AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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शिवपुरी. बीएसी-सीएसी की बुधवार को होने वाली काउंसलिंग शिक्षकों के विरोध के बाद स्थगित कर दी गई है। बुधवार को सुबह से ही शिक्षक काउंसलिंग के लिए जिला शिक्षा केन्द्र पर एकत्रित होने लगे थे, लेकिन काउंसलिंग कमेटी के एक फरमान पर शिक्षकों में आक्रोश व्याप्त हो गया और उन्होंने विरोध करना शुरू कर दिया। जिला शिक्षा केंद्र पर बुधवार की सुबह से ही शासकीय शिक्षकों का जमाबड़ा शुरू हो गया था, क्योंकि आज जिले में रिक्त सीएसी के 59 व बीएसी के 22 पदों पर काउंसङ्क्षलग होनी थी। इस प्रक्रिया में लोकल कमेटी ने एक नया फरमान जारी कर दिया, जो कई शिक्षकों के गले नहीं उतरा तो उन्होंने विरोध दर्ज कराया। जिसके चलते आज होने वाली काउंसङ्क्षलग को फिलहाल स्थगित कर दिया गया। शिवपुरी जिले में सीएसी के 140 व बीएसी के 40 पद हैं, जिनमें से 59 सीएसी व 22 बीएसी के पदों पर आज बुधवार को काउंसङ्क्षलग होनी थी। यह नियुक्तियां शिक्षकों की वरिष्ठता सूची के आधार पर होनी थी, जिसके लिए जिलेभर के शिक्षक सुबह से ही जिला शिक्षा केंद्र पर पहुंचने लगे थे। अंदर काउंसङ्क्षलग प्रक्रिया चल रही थी तथा बाहर शिक्षक संगठनों के पदाधिकारी अपनी आपत्ति दर्ज करा रहे थे। हुआ यह कि काउंसङ्क्षलग के लिए बनाई गई पांच सदस्यीय कमेटी ने एक दिन पूर्व एक नियम लागू कर दिया कि जो शिक्षक उच्च प्रभार की काउंसङ्क्षलग में शामिल हैं तथा जिन्होंने प्रमोशन के लिए सहमति दे दी है, वे इस प्रक्रिया में शामिल नहीं होंगे, यानि वे अपात्र रहेंगे। जबकि इस तरह का कोई भी आदेश राज्य शिक्षा केंद्र की ओर से जारी नहीं किया गयाा था।
यह जताई शिक्षक संगठनों ने आपत्ति
उच्च शिक्षा प्रभार की काउंसङ्क्षलग पिछले एक साल से चल रही है, तथा जिन शिक्षकों ने प्रमोशन की सहमति दी है, उन्हें अभी तक प्रमोशन का आदेश भी नहीं दिया गया है। ऐसे में उन्हें काउंसङ्क्षलग से बाहर रखना, कहां तक उचित है। जबकि इस तरह का कोई भी आदेश राज्य शिक्षा केंद्र ने जारी नहीं किया है। आपत्ति दर्ज कराने के बाद ऐसे शिक्षकों को भी काउंसङ्क्षलग में शामिल करने की बात तो अधिकारी कहने लगे थे, लेकिन जो लोग इसमें शामिल होने ही नहीं आए, वे क्या करेंंगे?, इस सवाल पर अधिकारी निरुत्तर हो गए। वहीं जिले में कुछ सीएसी व बीएसी का मई माह में कार्यकाल पूरा हो गया था, लेकिन उन्हें पद से हटाया नहीं गया। जिसके चलते वे इस काउंसङ्क्षलग में शामिल ही नहीं हो पाए। ऐसे में शिक्षकों का कहना था कि कार्यकाल खत्म होने के बाद पद से न हटाने की गलती तो विभाग ने की है, तो हम उसका खामियाजा क्यों भुगतें। इन दोनों आपत्तियों के चलते दोपहर 12.30 बज ेकाउसंङ्क्षलग प्रक्रिया स्थगित कर दिया गया।
राज्य शिक्षा केन्द्र से मांगा मार्गदर्शन
शिवपुरी में यह प्रक्रिया पहले से ही लेट है, ऐसे में जिसकी काउंसङ्क्षलग उच्च शिक्षा प्रभार में हो गई, उसके प्रमोशन के बाद वो वहां चला जाएगा तो यह पद रिक्त हो जाएगा। जिसके लिए फिर से प्रक्रिया शुरू करनी पड़ेगी। इस मामले में हमने राज्य शिक्षा केंद्र से मार्गदर्शन मांगा है।
दफेदार ङ्क्षसह सिकरवार, डीपीसी शिवपुरी

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Published on:
01 Aug 2024 12:07 am


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