AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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Unnao Rape Case: उन्नाव रेप कांड के आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर को हाईकोर्ट से जमानत मिलने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। दरअसल, जमानत मिलने के बाद पहले पीड़िता धरने पर बैठी थी, लेकिन अब दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शनकारियों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है। इसी बीच पीड़िता का एक बयान सामने है, जिसमें वह कह रही है कि आरोपी ने मेरे परिवार वालों की हत्या पहले ही करवा चुका है और अब वे लोग दबाव बनाने के लिए मेरे बच्चों को भी उठवा लेेंगे।
पीड़ित महिला ने सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिलने की उम्मीद जताई है। इसके साथ ही आरोपियों से वह असुरक्षित महसूस कर रही है। न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में पीड़िता ने कहा कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट पर पूरा विश्वास है और उम्मीद है कि अदालत उन्हें न्याय दिलाएगी। उन्होंने कहा कि वह यह लड़ाई सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि हर महिला की आवाज बनने के लिए लड़ रही हैं। पीड़िता का आरोप है कि यदि सीबीआई ने समय रहते कार्रवाई की होती, तो उन्हें पहले ही न्याय मिल जाता और कुलदीप सेंगर की जमानत खारिज हो जाती। उन्होंने कहा कि उनके साथ बलात्कार हुआ, उनके पिता की हत्या कर दी गई और परिवार के अन्य सदस्यों की भी जान गई। साथ ही, परिवार और गवाहों की सुरक्षा हटा ली गई, उनके पति की नौकरी चली गई और अब उनके बच्चे भी सुरक्षित नहीं हैं। पीड़िता ने आशंका जताई कि दबाव बढ़ाकर उनके बच्चों को नुकसान पहुंचाया जा सकता है।
आपको बता दें, दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्नाव बलात्कार मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे सेंगर की सजा 23 दिसंबर को निलंबित कर दी थी। कोर्ट ने कहा कि वह पहले ही सात साल, पांच महीने जेल में बिता चुके हैं। कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा को निलंबित करने के दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका पर 29 दिसंबर को सुनवाई होगी। शीर्ष अदालत की 29 दिसंबर की सुनवाई सूची के अनुसार, प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत, न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ इस याचिका पर सुनवाई करेगी।
गौरतलब है कि यह मामला साल 2017 का है, वर्तमान में भाजपा से विधायक विधायक कुलदीप सेंगर पर एक नाबालिग लड़का आरोप लगाती है कि उन्होंने उसे अपने आवास पर बुलाकर रेप किया है। पीड़िता ने बताया कि नौकरी देने के बहाने से उन्होंने आवास पर बुलाया और दुष्कर्म किया। पहले इस मामले की ज्यादा चर्चा नहीं थी, लेकिन इस मामले ने तब तूल पकड़ा जब पीड़िता ने न्याय न मिलने पर सीएम हाउस के बाहर आत्मदाह की कोशिश की। इसके बाद पीड़िता के पिता की पुलिस कस्टडी में मौत और फिर पीड़िता की कार का संदिग्ध एक्सीडेंट होने से पूरे देश में आक्रोश फैल गया था।
मामला इतना पेचीदा हो गया कि इसमें देश की सर्वोच्च न्यायालय को हस्तक्षेप करना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस मामले को दिल्ली ट्रांसफर किया गया। साल 2019 में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने कुलदीप सेंगर को दोषी मानते हुए उम्र कैद की सजा सुना दी और 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। जिसके बाद पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने उम्र कैद की सजा के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अब दिल्ली उच्च अदालत ने सेंगर की अपील लंबित रहने तक उसकी सजा पर रोक लगा दी है।
हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ पीड़ित अपनी मां और अपने वकील के साथ पहले कोर्ट के बाहर धरने पर बैठी थी, लेकिन दिल्ली पुलिस ने वहां से घसीटे हुए हटा दिया था। अब पीड़ित परिवार के समर्थन में जंतर-मंतर पर भारी भीड़ इकट्ठा हो रही है और कोर्ट के फैसले के खिलाफ नारेबाजी की जा रही है।
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Published on:
28 Dec 2025 05:42 pm


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