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किड्स कॉर्नर- चित्र देखो कहानी लिखो 33 …. बच्चों की लिखी रोचक कहानियां

किड्स कॉर्नर- चित्र देखो कहानी लिखो 33

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किड्स कॉर्नर- चित्र देखो कहानी लिखो 33
किड्स कॉर्नर- चित्र देखो कहानी लिखो 33

परिवार परिशिष्ट (11 जून 2025) के पेज 4 पर किड्स कॉर्नर में चित्र देखो कहानी लिखो 33 में भेजी गई कहानियों में ये कहानियां सराहनीय रहीं।

मां की सीख
एक बार की बात है। रोहित नाम का लड़का था। उसके स्कूल में अच्छे दोस्त थे। वे खूब खेलते मस्ती करते थे। एक बार उसके पापा का ट्रांसफर जयपुर हो गया। उसे वह जगह छोड़ कर जाना था। वह अपने दोस्तों को छोड़कर नहीं जाना चहता था। लेकिन फिर भी उसे जाना पड़ा, उसे बहुत बुरा लग रहा था।

नए शहर में उसका मन नहीं लग रहा था। स्कूल में भी उसका मन नहीं लग रहा था। वह सारे दिन बैठ कर अपने पुराने दोस्तों के बारे में सोचता रहता था। एक दिन वह बहुत उदास था। उसकी मां से उसकी हालत देखी नहीं गई। मां ने पूछा, तो रोहित ने सारी बात बता दी। तब मां ने उसे समझाया बेटा जिंदगी में ऐसे कई मोड़ आएंगे लेकिन हमें उनके साथ जीना आना चाहिए। उन्होंने अपने ऐसे कई अनुभव उसे बताए। रोहित को अपनी मां की बात समझ में आ गई और फिर उसके दोस्त भी बन गए।
वनिशा वैष्णव, उम्र-12वर्ष
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जादुई अलार्म घड़ी
राहुल को सुबह स्कूल जाने में बड़ी दिक्कत होती थी। मां रोज उसे उठाते-उठाते थक जाती। एक दिन उसके मामा शहर से उसके लिए एक तोहफा लाए, एक जादुई अलार्म घड़ी। उन्होंने कहा, ये घड़ी बहुत खास है। अगर इसे अनदेखा किया तो ये गाना भी गाएगी, नाचेगी भी और अगर फिर भी न उठे तो तुम्हारे सपनों में घुस जाएगी। राहुल ने हंसते हुए कहा, ऐसी घड़ी तो बस कहानी में होती है। लेकिन उसने घड़ी अपने सिरहाने रख ली।

अगली सुबह ट्रिंग ट्रिंग! घड़ी ने बजना शुरू किया। राहुल ने तकिया मुंह पर रख लिया। तभी घड़ी ने आवाज बदली, उठ जा राहुल, वरना सपने में आएंगे भालू! फिर तो घड़ी से रंग-बिरंगी रोशनी निकली और अचानक राहुल को सपना आया कि वह एक जंगल में है और भालू नाच रहे हैं। डर के मारे राहुल की नींद खुल गई और वह जोर से चिल्लाया, मां! मैं उठ गया! अब रोज राहुल समय पर उठता और मुस्कु राते हुए कहता है, इस घड़ी ने तो मेरी आदत ही बदल दी। सीख- अगर तकनीक का सही इस्तेमाल हो तो आलसी को भी समय का पाबंद बनाया जा सकता है।
सारांक्षी भटनागर, उम्र-12वर्ष
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प्यार से बढ़ती समझ
एक गांव में पिंटू नाम का एक लड़का रहता था। वह देर रात तक मोबाइल चलाया करता और सुबह देर तक सोता रहता। उसके पिता रोज उसे डांटते। लेकिन पिंटू की आदत नहीं सुधर रही थी। एक दिन पिंटू की मां ने उसे प्रेम से समझाने का फैसला किया। उन्होंने पिंटू को अपने पास बुलाया और कहा, पिंटू बेटा, तुम्हारी पढ़ाई और स्वास्थ्य दोनों बहुत महत्त्वपूर्ण हैं। देर रात तक मोबाइल चलाने से तुम्हारी नींद पूरी नहीं होती और सुबह तुम्हारी पढ़ाई भी प्रभावित होती है।

