AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

ग्वालियर. ग्वालियर व्यापार मेला की शुरुआत में कुछ ही दिन शेष हैं, लेकिन वही मेला प्राधिकरण पिछले छह वर्षों से बिना अध्यक्ष के चल रहा है। भारतीय जनता पार्टी लगातार दो कार्यकाल से सत्ता में होने के बावजूद मेला प्राधिकरण सहित कई महत्वपूर्ण निकायों में नियुक्तियां नहीं कर सकी है। अब 16 दिसंबर से मलमास (खरमास) शुरू होने जा रहा है, जिसके चलते नई नियुक्तियों की संभावनाएं और क्षीण हो गई हैं। इससे पदाधिकारियों को अब अगले साल तक ही इंतजार करना पड़ सकता है। वर्तमान में ग्वालियर, ग्वालियर ग्रामीण, शिवपुरी और ङ्क्षभड की जिला कार्यकारिणी घोषित होने का इंतजार है।
प्रदेश सरकार और संगठन की लंबित नियुक्तियों में मेला प्राधिकरण, साडा, जीडीसीए, जनभागीदारी समिति, रोगी कल्याण समिति, जेल संदर्शक, वरिष्ठ पार्षद, एल्डरमैन एवं जिला कार्यकारिणी शामिल हैं। इनमें कई पद वर्षों से रिक्त पड़े हैं। खासकर मेला प्राधिकरण का अध्यक्ष छह साल से नियुक्त नहीं होने के कारण मेला संचालन पूरी तरह प्रशासनिक अधिकारियों के भरोसे चल रहा है।
हर वर्ष ग्वालियर मेला करोड़ों की व्यापारिक गतिविधियों, लाखों की भीड़ और बड़ी प्रशासनिक जिम्मेदारियों का केंद्र रहता है। ऐसे में अध्यक्ष की नियुक्ति का न होना कई सवाल खड़े करता है। मेला प्राधिकरण के अध्यक्ष के अभाव में योजनाएं, नई रूपरेखा और सुधार कार्य राजनीतिक नेतृत्व की दिशा के बिना ही संचालित हो रहे हैं। इससे न केवल पारदर्शिता पर असर पड़ता है, बल्कि मेला विकास की दीर्घकालिक योजनाएं भी प्रभावित होती हैं।
लंबे समय से इंतजार कर रहे वरिष्ठ कार्यकर्ताओं में असंतोष बढ़ा
राजनीतिक जानकारों के अनुसार, संगठन में चल रही नियुक्तियों की लंबी सूची और अंदरूनी समीकरणों के चलते यह मामला लगातार टलता जा रहा है। इस साल उम्मीद थी कि मेला शुरू होने से पहले नियुक्ति की घोषणा हो जाएगी, लेकिन अब 16 दिसंबर से मलमास शुरू होने के कारण कोई भी महत्वपूर्ण राजनीतिक निर्णय अगले माह तक स्थगित माना जा रहा है। ङ्क्षहदू परंपरा के अनुसार मलमास में शादी सहित शुभ कार्य निषिद्ध होते हैं और राजनीतिक दल भी इस अवधि में बड़े फैसले लेने से बचते हैं। मेला प्राधिकरण सहित अन्य निकायों में पदों का इंतजार कर रहे संभावित दावेदारों को निराश होना पड़ा है। कई वरिष्ठ कार्यकर्ता वर्षों से इन पदों की प्रतीक्षा कर रहे हैं, लेकिन बार-बार टलते निर्णयों ने संगठन के भीतर भी असंतोष की स्थिति पैदा कर दी है।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?
संबंधित विषय:
Published on:
13 Dec 2025 09:26 pm


यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।
हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है
दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।