AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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Akhanda 2 Superstar Nandamuri Balakrishna : तेलुगु सिनेमा के सुपरस्टार नंदमुरी बालाकृष्णा जिनको देखते ही फैंस 'मन बलैया' जैसे जयकारा लगाने लगते हैं। ना केवल पर्दे पर बल्कि जमीनी स्तर पर भी इनका जादू दिखता है। कहते हैं कि ये भगवान की तरह पूजे जाते हैं। पर इसके पीछे का कारण सिर्फ फिल्म नहीं, बल्कि गरीब-बेबस लोगों के लिए काम करना भी है। नंदमुरी ने पत्रिका के साथ अपने कैंसर अस्पताल बनाने की इमोशनल कहानी बताई है। साथ ही मां को कैंसर से खोने का गमगीन किस्सा भी शेयर किया।
नंदमुरी की एक्शन ड्रामा फिल्म 'अखंडा 2: तांडवम' बॉक्स ऑफिस पर छप्पर फाड़ कमाई कर रही है। ये फिल्म रणवीर सिंह स्टारर फिल्म धुरंधर को भी कड़ी टक्कर दे रही है। अनुमान जताया जा रहा है कि फिल्म वीकेंड पर कोहराम मचाने को तैयार है।
सिनेमा में 50 साल पूरे होने पर इफ्फी 2025 में इन्हें सम्मानित किया गया। इसी दौरान नंदमुरी बालाकृष्णा से बातचीत हुई, जिसका किस्सा हम आपको नीचे बताने जा रहे हैं-

सवाल 1- आप भगवान के रोल में आते हैं, आपको लोग उसी तरह पूजते हैं पर आप खुद को क्या मानते हैं?
जवाब- नंदमुरी बालाकृष्णा कहते हैं कि मैं इंसान हूं। लोग मेरी फिल्मों को जितना प्यार देते हैं, उससे अधिक मुझे प्यार देते हैं। इसके पीछे का कारण सिर्फ फिल्म नहीं है। मैं लोगों की हर तरह सेवा कर रहा हूं। आंध्र प्रदेश के हिंदूपुर विधानसभा की जनता ने मुझे तीन बार विधायक चुना और मैंने हर बार सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ी। बेस्ट कैंसर अस्पताल बनवाया हूं ताकि कम खर्च में गरीब आदमी भी यहां पर इलाज करा पाए। बस यही सब कारण है कि लोग मुझे इतना प्यार करते हैं।
सवाल 2- कैंसर अस्पताल और आपकी मां का क्या किस्सा है?

जवाब- आंखों में आंसू लेकर कहते हैं, कैंसर कितनी खतरनाक बीमारी है, ये हर कोई जानता है। मेरी मां को कैंसर हो गया था। हमने बहुत इलाज कराया पर बेस्ट इलाज नहीं करा पाए। मां को कैंसर ने छिन लिया। तब से सोच रखा था कि जिस दिन काबिल हो गया, उस दिन कैंसर अस्पताल बनाना है। इसलिए, एक बेस्ट कैंसर अस्पताल मैंने बनवाया है। यहां पर सस्ते दाम में इलाज होता है। मेरी तरह कोई अनाथ ना हो, पैसे के अभाव में कैंसर का इलाज ना रूके… इसलिए अस्पताल बनवा दिया। उम्मीद है कि इसे और भी बड़ा बना पाएं ताकि अधिक से अधिक मरीजों का इलाज हो पाए।
बता दें, नंदमुरी बालाकृष्णा ने अपनी मां के नाम पर ये कैंसर संस्थान बनाया है। यह हैदराबाद में स्थित है। एक्टर बालाकृष्णा, बसवतारकम इंडो-अमेरिकन कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष भी हैं। उल्लेखनीय है, साल 2022 में आउटलुक हेल्थ बेस्ट हॉस्पिटल रैंकिंग (Outlook Health’s Best Hospital Ranking 2022) के मुताबिक, ये देश का दूसरा बेस्ट कैंसर अस्पताल बताया गया।
नंदमुरी ने महज 14 साल की उम्र में फिल्मों में काम शुरू किया। करीब 50 साल में 100 से अधिक फिल्में दे चुके हैं। 'ततम्मा कला' नंदमुरी की पहली फिल्म थी। साथ ही साल 1984 में आई 'सहसामे जीवथम' मूवी में बताैर लीड हीरो दिखे थे।
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Published on:
13 Dec 2025 03:53 pm


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