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पाली में बांडी नदी-औद्योगिक क्षेत्र देखकर नाराज हुए रिटायर्ड जज, बोले- ऐसी स्थिति में कैसे चल सकती है इंडस्ट्री?

टेक्सटाइल उद्योगों से नदियों में हो रहे रासायनिक प्रदूषण की जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट की गठित समिति ने दूसरे दिन भी पाली में निरीक्षण किया। सेवानिवृत्त जस्टिस संगीत लोढ़ा ने बांडी नदी और ट्रीटमेंट प्लांटों की स्थिति पर कड़ी नाराजगी जताई।

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retired Justice Sangeet Lodha
निरीक्षण करते सेवानिवृत्त जस्टिस संगीत लोढ़ा। फोटो- पत्रिका

पाली। जोजरी, लूणी और बांडी नदियों में टेक्सटाइल उद्योगों से हो रहे रासायनिक प्रदूषण के मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित जांच समिति के सदस्य रविवार को दूसरे दिन भी पाली में मौजूद रहे। सेवानिवृत्त जस्टिस संगीत लोढ़ा ने अपनी टीम के साथ पाली की बांडी नदी और औद्योगिक क्षेत्रों का करीब तीन घंटे तक गहन निरीक्षण किया।

निरीक्षण के दौरान जस्टिस लोढ़ा ने बांडी नदी के विभिन्न हिस्सों के साथ ट्रीटमेंट प्लांट संख्या एक, दो, तीन और छह का जायजा लिया। टीम ने नदी में उतरकर स्थिति देखी और अलग-अलग स्थानों से रंगीन पानी के सैंपल भी एकत्र किए। निरीक्षण के दौरान जस्टिस लोढ़ा ने सीईटीपी पदाधिकारियों से सख्त लहजे में कहा कि क्या आपने कभी नेहड़ा बांध जाकर स्थिति देखी है? मैं पूरा बेल्ट घूमकर आया हूं। जो हालात हैं, उसमें इंडस्ट्री कैसे चल सकती है?

जिम्मेदारों से पूछा सवाल

सुबह करीब सवा दस बजे जस्टिस लोढ़ा अपनी टीम के साथ निरीक्षण के लिए रवाना हुए। सबसे पहले रोटरी क्लब के पास बांडी नदी की स्थिति देखी। इसके बाद मंडिया रोड स्थित ट्रीटमेंट प्लांट संख्या एक और दो के पास पहुंचे। प्लांट के पीछे नदी में उतरकर निरीक्षण के दौरान नदी किनारे फैले कचरे को देखकर उन्होंने नाराजगी जताई और जिम्मेदार अधिकारियों से सवाल किया कि कचरा यहां क्यों पड़ा है। इसके बाद जस्टिस लोढ़ा ने ट्रीटमेंट प्लांट संख्या एक और दो का भी निरीक्षण किया और व्यवस्थाओं की जानकारी ली।

पानी की गुणवत्ता पर उठाए सवाल

जस्टिस लोढ़ा मंडिया रोड स्थित नगर निगम के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी पहुंचे। यहां उन्होंने पानी की गुणवत्ता का निरीक्षण किया और नगर निगम आयुक्त नवीन मेहता से पूछा कि उद्योगों द्वारा वर्तमान में कितना पानी उपयोग में लिया जा रहा है। आयुक्त ने बताया कि करीब एक साल से उद्योग इस पानी का उपयोग नहीं कर रहे हैं। इस पर सीईटीपी फाउंडेशन के सचिव सीपी चोपड़ा ने कहा कि पानी की गुणवत्ता सही नहीं होने के कारण इसे लेना बंद किया गया है।

स्लज का ढेर देख जताई नाराजगी

इसके बाद जांच टीम पूनायता औद्योगिक क्षेत्र पहुंची। यहां ट्रीटमेंट प्लांट संख्या तीन के सामने नदी में गिर रहे नाले की स्थिति देखी गई। इसके बाद ट्रीटमेंट प्लांट संख्या छह का निरीक्षण किया गया। प्लांट के पास स्लज का ढेर देखकर जस्टिस लोढ़ा ने नाराजगी जताई और पूछा कि इसका निपटारा किस तरह किया जाएगा। इस दौरान प्रदूषण नियंत्रण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी अमित सोनी ने बताया कि प्लांट में अवैध रूप से बिछाई गई पाइप लाइन का पता चलने पर हाल ही में उसे हटाने की कार्रवाई की गई है।

नेहड़ा बांध की स्थिति देखने की दी नसीहत

निरीक्षण के दौरान जस्टिस लोढ़ा ने सीईटीपी फाउंडेशन के अध्यक्ष अशोक लोढ़ा से कहा कि वे यह नहीं कह रहे हैं कि किसानों की हर बात सौ फीसदी सही है, लेकिन नेहड़ा बांध जाकर स्थिति देखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि उन्हें पता है कि पूरे क्षेत्र में क्या चल रहा है।

नदी में उतरकर देखा हाल, झाड़ियां कटवाने के निर्देश

जांच टीम पूनायता औद्योगिक क्षेत्र के पीछे के रास्ते से बांडी नदी में उतरी और वहां की स्थिति का जायजा लिया। किसान वागाराम विश्नोई ने आरोप लगाया कि कुछ उद्यमी चोरी-छिपे पाइप डालकर फैक्ट्रियों का रंगीन पानी नदी में छोड़ रहे हैं।

इस पर आरओ अमित सोनी ने बताया कि पूर्व में कार्रवाई की गई थी, लेकिन घनी झाड़ियों के कारण गहराई तक खुदाई नहीं हो सकी। इस पर जस्टिस लोढ़ा ने स्पष्ट निर्देश दिए कि झाड़ियों को कटवाया जाए। जस्टिस लोढ़ा ने जिला कलक्टर एलएन मंत्री से कहा कि मौजूदा हालात को देखकर स्पष्ट है कि ऐसी स्थिति में उद्योगों का संचालन गंभीर सवालों के घेरे में है।

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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