AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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सागर. बिजली कंपनी अब इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) पर शिकंजा कसने की तैयारी में है, क्योंकि जिले में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या 3 हजार से ज्यादा है, लेकिन चार्जिंग स्टेशन एक भी नहीं है। कंपनी को अंदेशा है कि इलेक्ट्रिक वाहनों को सार्वजनिक स्थानों या फिर सब्सिडी वाले घरेलू कनेक्शनों से अवैध रूप से चार्ज किया जा रहा है। इसी आशंका के चलते बिजली कंपनी इलेक्ट्रिक वाहन बेचने वाले डीलर्स से जानकारी मांग रही है कि उन्होंने अब तक जिले में कितने वाहन बेचे गए हैं ? उन खरीददारों के नाम, पता सहित पूरी जानकारी उपलब्ध कराएं। जिले में इसकी शुरूआत शहर डिवीजन से की गई है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही सागर ग्रामीण के साथ बीना, खुरई, देवरी, रहली, बंडा क्षेत्रों से भी यह जानकारी एकत्रित की जाएगी।
चार्जिंग कहां हो रही बिजली कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि मोपेड का उपयोग तो लोग खुद के उपयोग में कर रहे हैं, लेकिन ई-ऑटो व ई-रिक्शा का उपयोग व्यवसायिक रूप में किया जा रहा है। चूंकि जिले में एक भी चार्जिंग स्टेशन नहीं है तो वाहन विक्रेताओं से सूची लेने के बाद इसको लेकर जांच की जाएगी कि यह वाहन मालिक अपने ईवी की चार्जिंग कैंसे कर रहे हैं। इसमें यदि व्यवसायिक उपयोग होने वाले वाहनों की चार्जिंग सार्वजनिक स्थानों या अवैध तरीके से हो रही है तो कंपनी संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।
बिजली कंपनी को आशंका है कि अधिकांश ईवी मालिक अपने वाहनों की चार्जिंग अपने घरेलू कनेक्शन से कर रहे हैं और उसका उपयोग व्यवसायिक रूप में हो रहा है। यदि जांच में इस बात की पुष्टि होती है तो कंपनी संबंधित का घरेलू मीटर बदलकर व्यवसायिक लगा सकती है। कंपनी सूत्रों के अनुसार करीब एक सप्ताह पहले मुख्यालय स्तर से एक आदेश निकाला गया था, जिसमें अवैध रूप से ईवी चार्ज करने वालों पर केस दर्ज करने की भी बात शामिल थी, हालांकि दूसरे ही दिन कंपनी ने अपना यह आदेश बदल दिया।
इलेक्ट्रिक वाहनों के डीलर से खरीददारों की सूची मांगी है। इसकी शुरूआत फिलहाल शहर डिवीजन से की गई है, इसके बाद बाकी डिवीजन में भी यह व्यवस्था लागू करेंगे। पहले चार्जिंग कहां से की जा रही है यह पता करने जांच करेंगे, इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
डीएन चौकीकर, अधीक्षण अभियंता, सागर
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Published on:
06 Oct 2024 05:24 pm


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