AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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नई दिल्ली।लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य में संयुक्त राष्ट्र की वर्तमान संरचना के पुनर्मूल्यांकन के महत्व पर बल दिया। उन्होंने समकालीन चुनौतियों का समाधान करने के लिए किए जाने वाले आवश्यक सुधारों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। बिरला ने कहा कि युद्ध, आतंकवाद, जलवायु संकट और डिजिटल जोखिमों जैसे गंभीर मुद्दों से जूझ रहे विश्व में संवाद, सहयोग और समयबद्ध वैश्विक सुधार जरूरी हो गए हैं।
लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने यह बातें विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 26वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में कही। बिरला ने भारत के प्राचीन दर्शन वसुधैव कुटुम्बकम और संविधान में निहित शांति, सौहार्द और समता के सिद्धांतों को देश की वैश्विक प्रतिबद्धता का आधार बताया। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में भारत की सक्रिय भूमिका रही है। 3 लाख से अधिक शांति सैनिकों के योगदान और कोविड-19 महामारी के दौरान 150 से अधिक देशों को दी गई वैक्सीन सहायता इसकी बानगी भर है। भारत ने वैश्विक सहयोग की भावना के साथ काम किया है।
बिरला ने आशा व्यक्त की कि न्यायपालिका के समक्ष पर्यावरणीय न्याय, सतत विकास, डिजिटल सुरक्षा और आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के नैतिक उपयोग जैसी उभरती चुनौतियों पर केन्द्रित यह सम्मेलन विश्व शांति, न्याय और स्थिरता को और सुदृढ़ करेगा। इस अवसर पर सांसद सुधांशु त्रिवेदी भी उपस्थित रहे।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
20 Nov 2025 11:10 am


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