AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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नई दिल्ली। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि नक्सलियों के साथ कोई सीज़फायर नहीं होगा। अगर उन्हें सरेंडर करना है, तो सीज़फायर करने की ज़रूरत ही नहीं है, उन्हें हथियार डाल देने चाहिए और पुलिस एक भी गोली नहीं चलाएगी। सरेंडर करने वालों का स्वागत है और हथियार उठाने पर गोली का जवाब गोली से दिया जाएगा। शाह ने कहा कि ऑपरेशन ब्लैक फ़ॉरेस्ट होते ही वामपंथी राजनीतिक दल ऑपरेशन रुकवाने के लिए पत्र पर पत्र लिखने लगे और नक्सलियों के समर्थकों की सारी छद्म सिम्पैथी एक्सपोज हो गई।
यहां विज्ञान भवन में नकल मुक्त भारत पर मंथन को संबोधित करते हुए शाह ने 31 मार्च 2026 तक देश से वामपंथी उग्रवाद को हमेशा के लिए खत्म करने के संकल्प को दोहराया। उन्होंने कहा कि जिनके हाथ में हथियार हैं, उन्हें आदिवासियों की चिंता नहीं है, बल्कि दुनियाभर से रिजेक्ट हो चुके वामपंथी विचार को जिंदा रखने की चिंता है। शाह ने यह भी कहा कि जब तक भारतीय समाज नक्सलवाद का वैचारिक पोषण, कानून समर्थन और वित्तीय पोषण करने वाले लोगों को समझ नही लेता तब तक नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई समाप्त नहीं होगी।
गृहमंत्री ने कहा कि एक जमाने में पशुपतिनाथ से तिरुपति तक फैले रेड कॉरिडोर का नारा लगाया जाता था, तो चिंता होती थी, मगर आज कोई इसका जिक्र करता है तो लोग हंसते हैं। पहले सरकार के रेस्पांस का स्टीयरिंग नक्सलियों के हाथ में था, मोदी सरकार में यह स्टीयरिंग गृह मंत्रालय के पास है, यह बहुत बड़ा नीतिगत परिवर्तन है। आत्मसमर्पण के बढ़ते आंकड़ें बताते हैं कि नक्सलियों के पास समय कम बचा है।
शाह ने इस धारणा को गलत ठहराया कि पिछड़ेपन के कारण नक्सलवाद की समस्या पैदा हुई। उन्होंने कहा कि जो लोग यह प्रचार कर रहे हैं कि वामपंथी उग्रवाद पिछड़ेपन के कारण फैला, वे देश को गुमराह कर रहे हैं। पिछड़े इलाकों तक विकास न पहुंचाने के पीछे का एक मात्र कारण नक्सलवाद है।
शाह ने कहा कि बड़े-बड़े लेख लिखकर सरकार को उपदेश देने वाले बुद्धिजीवी विक्टिम ट्राइबल के लिए लेख क्यों नहीं लिखते? उनकी संवेदना सिलेक्टिव क्यों है? मोदी सरकार सरेंडर की नीति को बढ़ावा देती है, मगर गोली का जवाब गोली से दिया जाएगा। जब तक छत्तीसगढ़ में विपक्षी पार्टी की सरकार थी, संयुक्त अभियानों में अधिक सहयोग नहीं मिलता था, 2024 में हमारी पार्टी की सरकार बनने के एक साल में 290 नक्सलियों को मार गिराया गया।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
29 Sept 2025 04:41 pm


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