AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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Surprising Cancer Symptoms: कैंसर एक ऐसी जानलेवा बीमारी है जो शरीर में कब घर कर जाती है पता भी नहीं चलता है। कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से को पहले अपनी चपेट में लेता है और फिर दूसरे अंगों को भी प्रभावित करने लगता है। डॉक्टर्स का मानना है कि अगर शुरुआत में इस बीमारी का पता लग जाए तो इसका बेहतर इलाज हो सकता है। इस जानलेवा बीमारी के लक्षण धीरे-धीरे सामने आते हैं जो किसी साधारण समस्या के जैसे ही लगते हैं और लोग इनको अनदेखा कर देते हैं। इस सामान्य लक्षणों में बिना वजह थकान महसूस होना, तेजी से वजन घटना, लम्बे समय तक खांसी रहना, या फिर किसी अंग में सूजन होना आदि हैं। इन पर ध्यान देना भी उतना ही जरुरी है जितना कि शरीर में हो रहे बाकी बदलावों पर देना होता है। शरीर में होने वाले छोटे-छोटे बदलाव भी किसी बड़ी बीमारी का इशारा करते हैं।
आज हम आपको सामन्य से दिखने वाले कुछ ऐसे ही लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे कि क्या ये भी कैंसर का संकेत दे सकते हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ मियामी के सिल्वेस्टर कॉम्प्रिहेंसिव कैंसर सेंटर में हेमेटोलॉजी विभाग के प्रमुख और मेडिसिन के प्रोफेसर, मिकाएल ए. सेकेरेस (एमडी, एमएस) ने कैंसर के 4 ऐसे लक्षणों के बारे में बताया है, जो बेहद चौंकाने वाले हैं और जिनको नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
मिकाएल ए. सेकेरेस ने बताया कि कैंसर से जुड़े कुछ आम लक्षणों में स्तन में गांठ महसूस होना, कमजोरी, रुक-रुककर पेशाब आना, कब्ज, दस्त या फिर लंबे समय तक रहने वाली खांसी शामिल हैं। ये लक्षण स्तन, प्रोस्टेट, कोलन/रेक्टम और फेफड़ों के कैंसर की ओर इशारा कर सकते हैं। मगर इनके अलावा कुछ ऐसे लक्षण भी हैं जो ऐसे है कि जिनकी ओर ध्यान न देना स्वाभाविक है। मगर ये बेहद चौंकाने वाले हैं। आइये जानते हैं कैंसर के 4 अनोखे लक्षणों के बारे में।
कैंसर के 4 चौंकाने वाले और अनोखे लक्षण कौन से हैं?
मिकाएल ए. सेकेरेस ने बताया कि मेरी एक मरीज थी, जिसको शिकायत थी कि जब भी वो शराब (वाइन) का सेवन करती थी तो उसको सीने में दर्द होने लगता था। और ये दर्द दो-तीन दिनों तक रहता था। सीटी स्कैन में पता चला कि उसके फेफड़ों में बड़ा ट्यूमर था। उसकी बायोप्सी से सामने आया कि वो हॉजकिन लिंफोमा (एक तरह का कैंसर) था।

उनका कहना था कि कई लोगों को शराब पीने के बाद सीने के निचले हिस्से या पेट में दर्द या जलन का अनुभव होता है, जो ग्रासनली या पेट की सूजन के कारण होता है, जिसे ग्रासनलीशोथ या गैस्ट्राइटिस कहते हैं। लेकिन शराब पीने के बाद शरीर के किसी विशिष्ट हिस्से में लगातार दर्द होना, जैसे कि लसीका ग्रंथि या पीठ के निचले हिस्से में दर्द होना हॉजकिन लिंफोमा कैंसर का संकेत हो सकता है।
वहीं, एक अध्ययन में पाया गया कि हॉजकिन लिंफोमा से पीड़ित कम से कम 5 प्रतिशत लोगों में यह समस्या पाई गई। ऐसा माना जाता है कि इस तरह का दर्द शराब के सेवन या सूजन पैदा करने वाले रसायनों के निकलने से लिम्फ नोड की रक्त वाहिकाओं के फैलने से होता है।
इसके आगे उन्होंने बताया कि किशोरावस्था में साइकिल से गिरने से कई बार बच्चों की हड्डी टूट जाती है, या फिर खेलते-कूदते वक्त हड्डी का टूटना कोई बड़ी बात नहीं है। हालांकि, उम्र के साथ हड्डियों का घनत्व और मजबूती कम हो सकती है। मगर एक मामूली सी चोट से हड्डी का टूटना सामान्य बात नहीं है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में हर साल लगभग 20 लाख ऑस्टियोपोरोसिस संबंधित फ्रैक्चर होते हैं। लेकिन एक मामूली सी चोट लगने से हड्डी टूटना (पैथोलॉजिकल फ्रैक्चर) सामान्य नहीं है, खासकर युवाओं में।

