AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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ED Raids Travel Agency: दिल्ली के एक ट्रैवल एजेंट के कई ठिकानों पर एक साथ ईडी ने छापेमारी की। इस दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) को छह किलो सोना, 313 किलो चांदी समेत चार करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी बरामद हुई। यह छापेमारी भारतीयों को ‘डंकी’ रूट के जरिए अमेरिका भेजने से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में की गई। प्रवर्तन निदेशालय ने ट्रैवल एजेंट के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में मिली नकदी समेत सोना-चांदी जब्त कर लिया है। अधिकारियों ने बताया कि इस छापेमारी के दौरान 4 करोड़ 62 लाख रुपये नकद, 313 किलोग्राम चांदी और 6 किलोग्राम सोने की सिल्लियां बरामद की गई हैं, जिनकी कुल कीमत करीब 19.13 करोड़ रुपये आंकी गई है।
ईडी से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, यह तलाशी अभियान गुरुवार को दिल्ली, जालंधर और पानीपत में एक साथ एक दर्जन से अधिक स्थानों पर चलाया गया। इस दौरान जांचकर्ताओं को न सिर्फ बड़ी मात्रा में नकदी और सोना-चांदी मिला, बल्कि मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से कई आपत्तिजनक चैट और डिजिटल सबूत भी बरामद हुए हैं, जो इस अवैध रैकेट की ओर इशारा करते हैं।
ईडी अधिकारियों का दावा है कि हरियाणा के मूल निवासी दिल्ली के एक ट्रैवल एजेंट के कई परिसरों से ‘डंकी’ कारोबार से जुड़े अहम दस्तावेज और रिकॉर्ड जब्त किए गए हैं। जांच में ये भी सामने आया है कि ये एजेंट अमेरिका जाने के इच्छुक भारतीय लोगों से मोटी रकम वसूलता था और कई मामलों में उनकी संपत्ति के दस्तावेजों को कमीशन की गारंटी के तौर पर अपने पास रख लेता था। इससे यह आशंका और मजबूत हो गई कि अवैध तरीके से अर्जित काले धन को कई तरीकों से छिपाया जाता था। इसके अलावा उसे अलग-अलग जगहों पर निवेश किया जाता था।
दरअसल, दूसरे देशों में नागरिकों को भेजने वाली अवैध प्रक्रिया को ‘डंकी’ कारोबार कहा जाता है। ‘डंकी’ शब्द पंजाबी मुहावरे का एक शब्द है, इसका मतलब अवैध तरीके से एक देश से दूसरे देश जाना होता है। इसके तहत दूसरे देशों में प्रवेश करने के लिए लंबी, खतरनाक और अमानवीय यात्रा अपनाई जाती है। इसके तहत लोगों को दक्षिण अमेरिकी देशों से होते हुए मैक्सिको की सीमा पार कर अमेरिका में अवैध रूप से दाखिल कराया जाता है। ईडी के सूत्रों की मानें तो इस पूरी यात्रा के दौरान यात्रियों को न सिर्फ शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ती है, बल्कि उनसे बार-बार अतिरिक्त पैसे भी वसूले जाते हैं और कई बार अवैध काम भी करवाए जाते हैं।
दरअसल, केंद्रीय जांच एजेंसी (ED) ने इस मामले में छापेमारी का पहला चरण इसी साल जुलाई में शुरू किया था। इसके बाद कुछ कथित आरोपियों की पहचान होने के बाद ईडी ने कई ट्रैवल एजेंटों की संपत्तियां भी जब्त की। ईडी सूत्रों की मानें तो इसकी सबसे पहले जांच फरवरी 2025 में उस समय तेज हो गई थी, जब अमेरिकी सरकार ने सैन्य मालवाहक विमानों के जरिए 330 भारतीय नागरिकों को भारत वापस भेज दिया था। ये सभी लोग अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे थे। इस मामले में पंजाब और हरियाणा पुलिस की कई FIR पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की थी।
ईडी सूत्रों का कहना है कि इन एजेंटों ने भोले-भाले लोगों को कानूनी तरीके से अमेरिका भेजने का झांसा दिया। इसके बाद उनसे भारी रकम वसूली और उन्हें जानलेवा और अवैध रास्तों से अमेरिका भेजा गया। एजेंसी के सूत्रों का कहना है कि इस पूरे नेटवर्क ने धोखाधड़ी के जरिए अवैध तरीके से आय की और उसे विभिन्न रूपों में निवेश किया। गौर करने वाली बात ये है कि साल 2025 में अब तक अमेरिका ने 1500 से ज्यादा भारतीय नागरिकों को निर्वासित कर दिया। ये वही भारतीय हैं, जो विभिन्न ट्रैवल एजेंटों द्वारा धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं।
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Updated on:
19 Dec 2025 04:10 pm
Published on:
19 Dec 2025 03:48 pm


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