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Gene Therapy : अंधापन हो या कैंसर, जीन थेरेपी से इतनी सारी जानलेवा बीमारियों का इलाज संभव

Gene Therapy for Rare Disease : जीन थेरेपी को लेकर वैज्ञानिक लगातार शोध कर रहे हैं। इससे कई जानलेवा बीमारियों का इलाज भी किया जा रहा है। आज हम जानेंगे कि Gene Therapy कैसे मेडिकल साइंस के लिए वरदान साबित हो रहा है।

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जीन थेरेपी की प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo - Grok AI

Gene Therapy : मेडिकल साइंस में लगातार खोज हो रहे हैं। वैज्ञानिकों के प्रयास के कारण अब जानलेवा बीमारियों का इलाज संभव हो पाया है। यहां तक कि बच्चों में होने वाले अंधापन तक का इलाज भी किया जा सकता है। आज 'पत्रिका स्पेशल' में जीन थेरेपी (Gene Therapy Kya Hai) के बारे में जानेंगे कि क्यों ये बीमारियों के लिए अभिशाप और इंसानों के लिए वरदान की तरह है।

आखिर हम इसके बारे में क्यों बात कर रहे हैं? चलिए कुछ जानलेवा बीमारियों और उनके इलाज में जीन थेरेपी की भूमिका से समझने की कोशिश करते हैं-

इतनी सारी गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए संभावना जगी

Photo- Grok AI

हंटिंगटन: दर्दनाक आनुवंशिक बीमारी

हंटिंगटन एक बहुत दर्दनाक आनुवंशिक बीमारी बताई जाती है। ये पीड़ित के लिए खतरनाक होने के साथ ही परिवार के लिए भी सहना बेहद मुश्किल हो जाता है। केवल अमेरिका की बात करें तो इस बीमारी से लगभग 41 हजार लोग प्रभावित हैं। इसमें डीएनए (DNA) की एक गलती की वजह से दिमाग धीरे-धीरे गड़बड़ाने लगता है।

हालांकि, इसके लक्षण तुरंत पता नहीं चलते पर 30 या 40 साल की उम्र में दिखने शुरू हो जाते हैं। इसके साथ ही मरीज के व्यवहार में अलग-सा बदलाव दिखने लगता है। जैसे- याददाश्त कमजोर होना, चलना-फिरना और बोलना तक मुश्किल लगने लगता है। सोचिए, मरीज के लिए तो दुखदायी है ही पर परिवार को यह सब देखकर कैसा लगता होगा!

पर जीन थेरेपी के कारण इसके इलाज में संभावना दिखी। एक क्लिनिकल ट्रायल में बहुत अच्छे नतीजे देखने को मिले। जिन मरीजों को यह उपचार दिया गया, उनमें बीमारी का बढ़ना 75% तक स्लो हो गया। बता दें, यह परीक्षण इंग्लैंड में सिर्फ 29 मरीजों पर किया गया था। हालांकि, लंबे समय के परिणाम अभी तक स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि यह भविष्य में बहुत बड़ा कदम साबित हो सकता है। इसको लेकर अभी भी परीक्षण जारी है। उम्मीद है कि बीमारी की प्रगति 75% से कम करके 100 प्रतिशत तक पहुंच जाए।

दुर्लभ और खतरनाक लिवर बीमारी

जीन थेरेपी की एक और सफलता की कहानी सुनिए। मई में अमेरिका के फिलाडेल्फिया अस्पताल में एक दुर्लभ और खतरनाक लिवर बीमारी के साथ जन्म लिया था। डॉक्टरों के लिए नया था, पर इस बीमारी को जीन थेरेपी से उपचार किया गया। अब वह बच्चा कम दवाइयों पर सामान्य बच्चों की तरह बढ़ रहा है। साथ ही काफी हद तक हेल्दी लाइफ जी रहा है।

नोबेल पुरस्कार : जीन एडिटिंग तकनीक से पहला इलाज

इस उपचार में CRISPR नाम की जीन एडिटिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया। साथ ही इसके लिए साल 2020 में नोबेल पुरस्कार भी मिला था। यह पहला इलाज था जिसे एक ही मरीज के जीन को ठीक करने के लिए बनाया गया था। बता दें, यह तकनीक नई और बहुत महंगी है। इस तकनीक से इलाज कराना सबके लिए संभव नहीं है। पर वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि आगे चलकर इससे लाखों लोगों की मदद हो सकती है।

बच्चों में अंधापन रोकने में मदद

कुछ वर्षों में जीन थेरेपी की कई दवाएं भी आई हैं। FDA ने एक दवा का अप्रूवल दिया जो बच्चों में अंधापन रोकने में मदद कर रही है। साथ ही दूसरी तकनीक जो कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने में मदद कर सकती है। अधांपन और कैंसर ये दोनों ही कितने खतरनाक है, ये बताने की जरुरत नहीं है।

2023 में FDA ने पहली CRISPR दवा को मंजूरी

FDA ने पहली CRISPR दवा (Casgevy) को मंजूरी दी, जिससे सिकल सेल बीमारी (वंशानुगत रक्त विकार) का इलाज हो रहा है। बताया जा रहा है कि भविष्य के वर्षों में यह तकनीक और भी असंभव लगने वाली बीमारियों से लड़ने में मदद कर सकती है।

जीन थेरेपी वाकई मेडिकल जगत में क्रांति की तरह है। जब ये पूरी तरह से कारगर हो गया तो सोचिए, कितनी सारी जानलेवा व दुर्लभ बीमारियों को खात्मा करना आसान हो जाएगा। इसके लिए जीन थेरेपी पर रात-दिन काम कर रहे वैज्ञानिकों को दिल से आभार करना तो बनता है!

(वाशिंगटन पोस्ट का यह आलेख पत्रिका.कॉम पर दोनों समूहों के बीच विशेष अनुबंध के तहत पोस्ट किया गया है)

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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