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पढ़ने से आत्मविश्वास, सृजनात्मकता और दृष्टिकोण में आया निखार

समाचार, पढऩे की आदत को लेकर पत्रिका ने एक रैंडम सैंपल सर्वे किया, जिसमें पाठकों से उनकी व्यक्तिगत कहानियां साझा करने को कहा गया। जिसमें बड़ी संख्या में पाठकों की प्रतिक्रियाएं मिलीं।

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समाचार, पढऩे की आदत को लेकर पत्रिका ने एक रैंडम सैंपल सर्वे किया, जिसमें पाठकों से उनकी व्यक्तिगत कहानियां साझा करने को कहा गया। जिसमें बड़ी संख्या में पाठकों की प्रतिक्रियाएं मिलीं। इसमें से कुछ चुनिंदा लोगों की प्रतिक्रिया को यहां ले रहे हैं…

1. पत्रिका समाज में निष्पक्ष और तर्कसंगत सोच विकसित करने का सशक्त माध्यम है। इसमें प्रकाशित समाचार और लेख विद्यार्थियों के ज्ञान को समृद्ध करते हैं और अध्यापन कार्य को अधिक प्रभावी बनाते हैं। साथ ही, पत्रिका सरकारी नीतियों और योजनाओं की जानकारी देकर जनता को जागरूक करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। डॉ बाबू लाल तसेरा, नौकरीपेशा

2. पत्रिका में प्रसिद्ध लेखकों द्वारा लिखे गए लेख और समाचार मुझे गहन ज्ञान और नई दृष्टि प्रदान करते हैं। इन्हें पढ़कर मेरा चिंतन समृद्ध होता है और विचारों को मजबूती मिलती है।कॉलेज निदेशक के रूप में मैं इन जानकारियों का उपयोग अपने छात्रों के मार्गदर्शन में करता हूँ। सीए सुभाष अग्रवाल, प्रोफेशनल

3. पिछले 15 वर्षों से राजस्थान पत्रिका मेरे जीवन का अभिन्न हिस्सा रही है, जिसने मुझे निरंतर ज्ञान और प्रेरणा दी।पत्रिका से मुझे व्यापार और लेखन की दिशा मिली और कई लेख मैगज़ीन में प्रकाशित हुए।आज मैं आभार व्यक्त करता हूँ कि पत्रिका के नियमित अध्ययन ने मुझे करियर और अभिव्यक्ति दोनों में सफलता दिलाई। -प्रिंस जोशी ,बिजनेस

4. मैं पिछले 10 वर्षों से नियमित रूप से राजस्थान पत्रिका पढ़ रहा हूँ और इसका परिवार परिशिष्ट मुझे बेहद रोचक लगता है।इसमें रसोई, बागवानी, स्वास्थ्य, पर्यटन और पर्यावरण जैसे विषयों पर उपयोगी जानकारी मिलती है।रेसिपी विशेषांक और परिवार पकौड़ा जैसी पहलें पाठकों को अपनी प्रतिभा दिखाने और जुड़ने का अवसर देती हैं। -रजनी मंगल ,गृहणी

5. आदिवासी बहुल गाँव के एक छोटे से छात्र की किताबों से हुई दोस्ती ने जीवन की दिशा बदल दी।कॉमिक्स से लेकर प्रेमचंद और वेद प्रकाश शर्मा तक की रचनाओं ने सोच को नया आयाम दिया।आज सरकारी विद्यालय का प्रधानाचार्य बनकर मैं मानता हूँ कि असली गुरु किताबें ही रही हैं। -ताराचंद राव ,नौकरीपेशा

6. राजस्थान पत्रिका मेरे लिए केवल अख़बार नहीं, बल्कि ज्ञान और प्रेरणा का स्रोत है।इसे पढ़ने से आत्मविश्वास, सृजनात्मकता और दृष्टिकोण में निखार आया है।समाचार, लेख और स्तंभों से जीवनोपयोगी सीख व समाजसेवा की प्रेरणा निरंतर मिलती रहती है। -डॉ. रमेशचन्द्र आगलेचा ,नौकरीपेशा

7. नियमित अध्ययन से नए विचार आते हैं और समाज को समझने की क्षमता बढ़ती है।पढ़ाई सही और ग़लत का फर्क सिखाकर हमें जागरूक और आत्मनिर्भर बनाती है।आज के युग में शिक्षा ही वह साधन है जो जीवन बदलकर दूसरों को प्रेरित करती है। कविता मीणा ,स्टूडेंट

