AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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Bihar Land Partition And Mutation: बिहार में दाखिल-खारिज और पारिवारिक बंटवारे के लिए नई प्रणाली लागू हो गई। सरकार ने इसको लेकर शनिवार को पोर्टल लांच किया। बिहार भूमि पोर्टल पर एक आवेदन से परिवार के सभी हिस्सेदारों के नाम उनके हिस्से की जमीन की जमाबंदी कायम होगी, इस पोर्टल पर दाखिल-खारिज भी होगा। डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने पत्रकारों से बात करते हुए ये बातें कही।
डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने कहा कि पहले पारिवारिक बंटवारे के बाद हर हिस्सेदार को अपने हिस्से की जमीन के लिए अलग-अलग दाखिल-खारिज कराना पड़ता था। बिहार भूमि पोर्टल पर अपील कर इससे बचा जा सकता है। प्रधान सचिव सीके अनिल के नेतृत्व में विभागीय टीम ने कम समय में नई व्यवस्था बनाई। इसे बिहार भूमि पोर्टल की दाखिल-खारिज सेवा में लागू कर दिया गया।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वजों की जमीन का विधिवत बंटवारा जरूर कराएं। जिनके यहां मौखिक बंटवारा के आधार पर जमीन पर कब्जा और उपयोग हो रहा है, वे इस नई सुविधा का लाभ उठाकर मौखिक बंटवारे को सरकारी दस्तावेजों में दर्ज कराएं। मौखिक बंटवारा आगे चलकर पारिवारिक भूमि विवाद का कारण बनता है, और ऐसे मामलों में लोग सरकारी योजनाओं और सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं।
उन्होंने कहा कि नई व्यवस्था में उत्तराधिकार-सह-बंटवारा की सुविधा भी है, जिससे पूर्वज की मौत के बाद जमीन का बंटवारा कर सभी उत्तराधिकारियों के नाम उनके हिस्से की जमीन पर एक साथ जमाबंदी होगी। अगस्त-सितंबर के राजस्व महा-अभियान में 46 लाख से ज्यादा आवेदन मिले, 40 लाख से ज्यादा बंटवारा और उत्तराधिकार नामांतरण के थे। इन आवेदनों को 31 दिसंबर तक अपलोड कर लिया जाएगा, जनवरी से मार्च में पंचायतों में शिविर लगाकर निष्पादन होगा।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
27 Dec 2025 07:52 pm


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