AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

प्रदेश में ईंट के भट्टों पर काम करने वाले श्रमिकों पर मौसमी बेरोजगारी का खतरा मंडराने लगा है। कारण है साल के 8 से 9 माह तक चलने वाले ये ईंट भट्टे अब 1 जनवरी से 30 जून तक ही चलेंगे। 1 जुलाई से 31 दिसम्बर तक ईंटें बनाने का कार्य नहीं होगा।
राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल (आरपीसीबी) की ओर से ईंट भट्टों के संचालन को लेकर आदेश जारी किया है। जिसके तहत प्रदेश में ईंट भट्टों का संचालन साल में सिर्फ छह माह तक किया जा सकेगा। एक अनुमान के अनुसार प्रदेश में चार से पांच हजार ईंट भट्टें है। पाली जिले में ही करीब 50 ईंट भट्टे चल रहे है। इनमें से प्रत्येक भट्टे से प्रत्यक्ष रूप से 20 से 25 लोगों के घरों में चूल्हा जलता है। इन भट्टों पर प्रदेश के लोगों के साथ उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश तथा बिहार आदि राज्यों के श्रमिक भी कार्य करते है। जिनके सामने छह माह तक बेरोजगारी का संकट गहरा गया है।
ईंट भट्टों को लेकर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) की ओर से निर्देश दिए है। जिसके तहत 24 जनवरी 2024 को बड़े समूहों में चल रहे ईंट भट्टों को नियंत्रित करने का आदेश थे। इसके बाद बाद ईंट भट्टा संघों ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए फायरिंग अवधि सीमित करने का प्रस्ताव रखा। राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल की ओर से 22 जनवरी 2025 को कार्यशाला हुई। जिसमें ईंट भट्टा संचालन की अवधि छह माह करना तय किया गया। जिसके तहत जुलाई से दिसंबर तक भट्टों की आग लगाना पूरी तरह बंद रहेगा।
ईंट भट्टों के संचालन पर प्रतिबंध से राज्य में चल रहे निर्माण कार्य प्रभावित होंगे। निर्माण कार्यों में ईंटों की मांग तो पूरे साल रहती है। अब निर्माण छह माह होने से मांग व आपूर्ति का संतुलन बिगड़ सकता है। जिससे ईंटों के दामों में भी बढ़ोतरी हो सकती है।
प्रदूषण नियंत्रण मंडल के आदेशों के तहत ईंट भट्टे 1 जनवरी से 30 जून तक ही चल सकेंगे। उसके बाद जुलाई से दिसम्बर तक बंद रखे जाएंगे।
अमित सोनी, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण मंडल, पाली
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?
Published on:
10 Mar 2025 08:48 pm


यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।
हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है
दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।