Patrika Logo
Switch to English
होम

होम

वीडियो

वीडियो

प्लस

प्लस

ई-पेपर

ई-पेपर

प्रोफाइल

प्रोफाइल

दिल्ली की वो पूर्व सीएम, जिसकी दहाड़ से सहम उठा था पाकिस्तान! जनता से जुड़ने का खोजा नायाब तरीका

Sushma Swaraj: दिल्ली की पूर्व सीएम सुषमा स्वराज ने सितंबर 2017 में आयोजित संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर कड़े शब्दों में लताड़ लगाई थी। इसके साथ ही उन्होंने देश की वैश्विक छवि मजबूत की।

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

पूरी खबर सुनें
  • 170 से अधिक देशों पर नई टैरिफ दरें लागू
  • चीन पर सर्वाधिक 34% टैरिफ
  • भारत पर 27% पार्सलट्रिक टैरिफ
पूरी खबर सुनें
Sushma Swaraj: दिल्ली की वो पूर्व सीएम, जिसकी दहाड़ से सहम उठा था पाकिस्तान! जनता से जुड़ने का खोजा नायाब तरीका
दिल्ली की पूर्व सीएम सुषमा स्वराज को बांसुरी स्वराज ने दी श्रद्धांजलि। (फोटो : @BansuriSwaraj)

Sushma Swaraj: छह साल पहले आज ही के दिन भारतीय राजनीति ने एक ऐसे नेता को खो दिया था, जिसकी आवाज में जितनी विनम्रता थी, उनके शब्द उतने ही गहरे और ओजस्वी थे। हम बात कर रहे हैं दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री का खिताब अपने नाम करने वाली नेता सुषमा स्वराज की। सुषमा स्वराज भारतीय राजनीति की एक प्रेरणादायी और प्रभावशाली नेता थीं, जिनका सफर सामाजिक सरोकारों से लेकर उच्च स्तर की राजनयिक जिम्मेदारियों तक फैला हुआ है। उनका जन्म 14 फरवरी 1952 को हरियाणा के अंबाला में हुआ था। वह 1970 के दशक में एबीवीपी से जुड़ीं और आपातकाल के दौरान सक्रिय भूमिका निभाई।

25 साल की उम्र में बनीं कैबिनेट मंत्री

इसके बाद साल 1977 में मात्र 25 साल की उम्र में सुषमा स्वराज हरियाणा की सबसे युवा कैबिनेट मंत्री बनीं। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वे तबरीबन सात बार सांसद और 3 बार विधायक रहीं। साल 1998 में वे दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं, हालांकि उनका कार्यकाल अल्पकालिक रहा। इसके अलावा सुषमा स्वराज अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में सूचना एवं प्रसारण मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री तक रहीं। साल 2009 से 2014 तक वे लोकसभा में नेता विपक्ष भी रहीं। इसके बाद साल 2014 में केंद्र में भाजपा सरकार बनने के बाद उन्होंने विदेश मंत्रालय भी संभाला। 6 अगस्त 2019 को उनका निधन हुआ। जिससे भारतीय राजनीति ने एक सशक्त महिला नेतृत्व खो दिया।

विदेश मंत्री रहते लिए कई साहसिक और ऐतिहासिक फैसले

सुषमा स्वराज ने 26 मई 2014 को भारत की विदेश मंत्री के रूप में पदभार संभाला और 30 मई 2019 तक इस पद पर रहीं। इस दौरान उन्होंने कई ऐतिहासिक और साहसिक फैसले लिए। यमन में चल रहे गृहयुद्ध के बीच जुलाई 2015 में उन्होंने ‘ऑपरेशन राहत’ का नेतृत्व किया। जिसके तहत भारतीय वायुसेना और नौसेना की मदद से 4,600 से अधिक भारतीयों और 960 विदेशी नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। अगस्त 2016 में जब पाकिस्तान की एक बच्ची जैना को दिल की गंभीर बीमारी थी। तब भारत-पाक के बीच तनावपूर्ण माहौल होने के बावजूद सुषमा स्वराज ने व्यक्तिगत हस्तक्षेप कर उसे मेडिकल वीजा दिया, जो एक मानवीय और साहसी कदम था।

ट्विटर क्रांति से साधा जनसंपर्क

उन्होंने ट्विटर को जनता से जुड़ने और विदेशों में फंसे भारतीयों की मदद का एक प्रभावी माध्यम बना दिया। मार्च 2017 में सऊदी अरब में फंसे करीब 10,000 भारतीय मजदूरों की स्थिति अत्यंत खराब थी। सुषमा स्वराज ने तुरंत वहां भारतीय दूतावास को निर्देश दिए और खुद निगरानी करते हुए राहत सामग्री और रिहाई सुनिश्चित की। सितंबर 2017 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में उन्होंने पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर कड़े शब्दों में लताड़ लगाई। इससे भारत की वैश्विक छवि को मजबूती मिली, जबकि पाकिस्तान की किरकिरी हुई थी। उनके ये निर्णय न केवल तत्कालीन परिस्थिति में साहसी थे, बल्कि भारत की विदेश नीति को एक मानवीय और प्रभावशाली दिशा भी दी।

बरसी पर बेटी ने लिखी भावुक पोस्ट

सुषमा स्वराज की पुण्यतिथि पर उनकी बेटी और नई दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद बांसुरी स्वराज ने उन्हें भावपूण श्रद्धांजलि दी। उन्होंने अपने सोशल मीडिया ‘X’ अकाउंट पर एक भावुक पोस्ट लिखा। बांसुरी स्वराज ने लिखा “छह बरस हो गए मां…पर आज भी अनायास ही आंखें आपको ढूंढ लेती हैं, भीड़ में, संसद की तस्वीरों में, हर उस मोड़ पर जहां आप होतीं तो मुझे थाम लेतीं। छह बरस हो गए मां। पर हर उपलब्धि पर दिल सबसे पहले आपकी आंखें तलाशता है, क्योंकि आपकी नजर से मिली शाबाशी ही मेरी सबसे बड़ी जीत होती थी। छह बरस हो गए मां, लेकिन आप अब भी हर धड़कन में गूंजती हैं, हर संघर्ष में संबल बनकर साथ चलती हैं। मेरी राह आज भी आपके आशीर्वाद से रोशन है। Miss you, Ma!”

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

अभी चर्चा में
(35 कमेंट्स)

अभी चर्चा में (35 कमेंट्स)

User Avatar

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

अभी चर्चा में
(35 कमेंट्स)

अभी चर्चा में (35 कमेंट्स)

User Avatar

आपकी राय

आपकी राय

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?


ट्रेंडिंग वीडियो

टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

User Avatar