्पष्ट, प्रासंगिक और ठोस आधार पर हो।

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

अभी चर्चा में
(35 कमेंट्स)

अभी चर्चा में (35 कमेंट्स)

User Avatar

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

अभी चर्चा में
(35 कमेंट्स)

अभी चर्चा में (35 कमेंट्स)

User Avatar

आपकी राय

आपकी राय

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?


ट्रेंडिंग वीडियो

टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

User Avatar