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असल में सामाजिक संगठनों को अब शादी के फिजूल खर्चों को लेकर फिक्र होने लगी है

बायतु के जाट समाज ने मृत्युभोज में गेहूं की रोटी भी नहीं परोसने का निर्णय लिया है। बाजरे की रोटी(सोगरा) और कड़ी व दाल ही परोसी जाएगी। शादी समाारोह में यथासंभव बारात अब सुबह आएगी और शाम को रवाना हो जाएगी, दिन में ही फेरे होंगे जिससे डीजे, शाम की शराब की महफिल और महंगी रिसेप्शन पार्टी अपने आप ही रुक जाए।

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जाट समाज ने मृत्युभोज में गेहूं की रोटी भी नहीं परोसने का निर्णय

बाड़मेर असल में सामाजिक संगठनों को अब शादी के फिजूल खर्चों को लेकर फिक्र होने लगी है और हर समाज इसको नियंत्रित करने में है। बायतु के जाट समाज ने इसमें अच्छी पहल की है। पहला मंतव्य मृत्युभोज पर रहा है, जिसमें डोडा पोस्त, बीड़ी सिगरेट, अफीम और फिर नाना प्रकार की मिठाइयां बनने लग गई थी। इसको नियंत्रित करते हुए अब निर्णय हुआ कि व्यसन तो किसी प्रकार का नहीं होगा।

फिर मिठाइयां एकदम से बंद कर दी गई। इस पर भी बड़ा फैसला यह भी हुआ कि जब हमारा भोजन बाजरे की रोटी था और गेहंू खाते ही नहीं थे तो क्यों न फिर से बाजरे पर आया जाए। बस हो गया निर्णय और मृत्युभोज में अब बाजरे की रोटी ही परोसी जाने का फैसला हो गया। बायतु के जाट समाज ने मृत्युभोज में गेहूं की रोटी भी नहीं परोसने का निर्णय लिया है। बाजरे की रोटी(सोगरा) और कड़ी व दाल ही परोसी जाएगी। शादी समाारोह में यथासंभव बारात अब सुबह आएगी और शाम को रवाना हो जाएगी, दिन में ही फेरे होंगे जिससे डीजे, शाम की शराब की महफिल और महंगी रिसेप्शन पार्टी अपने आप ही रुक जाए। बेटी को सोना भी अब 5 तोला अधिकतम देंगे और संबंधियों का दी जाने वाली भेंट नहीं होगी।

दिन की शादी, खर्च आधा

शादी में डीजे नाइट, रिसेप्शन, रात को शराब की महफिल, शाम की शादी में लाइटिंग,शो, डेकोरेशन, रात बारह बजे तक धूम धड़ाका और अतिरिक्त इंतजामों को लेकर ऐतराज आए तो यह तय हुआ कि शादी दिन में ही हो जाए। दिन में ही एक खाना होगा। ऐसे में न तो शराब जैसे व्यसन को पिया जाएगा न परोसा जाएगा। डीजे व अन्य खर्चे भी अपने आप खत्म हो जाएंगे। ऐसे में अब दिन में शादी के फेरे होने से यह बदलाव फिजूल खर्ची पर बड़ा लगाम लगा गया।

देन-लेन पर भी पाबंदियां

सामाजिक स्तर पर बेटी की शादी पर बीस से पचास तोला तक सोना, तीन-चार किलोग्राम चांदी, अन्य भेंट, संबंधियों से बारातियों तक गिफ्ट ने लेन-देन को असीमित कर दिया। अब तय हुआ कि बेटी को केवल 5 तोला सोना अधिकतम दिया जाएगा। इसके अलावा सात थाली में ही दुल्हन के सारे गिफ्ट आ जाएंगे। सगे-संबंधियों और बारातियों को ओढावणी पाबंदी लगा दी है।

नशावृत्ति बंद

नशावृत्ति बंद कर दी गई है। गेहूं की बजाय बाजरा हमारा पारंपरिक भोजन रहा है तो अब मृत्यु के बारह दिनों में आने वालों को बाजरे की रोटी ही खिलाई जा रही है। यथा संभव एक दिन की शादी में दिन के फेरे का प्रस्ताव है, हालांकि रात में फेरे भी हो रहे है। दूल्हे के दाढ़ी नहीं रखी हुई होगी और डीजे पर पूर्ण प्रतिबंध है। सिमरथाराम चौधरी, सामाजिक प्रतिनिधि बायतु

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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