AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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जगदलपुर. मेडिकल कॉलेज डिमरापाल में स्वास्थ्य सेवाएं पटरी आने का नाम ही नहीं ले रहीं है। बड़ी मुश्किल से लंबे समय बाद यहां न्यूरो सर्जन की भर्ती हुई तो अब यहां डायलिसिस युनिट और सिटी स्कैन की सेवा बंद हो गई हैं। हालांकि इस बार कारण कुछ और है। बताया जा रहा है कि यहां काम करने वाले टेक्निशियनों का वेतन कम कर देने की वजह से लोगों ने नाराज होकर काम करने से मना कर दिया है। जिसकी वजह से यह युनिट अब पूरी तरह से बंद हो गया है। इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है और कई मरीजों की तो जान पर बन आई है।
मेकाज प्रबंधन कह रहा मशीन खराब है, सेवा के लिए महारानी रेफर
सिटी स्कैन और डायलिसिस युनिट बंद होने से मरीजों की जान पर बन आई है। क्योंकि यह सिटी स्कैन का अधिकतर प्रयोग आपातकालीन स्थिति में पड़ता है ओर डायलिसिस की जरूरत इसके मरीज को उस दिन बेहद आवश्यक हो जाता है। इसके कई मरीज को हर दूसरे दिन इसकी जरूरत पड़ती है। ऐसे में इन्हें ज्यादा एक जगह से दूसरे जगह करना या सेवा में देरी होने से जान जाने तक का खतरा हो जाता है। इधर मेकाज प्रबंधन मशीन खराब होने की बात कहकर मरीजों को महारानी अस्पताल या अन्य जगह भेज रहे हैं।
सिटी स्कैन में४ और डायलिसिस में ३ टेक्रिशियन ६ साल से कर रहे हैं काम
मेडिकल कॉलेज में डायलिसिस युनिट और सिटी स्कैन युनिट में कुल मिलाकर ७ लोग शिफ्ट वाइस काम करते थे। इसमें डायलिसिस युनिट में ३ और सिटी स्कैन युनिट में ४ टेक्निशियन काम करते थे। वेतन अचानक कम हो जाने के चलते नाराज होकर अपनी सेवा १ अगस्त से देना बंद कर दिया है। उनका कहना है कि इतनी कम राशि में परिवार चलाना संभव ही नहीं है। इस शिकायत को लेकर लंबे से मेकाज अधीक्षक से चर्चा की गई लेकिन कोई रास्ता नहीं निकला जिसके बाद उन्होंने विरोध स्वरूप काम बंद कर दिया है।
२५ हजार था वेतन अब घटाकर साढ़े १२ हजार कर दिया
दरअसल सिटी स्कैन में टेक्रिशियन के पद पर विक्रम प्रधान, पुष्पा, खिलेश्वर, उमेश निषाद काम करते हैं। वहीं डायलिसिस टेक्निशियन के पद पीलू बघेल, जोगेश्वर साहू, वेदवती गावड़े पदस्थ हैं। यह सभी २०१९ से अपनी सेवा दे रहे हैं। इस दौरान २५५०० वेतन दिया जा रहा था। लेकिन अचानक अप्रैल २०२४ से वेतन में कटौती करते हुए इन्हें सिर्फ १२८५० दिया जा रहा है। वेतन में इतनी कमी को देखते हुए प्रबंधन समेत अन्य लोगों से बात की गई लेकिन कोई राहत नहीं मिली।
जितना मिल रहा वेतन उतना तो ईएमआई
टेक्निशियनों का कहना है कि वे छह साल से सेवा दे रहे हैं। वेतन के आधार पर घर के जरूरी सामान ईएमआई पर ले लिए। लेकिन अब अचानक वेतन कम होने के बाद वेतन का पूरा हिस्सा ही ईएमआई में चला जा रहा है। अब बच्चों की स्कूल फीस और महीनेभर का राशन लाने के लिए पिछले चार महीने से कर्ज का सहारा ले रहे हैं। अब तो परिवार चलाना मुश्किल हो गया है।
वर्सन
फिलहाल सेवा बंद हैं। मरीजों के लिए व्यवस्था की जा रही है। जल्द ही नई नियुक्ति की जाएगी।
अनुरूप साहू, अधीक्षक, मेकाज
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
06 Aug 2024 08:23 pm


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