AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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Mahila Rojgar Yojana: बिहार में मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना को लेकर एक बार फिर सियासी बवाल खड़ा हो गया है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा करते हुए सरकार, चुनाव आयोग और पूरी चुनावी प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। RJD ने इस वीडियो के साथ तीखी टिप्पणी करते हुए लिखा है, “बात तो बिल्कुल वाजिब है। जब वोट पाने के लिए पैसे दिए गए थे, तो अब जब चुनावी रेवड़ी बांटने वालों को पैसे वापस चाहिए, तो वोट भी तो वापस करना पड़ेगा।” इस बयान के बाद बिहार की राजनीति में नया विवाद छिड़ गया है।
RJD ने आरोप लगाया है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से ठीक पहले मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत 10 हजार रुपये की राशि महिलाओं को बांटी गई। पार्टी का दावा है कि आचार संहिता लागू होने से महज एक दिन पहले इस योजना की घोषणा कर नियमों का उल्लंघन किया गया और बीच चुनाव महिलाओं में पैसे बांटे गए। RJD का कहना है कि अब जब चुनाव खत्म हो चुके हैं और सरकार बन चुकी है, तो उन्हीं पैसों को वापस वसूलने की कोशिश की जा रही है, जो लोकतंत्र के साथ मज़ाक है।
RJD ने अपने बयान में चुनाव आयोग पर भी तीखा हमला बोला है। पार्टी ने कहा कि यह वीडियो 'भाजपाई चुनाव आयोग और मुख्य चुनाव आयुक्त के मुंह पर तमाचा' है। RJD का आरोप है कि महिलाएं खुद स्वीकार कर रही हैं कि उन्हें पैसे दिए गए और बदले में उन्होंने और उनके परिजनों ने भाजपा-जदयू को वोट दिया। इसके बावजूद चुनाव आयोग इस 'अखंड सच' को नजरअंदाज कर रहा है।
वायरल वीडियो दरभंगा जिले के जाले विधानसभा क्षेत्र के अहियारी दक्षिणी गांव का बताया जा रहा है। वीडियो में गांव की महिलाएं साफ तौर पर कहती नजर आ रही हैं कि उन्हें महिला रोजगार योजना के तहत मिले 10 हजार रुपये वापस करने के लिए नोटिस दिया गया है। महिलाएं कह रही हैं कि वे पैसे खर्च कर चुकी हैं और अब वापस करने की स्थिति में नहीं हैं। उनका सीधा कहना है, 'अगर पैसे वापस चाहिए, तो हमारा वोट भी वापस कर दीजिए।' महिलाओं का कहना है कि यह राशि उन्हें लालच देकर दी गई थी और अब अचानक वसूली की बात करना अन्याय है।
दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत महिलाओं को 10 हजार रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान हुआ था। चुनाव संपन्न होने और सरकार बनने के बाद जब योजना के तहत भुगतान की समीक्षा शुरू हुई, तो दरभंगा जिले के जाले विधानसभा क्षेत्र के अहियारी गांव में एक अजीब स्थिति सामने आई।
जांच में पता चला कि योजना का लाभ महिलाओं को मिलना था, लेकिन कुछ मामलों में यह राशि महिलाओं के बजाय गांव के कुछ पुरुषों के बैंक खातों में चली गई। मामला अधिकारियों तक पहुंचा तो जांच कराई गई, जिसमें तीन लाभार्थियों की पहचान हुई, नागेंद्र राम, बलराम सहनी और राम सागर कुमार।
अधिकारियों के अनुसार, जिन पुरुषों के खातों में 10 हजार रुपये आए थे, वे बेहद गरीब और विकलांग हैं। इन लोगों ने मिली राशि खर्च भी कर दी। किसी ने छठ और दीपावली में खरीदारी कर ली, तो किसी ने रोजगार के लिए बत्तख और बकरियां खरीद लीं। इसके बाद संबंधित विभाग की ओर से प्रखंड परियोजना प्रबंधक के हस्ताक्षर से पत्र जारी कर इनसे राशि वापस करने का आदेश दिया गया। ग्रामीणों का दावा है कि ऐसे नोटिस सिर्फ तीन लोगों को ही नहीं, बल्कि कई अन्य खाताधारकों को भी मिले हैं।
नोटिस मिलने के बाद खाताधारकों और गांव के लोगों में नाराजगी है। जिन लोगों ने पैसे खर्च कर दिए हैं, उनका कहना है कि उनकी आर्थिक हालत इतनी खराब है कि वे अब यह राशि लौटा नहीं सकते। वे सरकार से इस राशि को माफ करने की मांग कर रहे हैं और साथ ही उन महिलाओं से भी माफी मांग रहे हैं, जिनके नाम पर यह योजना थी।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
16 Dec 2025 05:03 pm


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