AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
अभिषेक सिंघल
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रवादी विचार को आगे बढ़ाने के लिए संघ ने अलग-अलग क्षेत्रों में कार्य करने के लिए अलग अलग संगठन बनाए। इनके लिए संघ ने अपने प्रचारकों, कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दे कर इनमें भेजा। अधिकांश संगठनों में संगठन मंत्री के लिए संघ प्रचारकों, कार्यकर्ताओं को भेजता है। अखिल भारतीय एवं कुछ प्रांत स्तर पर ऐसे लगभग 52 संगठन कार्यरत हैं।
युवकों में संघ का बढ़ता हुआ काम देख वर्धा की श्रीमती लक्ष्मीबाई केलकर की डॉक्टर हेडगेवार से भेंट के बाद महिलाओं का समानान्तर संगठन 1936 में विजयादशमी के दिन राष्ट्र सेविका समिति नाम से स्थापित हुआ। केलकर के बाद सरस्वती ताई आप्टे, उषाताई चाटी, प्रमिलाताई मेढे इसकी संचालिका रहीं। वर्तमान में व्ही. शांताकुमारी संचालिका हैं। पूरे देश मे 5000 शाखाएं और 100 प्रचारिकाएं विस्तारिकाएं हैं।

25 जुलाई 1955 को भारतीय मजदूर संघ की स्थापना भोपाल में हुई। संघ के प्रचारक दत्तोपंत ठेगड़ी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसके दो करोड़ 25 लाख सदस्य हैं। यह 6000 संगठित और असंगठित यूनियन्स और 42 महासंघों के माध्यम से पूरे देश का सबसे बड़ा श्रमिक संगठन है। 1996 से आईएलओ में बीएमएस प्रतिनिधि के रूप में जा रहा है। भामस ने वर्ग-संघर्ष की संकल्पना को अस्वीकार कर औद्योगिक परिवार का समवेती सिद्धांत अपनाया है।
हिन्दू समाज को संगठित करने के लिए 29 अगस्त 1964 को मुंबई के सांदीपनी आश्रम में विश्व हिन्दू परिषद का गठन हुआ। संघ के प्रचारक दादासाहेब आप्टे को इसकी जिम्मेदारी दी गई। 1966 के प्रयाग कुम्भ में विश्व हिन्दू सम्मेलन में मैसूर राजपरिवार के चामराज वाडियार पहले अध्यक्ष व दादासाहब आप्टे महामंत्री बने। 1982 में अशोक सिंघल विहिप के पदाधिकारी बने। अप्रैल 1984 में प्रथम धर्म संसद, नई दिल्ली में राम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति गठित हुई। राम मंदिर आंदोलन में संघ परिवार जुटा। विहिप के विश्व के 65 देशों में 45 सौ से अधिक सेवा प्रकल्प हैं। विहिप की युवा शाखा बजरंग दल तथा दुर्गा वाहिनी के अलावा 17 और संगठन हैं।
युवाओं और छात्रों में कार्य करने के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का गठन 13 जून 1948 में अम्बाला हुआ। औपचारिक स्थापना 9 जुलाई 1949 को मुम्बई में हुई। संघ के प्रचारक रहे और फिर मुंबई विश्वविद्यालय के प्रोफेसर यशंवत राव केलकर ने इसे आगे बढ़ाया। इसमें प्राध्यापक और छात्र-छात्राएं दोनों ही सदस्य होते हैं। 59,36,340 सदस्यों के साथ यह विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन है। देश के कई विश्वविद्यालयों में इसके प्रतिनिधि विजयी हुए हैं। केन्द्र सरकार में एबीवीपी पृष्ठभूमि के कई मंत्री शामिल हैं, वहीं कई राज्यों में भी मुख्यमंत्री और मंत्री एबीवीपी से जुड़े रहे हैं।
समाज के आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से पिछड़े एवं उपेक्षित समाज के उत्थान के लिए सेवा भारती का गठन 2अक्टूबर 1979 को हुआ। संघ के प्रचारक विष्णु कुमार ने दिल्ली में इसकी शुरुआत की। औपचारिक पंजीकरण जनवरी 1981 में हुआ। राष्ट्रीय सेवा भारती 2000 में स्थापित हुई। 900 संस्थाओं के माध्यम से 52 हजार 562 स्थानों पर एक लाख बावन हजार से ज्यादा प्रकल्प चल रहे हैं।
राजनीतिक क्षेत्र में 21 अक्टूबर 1951 में भारतीय जनसंघ की स्थापना हुई। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ पं.दीनदयाल उपाध्याय, कुशाभाऊ ठाकरे, बलराज मधोक, नानाजी देशमुख, अटल बिहारी वाजपेयी, सुन्दर सिंह भंडारी व अन्य प्रचारकों को जनसंघ में कार्य के लिए भेजा गया। 1977 में जनता पार्टी की सरकार में जनसंघ भागीदारी रही। बाद में 6 अप्रैल 1980 को मुम्बई में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई। जो आज विश्व की सबसे ज्यादा सदस्यता वाला राजनीतिक दल माना जाता है।
अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम, , विधा भारती, भारत विकास परिषद, भारतीय किसान संघ, भारतीय इतिहास संकलन योजना, अखिल भारतीय साहित्य परिषद, भारतीय शिक्षण मण्डल, अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत, भारतीय सिन्धु सभा, संस्कार भारती, राष्ट्रीय सिख संगत, स्वदेशी जागरण मंच, संस्कृत भारती,अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद, अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद्,अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, विज्ञान भारती, लघु उद्योग भारती, सहकार भारती, प्रज्ञा भारती, क्रीड़ा भारती, नेशनल मेडिकोज, आरोग्य भारती, सक्षम, हिन्दू जागरण मंच, सामाजिक समरसता मंच विश्व विभाग, विवेकानन्द केन्द्र, दीनदयाल शोध संस्थान, सीमा जन कल्याण समिति संगठन भी संघ के अनुषांगिक संगठन हैं।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?
Published on:
01 Oct 2025 12:28 pm


यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।
हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है
दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।