8. रोज़ाना पत्रिका पढ़ने से ज्ञान का दायरा बढ़ता है और भाषा व अभिव्यक्ति निखरती है।यह आदत एकाग्रता, आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच को मजबूत बनाती है।नियमित अध्ययन व्यक्ति को जागरूक, अनुशासित और व्यक्तित्ववान नागरिक बनाता है। - अभिनव शर्मा नौकरीपेशा

9. समाचार पत्र पढ़ना दिमाग की कसरत के साथ देश-दुनिया और सरकारी योजनाओं की जानकारी देता है।यह आपदा-विपदा से सतर्क करता है और सोशल मीडिया के बावजूद इसकी उपयोगिता बनी हुई है।मैं और मेरा परिवार प्रतिदिन पत्रिका समाचार पत्र पढ़कर ज्ञान और जागरूकता बढ़ाते हैं। -राजकुमार मेहता बिजनेस

10. पत्रिका पढ़ने की आदत ज्ञान, भाषा और अभिव्यक्ति को समृद्ध बनाती है तथा सोच को व्यापक दृष्टि देती है।यह समसामयिक घटनाओं से अवगत कराकर रचनात्मकता और तर्कशक्ति को प्रोत्साहित करती है।राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भी पठन-पाठन संस्कृति को बढ़ावा देकर विद्यार्थियों को जागरूक नागरिक बनाने पर बल देती है। -संदीप पारीक ,प्रोफेशनल-संदीप पारीक ,प्रोफेशनल

11. सुबह-सुबह पत्रिका घर आकर देश-दुनिया की ताज़ा खबरों से दिन की शुरुआत कराती है।यह राजनीति, खेल, अर्थव्यवस्था, सामाजिक और सांस्कृतिक सरोकारों से जुड़ी उपयोगी जानकारी देती है।युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं, रोजगार और अधिकारों पर मार्गदर्शन मिलते हुए यह जीवन का भरोसेमंद साथी बन जाती है।-दातार सिंह शेखावत ,नौकरीपेशा

12. रोज़ाना पढ़ने की आदत मस्तिष्क को सक्रिय रखकर तनाव कम करती है और याददाश्त मज़बूत बनाती है।यह शब्दावली और लेखन कौशल को निखारते हुए एकाग्रता बढ़ाती है।नियमित अध्ययन सोच को विश्लेषणात्मक और संतुलित बनाने में मदद करता है। - ममता कडवासरा

13. मैं पिछले 35 वर्षों से पत्रिका का नियमित पाठक हूँ और शुरुआत में इसे लाने के लिए 8 किमी साइकिल से जाता था।पत्रिका से ही हिंदी भाषा, शब्दों का अर्थ और उनका सही प्रयोग सीखा है।आज मैं बच्चों और दूसरों को भी पढ़ने की आदत अपनाने के लिए प्रेरित करता हूँ। - अशोक बब्बर ,बिजनेस

14. सुबह-सुबह पत्रिका पढ़ने से ताज़ा समाचारों के साथ बहुमूल्य विचार और अनुभव भी मिलते हैं।यह हमें सही और ग़लत का ज्ञान देकर जीवन में दिशा दिखाता है।सोशल मीडिया की अफ़वाहों से बेहतर है पत्रिका का सत्यापित और विश्वसनीय समाचार पढ़ना। - सतीश कुमार पटेल ,प्रोफेशनल 15 बचपन में पिताजी से सुनते-सुनते ही पत्रिका से जुड़ाव हुआ और आगे चलकर मैं इसका नियमित पाठक बन गया।संपादकीय पृष्ठों से मिली ऊर्जा ने प्रतियोगी परीक्षा पास कर मुझे सरकारी सेवा तक पहुँचाया।पढ़ना केवल करियर नहीं बनाता, बल्कि हमें जिम्मेदार और संवेदनशील नागरिक भी बनाता है। - नीरज कुमार नामा ,प्रोफेशनल

16. रोज़ अखबार पढ़ने से ज्ञान का दायरा बढ़ा और सोचने का नज़रिया बदला है।अब किसी भी विषय पर आत्मविश्वास से अपनी राय रख सकता हूँ।अखबार ने सिखाया कि पढ़ाई सिर्फ़ परीक्षा के लिए नहीं, बल्कि बेहतर इंसान बनने के लिए ज़रूरी है। - कुशिवम डोडिया , स्टूडेंट

17. पत्रिका पढ़ने से समाज के प्रति जिम्मेदारी की भावना बढ़ी है।यह कमजोर वर्गों की मदद करने की प्रेरणा देती है।नियमित अध्ययन से सेवा और संवेदनशीलता की सोच विकसित होती है। - सतीश उपाध्याय,रिटायर्ड

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?


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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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