पिंटू की मां ने आगे कहा, बेटा, तुम्हारे पिता तुम्हें डांटते हैं क्योंकि वे तुम्हारे भविष्य की चिंता करते हैं। लेकिन मैं चाहती हूं कि तुम खुद समझो कि तुम्हारे लिए क्या सही है और क्या नहीं। पिंटू के मन पर अपनी मां की बातों का गहरा असर पड़ा। उसने अपनी आदत बदल दी और सुबह जल्दी उठने लगा। उसकी पढ़ाई में सुधार हुआ और उसके पिता भी खुश हो गए। इस कहानी से हमें यह सीखने को मिलता है कि बच्चों से प्रेम से बात करने का असर बहुत गहरा होता है।
हिमांशु पोरवाल,उम्र-13वर्ष
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सपनों की उड़ान
एक दिन अंशु सुबह-सुबह डर के मारे चिल्लाते हुए उठ बैठा। उसकी मां घबरा गईं और तुरंत उसके कमरे में आईं। मां ने पूछा, क्या हुआ बेटा? तुम इतने घबराए क्यों हो? अंशु ने कांपते हुए कहा, मां, मैंने बहुत अजीब सपना देखा। मैंने सपना देखा कि मैं जंगल में खो गया हूं और वहां एक बड़ा शेर मुझे खाने के लिए दौड़ रहा है।

मैं बहुत डर गया और भागता रहा। तभी अचानक एक पेड़ पर चढ़ गया, लेकिन वह पेड़ भी टूट गया और मैं गिर गया। फिर अचानक मैं उड़ने लगा और बादलों के ऊपर पहुंच गया। मां ने मुस्कराते हुए अंशु को गले लगाया और कहा, डरने की कोई बात नहीं है बेटा, ये सिर्फ एक सपना था। सपने कभी-कभी हमारे दिमाग की कल्पना होते हैं। अंशु ने निश्चय किया कि वह अब अपने सपनों से नहीं डरेगा, बल्कि उनसे कुछ नया सीखेगा। उस दिन के बाद अंशु ने अपने सपनों को एक डायरी में लिखना शुरू कर दिया और कल्पना की उड़ान भरते हुए एक दिन लेखक बनने का सपना देखने लगा।
मयंक, उम्र-13वर्ष
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एक सपना और पौधरोपण
एक बड़े शहर में अमन नमक लड़का रहता था। उसके स्कूल की छुट्टियां चल रही थीं। एक दिन उसकी मां ने जब उसे उठाया तो वह उठते ही बोला, मां एक बहुत ही अच्छा सपना देखा।

उसने बताया कि सपने में वह एक जंगल में अपने दोस्तों के साथ घूम रहा था। वहां उन्हें एक जिन्न मिला। उसने कहा, वह हमारी ख्वाहिशें पूरी देगा, लेकिन पहले सभी को दस-दस पौधे लगाने होंगे। क्या तुम लोगों को धरती मां की चिंता नहीं है? और फिर फिर मेरी आंख खुल गई। मां मैं पेड़ लगाऊंगा। और सभी को इसके लिए प्रेरित भी करूंगा।
आरना,उम्र-12वर्ष
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सुपरहीरो का राज
आरव पिछले दो दिन से बुखार से पीड़ित था। एक सुबह जब मां कमरे में आई, तो आरव बिस्तर पर बैठा दोनों हाथ हवा में फैलाए कुछ सोच रहा था। एक हाथ में चार उंगलियां और दूसरे में पांच। मां ने मुस्कु रा कर पूछा, क्या कर रहे हो बेटा? आरव धीरे से बोला, मां, मैंने एक सपना देखा। एक सुपरहीरो मेरे पास आया था। उसने कहा, अगर तुम चार और पांच को जोड़ दोगे, तो मैं फिर से तुमसे मिलने आऊंगा। मां ने हंसते हुए पूछा, तो तुमने क्या जोड़ा?

आरव बोला, मैं सोच रहा हूं 4 और 5 मिलकर 9 होते हैं लेकिन इसका मतलब क्या है? मां ने प्यार से उसके सिर पर हाथ फेरा और बोली, शायद सुपरहीरो ये कहना चाहता है कि जैसे 4 और 5 मिलकर कु छ नया बनाते हैं, वैसे ही तुम्हें अपनी हिम्मत और मुस्कान मिलाकर जल्दी ठीक होना है। आरव की आंखें चमक उठीं। तो अगर मैं जल्दी ठीक हो गया, तो क्या सुपरहीरो फिर से आएगा? मां मुस्कुराई, जरूर आएगा। क्योंकि असली सुपरहीरो वही होते हैं, जो बीमारी से भी लड़कर मुस्कराते हैं। सीख- हमारी कल्पना हमे बड़ी से बड़ी परेशानी से लड़ने की ताकत दे सकती है।

सुयश व्यास, उम्र-9वर्ष

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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