AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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दुबई में पिछले हफ्ते भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री से तालिबान के कार्यकारी विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की मुलाकात से भारत व अफगानिस्तान के रिश्तों में नई करवट के संकेत मिल रहे हैं। तालिबान ने 2021 में सत्ता संभाली थी तब पाकिस्तान के साथ उसकी दोस्ती जगजाहिर थी। आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के कारण अब इस दोस्ती में दरार आ चुकी है। टीटीपी अफगानिस्तान की जमीन से पाक फौज पर हमले कर रहा है। तालिबान सरकार ने उस पर लगाम कसने के कदम नहीं उठाए इसलिए पाकिस्तान की भृकुटि तनी हुई है। अब भारत और अफगानिस्तान की बढ़ती नजदीकियों ने पाकिस्तान की नींद उड़ा रखी है। तालिबान सरकार का वह बयान पाक हुक्मरानों की किरकिरी बना हुआ है, जिसमें भारत को अफगानिस्तान का 'अहम क्षेत्रीय और आर्थिक साझेदार' बताया गया।
विक्रम मिस्त्री से मुत्ताकी की मुलाकात के बाद तालिबान ने और लचीला रुख दिखाते हुए भारत से गुजारिश की कि वह अफगान व्यापारियों, मरीजों और विद्यार्थियों के लिए वीजा सुविधा बहाल करे। अफगानियों को वीजा देना जटिल मुद्दा है। सबसे बड़ा कारण यह है कि भारत ने अब तक तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है। अफगानियों को यह सुविधा देने को लेकर भारतीय एजेंसियां सुरक्षा को खतरे का हवाला देती रही हैं। फिलहाल अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास में वीजा विभाग भी काम नहीं कर रहा है। तालिबान व्यापार, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत के साथ द्विपक्षीय सहयोग को फिर पटरी पर लाना चाहता है। इसीलिए वह वीजा की बहाली पर जोर दे रहा है। भारत को राजी करने के लिए वह वादा कर चुका है कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ नहीं होने दिया जाएगा।
भारत के प्रति तालिबान का बदला रुख द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ भू-राजनीतिक समीकरणों के लिहाज से भी अहम है। ईरान के चाबहार बंदरगाह के जरिए वह भारत के साथ व्यापार बढ़ाना चाहता है। यह बंदरगाह भारत बना रहा है। इससे पाकिस्तान के कराची और ग्वादर बंदरगाह को बाइपास कर अफगानिस्तान, ईरान और मध्य एशिया के दूसरे देशों से कारोबार का रास्ता खुलेगा। बांग्लादेश को लेकर इस्लामी देशों को लामबंद करने की पाकिस्तान की कोशिशों को भी तालिबान के नए रुख से झटका लगा है। तालिबान के साथ रिश्तों की बहाली में भारत को फूंक-फूंक कर कदम बढ़ाने होंगे। फिलहाल अफगानिस्तान में लोकतंत्र की बहाली के आसार नजर नहीं आते इसलिए भारतीय हितों को ध्यान में रखकर बीच का रास्ता निकाला जा सकता है।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
12 Jan 2025 08:55 pm


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