कुछ मामलों में इस तरह के फ्रैक्चर कैंसर का संकेत दे सकते हैं। इस तरह का फ्रैक्चर हड्डी में शुरू होने वाला या हड्डी तक फैलने वाला कैंसर हड्डी को कमजोर कर सकता है, और इसी वजह से पैथोलॉजिकल फ्रैक्चर हो सकते हैं। आपको बता दें कि लगभग 5 प्रतिशत कैंसर हड्डियों से जुड़े होते हैं। हड्डी के कैंसर से पीड़ित लोगों में, लगभग 8 प्रतिशत को पैथोलॉजिकल फ्रैक्चर होता है। वहीं, सबसे आम कैंसर स्तन, फेफड़े, थायरॉइड, गुर्दे और प्रोस्टेट में होते हैं। हड्डी से जुड़े कैंसर की पहचान एक्स-रे, सीटी स्कैन, एमआरआई या हड्डी स्कैन से की जा सकती है।
एक्सपर्ट्स के अनुसार, कई तरह की स्थितियां शरीर में कैल्शियम के लेवल को बढाती हैं, जैसे पैराथाइरॉइड ग्रंथि की असामान्यताएं, हाइपरथाइरॉइडिज्म या फिर कुछ खास दवाएं। 50,000 से ज्यादा लोगों पर किए गए एक अध्ययन से ये बात सामने आई कि जिनके शरीर में कैल्शियम का स्तर ज्यादा होता है उनको कैंसर होने का खतरा, कैल्शियम के सामान्य स्तर वाले लोगों की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा होता है।

इससे ये निष्कर्ष निकला कि खून में कैल्शियम का असाधारण रूप से बढ़ना (Hypercalcemia) कैंसर का संकेत हो सकता है। इसके लक्षण किडनी स्टोन का दर्द, हड्डियों में दर्द, मतली, कब्ज, मूड बदलना आदि हो सकते हैं। ऐसा होना लंग, ब्रेस्ट, किडनी, ब्लैडर, ओवरी, लिम्फोमा, मल्टीपल मायलोमा जैसे कैंसर के अलग-अलग प्रकारों से जुड़ा हो सकता है।
महिलाओं में एक कंडीशन पायी जाती है जिसे मैस्टाइटिस (Nastitis) जिसमें स्तनों में दर्द, सूजन या खुजली पैदा हो सकती है, और यह स्तनपान (Breastfeeding) कराने वाली महिलाओं में सबसे आम होती है। मगर इस तरह के दर्द के लिए भी डॉक्टर से सलाह ली जा सकती है। इसका कैंसर से कोई संबंध नहीं है। वहीं, अगर कोई महिला स्तनपान नहीं करा रही है और फिर भी उसको ब्रेस्ट में दर्द और सूजन जैसी समस्याएं हो रही हैं तो ये Inflammatory Breast Cancer कैंसर का संकेत हो सकता है और इसको नजरअंदाज करना हानिकारक हो सकता है।

इस तरह के कैंसर में महिलाओं को स्तन में दर्द, सूजन या फिर ब्रेस्ट की त्वचा का संतरे के छिलके जैसा गड्ढेदार हो जाना जैसी समस्याएं। अगर आपके साथ ऐसा होता है, तो डॉक्टर से मिल सकती हैं। इसकी पुष्टि के लिए स्तन बायोप्सी की आवश्यकता भी पड़ सकती है।
इसके अलावा निप्पल्स से तरल पदार्थ (Nipple Discharge) होने लगता है। निप्पल डिस्चार्ज के सबसे आम कारण ब्रेस्टफीडिंग, गर्भावस्था, हार्मोन असंतुलन या किसी प्रकार की चोट लगना भी हो सकता है। वहीं, अगर ये केवल एक स्तन में होता है, रुक-रुक कर होता है और समय के साथ बना रहता है, या फिर ब्रेस्टफीडिंग न कराने वाली महिलाओं में होता है तो ये इंफ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसर का संकेत हो सकता है। इसको नजरअंदाज करना आपके लिए नुकसान दायक हो सकता है।
आमतौर पर ऐसे लक्षण अपेक्षाकृत सामान्य डाइग्नोसिस का संकेत देते हैं। लेकिन ऐसी किसी भी चिंताजनक स्थिति से बचने के लिए आपको हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह मशविरा करना चाहिए।
(वाशिंगटन पोस्ट का यह आलेख पत्रिका.कॉम पर दोनों समूहों के बीच विशेष अनुबंध के तहत पोस्ट किया गया है।)
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Updated on:
18 Nov 2025 07:24 am
Published on:
18 Nov 2025 06:58 am


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