Patrika Logo
Switch to English
होम

होम

वीडियो

वीडियो

प्लस

प्लस

ई-पेपर

ई-पेपर

प्रोफाइल

प्रोफाइल

जिले के पहाड़ो में आयरन का खजाना, शीतला के जंगल में 25 साल पुरानी खदान से खनन शुरू, राजस्थान की फैक्ट्रियों में जा रहा

काले पत्थर की चमक पड़ रही फीकी, पनिहार क्षेत्र की पहाडिय़ों में 45 से 65 फीसदी तक आयरन के अवशेष, यहां भी लीज दी जा रही

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

पूरी खबर सुनें
  • 170 से अधिक देशों पर नई टैरिफ दरें लागू
  • चीन पर सर्वाधिक 34% टैरिफ
  • भारत पर 27% पार्सलट्रिक टैरिफ
पूरी खबर सुनें
काले पत्थर की चमक पड़ रही फीकी, पनिहार क्षेत्र की पहाडिय़ों में 45 से 65 फीसदी तक आयरन के अवशेष, यहां भी लीज दी जा रही
काले पत्थर की चमक पड़ रही फीकी, पनिहार क्षेत्र की पहाडिय़ों में 45 से 65 फीसदी तक आयरन के अवशेष, यहां भी लीज दी जा रही

जिले के काले पत्थर से बनी गिट्टी की दूसरे राज्यों में खासी पहचान थी, लेकिन काले पत्थर की चमक फीकी पडऩे लगी है। अब आयरन की चमक बढ़ेगी। जिले में सांतऊ (शीतला माता मंदिर का जंगल) में आयरन की खदान शुरू हो गई है। यह पिछले 25 साल से बंद पड़ी थी। इस खदान से निकलने वाले पत्थर में 55 फीसद तक आयरन है। राजस्थान की फैक्ट्रियों में कच्चे माल के रूप में उपयोग होने के लिए पत्थर जा रहा है। वहीं दूसरी खदान पनिहार के पास दी जा रही है। पनिहार क्षेत्र के 40 हेक्टेयर भूमि में आयरन की पहाड़ी है। इन पहाड़ी में 45 से 65 फीसदी तक आयरन की मात्रा है। खनिज विभाग ने इसकी लीज जारी हो गई है। हांलाकि अभी खनन शुरू नहीं हुआ है। ज्ञात है कि जिले में आयरन की एक खदान है, जो मऊझ के जंगल में महेश्वरा गांव के पास है। यहां पर खनन भी किया जा रहा था। अब दूसरी खदान भी शुरू हो गई है।

शीतला के जंगल में आयरन की मौजदगी

-शीतला माता मंदिर के क्षेत्र की पहाड़ी में लाल पत्थर है। इन पहाड़ी में भी आयरन की मौजूदगी है। हालांकि पूरा क्षेत्र वन विभाग के अंतर्गत आता है। आयरन के लिए सर्वे किया गया था। ग्वालियर में आयरन मुरार ग्रुप का हिस्सा है। इस ग्रुप की पहाडिय़ों के पत्थर में आयरन की उपलब्धता रहती है।

- सांतऊ के पास एक बड़े पहाड़ पर खनन की अनुमति दी गई है। जिले में लोहा बनाने की फैक्ट्री नहीं है। इस कारण कच्चा माल दूसरे राज्यों के लिए जा रहा है।

काला पत्थर की खदानों में 200 फीट तक के गड्ढे

- ग्वालियर में बेरजा, पारसेन, बिलौआ व रफादपुर में काले पत्थर की खदाने हैं। बिलौआ की खदानों में 200 फीट तक के गड्ढे हो गए हैं। जिस तरह से यहां पर खनन किया जा रहा है, उस हिसाब से 10 साल के भीतर पत्थर खत्म हो जाएगा। गड्ढा और गहरा किया गया, उससे वह खतरनाक हो जाएगा।

- जिले में कुल 154 खदानें है, जिससे शासन को हर साल 75 करोड़ रुपए का राजस्व मिलता है। रेत व काले पत्थर की खदाने हैं।

- विभाग खनन के लिए नए विकल्प की तलशा में है। - सेंड स्टोन का भी खनन किया जाता है। सेंड स्टोन का निर्यात भी होता है।

काले पत्थर की खदानें हो चुकी हैं बंद

- काला पत्थर नया गांव, शताब्दीपुरम, छोंदा, मऊ-जमाहर में खनन किया जाता था, लेनिक यहां पर आबादी हो चुकी है। खदानें नगर निगम सीमा में आ चुकी हैं। नगर निगम सीमा की खदानें बंद हो चुकी है।

सबसे ज्यादा आयरन छत्तीसगढ़ की बैलाडीला की खदान में

वैसे आयरन खनन के लिए छत्तीसगढ़ की बैलाडीला की खदान प्रसिद्ध है। यहां से निकलने वाला कच्चे माल से उच्च गुणवत्ता का लोहा बनता है। यहां पर आयरन की मात्रा 75 फीसदी तक है।

रेत से शासन को हर साल 22 करोड़ की आय

सिंध नदी से निकलने वाले रेत से शासन को हर साल 22 करोड़ की आय हो रही है। 10 फीसदी बढ़ाकर हर सा ठेका दिया जाता है। सिंध नदी की रेत उत्तर प्रदेश तक जाती है, क्योंकि यह रेत प्लास्टर के लिए अच्छी मानी जाती है।

- लाल पत्थर की पहाडिय़ों से होते हुए सिंध नदी निकलती है। नदी में जो रेत आती है, उसका रंग लाल रहता है।

इनका कहना है

- आयरन खनन की 25 साल पुरानी लीज थी। इस लीज पर खनन शुरू किया गया है। यहां से निकलने वाला कच्चा माला राजस्थान जा रहा है।

घनश्याम यादव, जिला खनिज अधिकारी

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

अभी चर्चा में
(35 कमेंट्स)

अभी चर्चा में (35 कमेंट्स)

User Avatar

आपकी राय

आपकी राय

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?


ट्रेंडिंग वीडियो

टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

User Avatar