Patrika Logo
Switch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

प्लस

प्लस

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

Delhi Poor AQI: निर्माण पर नहीं लगेगा बैन, यह कोई स्थाई समाधान नहीं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण पर निर्माण गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने से इनकार करते हुए केंद्र सरकार से 19 नवंबर तक लंबी अवधि की स्थायी योजना पेश करने के निर्देश दिए।

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

पूरी खबर सुनें
  • 170 से अधिक देशों पर नई टैरिफ दरें लागू
  • चीन पर सर्वाधिक 34% टैरिफ
  • भारत पर 27% पार्सलट्रिक टैरिफ
पूरी खबर सुनें
AQI पर सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश (IANS)

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण (AQI) के मामले में सोमवार को अहम फैसला सुनाया। मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई की अगुवाई वाली पीठ ने निर्माण गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग को साफ खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण और विकास के बीच संतुलन बनाना जरूरी है। पीठ ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “हम कोर्ट में विशेषज्ञ नहीं बैठे हैं और हर साल दिल्ली का प्रदूषण प्रबंधन नहीं चला सकते। यह प्राथमिक रूप से केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है।”

निर्माण कार्यों पर नहीं लगेगी रोक

कोर्ट ने निर्माण कार्यों पर पूरी तरह रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा कि इससे लाखों मजदूरों-कामगारों की रोजी-रोटी छिन जाएगी और गंभीर सामाजिक-आर्थिक नुकसान होगा। केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल ने तर्क दिया कि विकसित देशों जैसे अमेरिका के प्रदूषण मानक भारत जैसे विकासशील देश पर नहीं थोपे जा सकते। उन्होंने कहा, “मानवाधिकारों को नुकसान पहुंचाए बिना कितना प्रदूषण रोका जा सकता है, यही असल सवाल है।”'

केंद्र सरकार से माँगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को 19 नवंबर तक दिल्ली के वायु प्रदूषण से निपटने की लंबी अवधि की ठोस और स्थायी योजना पेश करने का सख्त निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि अब सिर्फ अस्थायी उपायों से काम नहीं चलेगा, स्थायी समाधान चाहिए। साथ ही GRAP (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) के चरणबद्ध क्रियान्वयन को और सख्ती से लागू करने के आदेश दिए गए।

मॉनिटरिंग पर कोर्ट ने खड़े किए सवाल

कोर्ट ने दिल्ली की मौजूदा AQI मॉनिटरिंग प्रणाली पर भी गंभीर सवाल उठाए। अमिकस क्यूरी ने आरोप लगाया कि कई मॉनिटरिंग उपकरण 999 AQI से ऊपर की रीडिंग ही नहीं दिखा पाते और कुछ जगहों पर पानी छिड़क कर रीडिंग को कृत्रिम रूप से कम करने की कोशिश की जा रही है। पीठ ने टिप्पणी की, “ये उपकरण दिल्ली की स्थिति के लिए उपयुक्त नहीं लगते।” कोर्ट ने केंद्र, CPCB और CAQM से 19 नवंबर तक विस्तृत जवाब मांगा है कि कौन से उपकरण लगे हैं, उनकी अधिकतम क्षमता क्या है और क्या वे अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरे उतरते हैं।

GRAP-1 लगाने की याचिका खारिज

एक याचिकाकर्ता ने कैलिफोर्निया मॉडल अपनाने और साल भर GRAP-1 स्तर की पाबंदियां लगाने की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि भारत की परिस्थितियां विकसित देशों से अलग हैं, सीधी तुलना नहीं की जा सकती।

पराली जलाने वाले मामले में मांगा रिकॉर्ड

पराली जलाने के मुद्दे पर पंजाब और हरियाणा सरकारों की ताजा स्टेटस रिपोर्ट को कोर्ट ने रिकॉर्ड पर लिया। मामले की अगली सुनवाई 19 नवंबर को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया की पर्यावरण संरक्षण बेहद जरूरी है, लेकिन इसका मतलब लाखों लोगों की आजीविका छीनना नहीं हो सकता। दिल्ली के प्रदूषण से निपटने का नेतृत्व अब केंद्र सरकार को करना होगा।

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

अभी चर्चा में
(35 कमेंट्स)

अभी चर्चा में (35 कमेंट्स)

User Avatar

आपकी राय

आपकी राय

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?


ट्रेंडिंग वीडियो

टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

User Avatar