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एसआइआर में तमिलनाडु, बिहार से आगे निकला, 97.37 लाख नाम कटे

एक महीने से अधिक के एसआइआर के बाद मसौदा मतदाता सूची का प्रकाशन, विशेष शिविर चलाकर जोड़े जाएंगे नाम चेन्नई. तमिलनाडु में हुए विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) के तहत भारत निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को मतदाता सूची का मसौदा जारी किया। जैसे संकेत थे उसी अनुरूप 97 लाख से अधिक नाम सूची से कटे हैं। तुलनात्मक […]

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एक महीने से अधिक के एसआइआर के बाद मसौदा मतदाता सूची का प्रकाशन, विशेष शिविर चलाकर जोड़े जाएंगे नाम

चेन्नई. तमिलनाडु में हुए विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) के तहत भारत निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को मतदाता सूची का मसौदा जारी किया। जैसे संकेत थे उसी अनुरूप 97 लाख से अधिक नाम सूची से कटे हैं। तुलनात्मक रूप से देखा जाए तो यह संख्या बिहार में प्रकाशित मसौदा मतदाता सूची से भी अधिक रही। आयोग ने कहा कि तमिलनाडु विधानसभा चुनाव से पहले प्रकाशित होने वाली अंतिम मतदाता सूची में नाम जोड़ने की प्रक्रिया के लिए सप्ताहांत में विशेष शिविर लगाए जाएंगे। बता दें कि तमिलनाडु में एसआइआर की शुरुआत 4 नवंबर को हुई थी जो 14 दिसंबर को पूरी हुई।तमिलनाडु की मुख्य निर्वाचन अधिकारी अर्चना पटनायक ने एसआइआर के बारे में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए बताया कि इसकी शुरुआत से पहले राज्य में कुल मतदाताओं की संख्या 6 करोड़ 41 लाख 14 हजार 587 थी। इस सूची के अनुसार सभी को फॉर्म वितरित कर दिए गए थे। बूथ लेवल अधिकारियों ने घर-घर जाकर फॉर्म बांटे और वापस एकत्र भी किए। फिर पड़ताल के आधार पर सूची में से 97 लाख 37 हजार 831 नाम हटाए गए हैं।रह गए 5.43 करोड़ मतदातापटनायक के अनुसार एसआइआर के बाद अब 5 करोड़ 43 लाख 76 हजार 756 मतदाता रह गए हैं। इनमें महिला मतदाता 2 करोड़ 77 लाख 6 हजार 332, पुरुष मतदाता 2 करोड़ 66 लाख 63 हजार 233, अन्य 7191 और दिव्यांग मतदाता 4 लाख 19 हजार 355 हैं। मसौदा सूची शनिवार से पोलिंग बूथ पर उपलब्ध होगी। मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ यह सूची साझा कर दी गई है।

इन कारणों से कटे नाम

प्राप्त एसआइआर फॉर्म को सत्यापन के बाद प्रमुखत: चार श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है, जो दर्शाता है कि करीब पंद्रह प्रतिशत नाम सूची से कटे हैं।फॉर्म सही पाए गए : 5 करोड़ 43 लाख 76 हजार 755स्थान परिवर्तित अथवा गैरहाजिर : 66 लाख 44 हजार 881मृतक : 26 लाख 94 हजार 672कई स्थानों पर पंजीकृत : 3 लाख 39 हजार 278

नहीं कटे फॉर्म भरकर देने वालों के नाम

एक प्रश्न के जवाब में अर्चना पटनायक ने विश्वास दिलाया कि जिसने भी फॉर्म भरकर दिया है, उनके नाम नहीं कटे हैं। मतदाता सूची से नाम हटाने की एक प्रक्रिया होती है, ऐसे ही किसी का नाम नहीं हटा सकते हैं। मसौदा प्रकाशन के साथ ही दावों और आपत्तियों की अवधि भी शुरू हो चुकी है। 19 दिसंबर से 18 जनवरी 2026 के बीच सप्ताहांतों में मसौदा सूची की समीक्षा होगी। इसके लिए 234 इआरओ और 1776 सहायक इआरओ तैनात रहेंगे। एसआइआर फॉर्म वापस प्राप्त करने के दौरान ही बीएलओ ने 5 लाख 19 हजार 275 फॉर्म 6 प्राप्त किए जो मतदाता सूची में नाम जुड़वाने से जुड़े हैं।

इन नामों को नहीं किया शामिल

पटनायक ने बताया कि एसआइआर प्रक्रिया के दौरान अन्य प्रदेशों में जाकर बस चुके मतदाताओं, अनुपलब्धता, चौदह दिसंबर तक फॉर्म नहीं जमा कराने वालों व किन्हीं कारणों से मतदाता सूची में स्वयं को नहीं जोड़ने का इरादा रखने वाले मतदाताओं को शामिल नहीं किया गया है। ऐसे मतदाताओं की संख्या करीब बारह हजार हैं जो मतदाता सूची से खुद को अलग रखना चाहते हैं।

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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